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वाराणसी: वरुणा नदी का पानी रिहायशी इलाकों में घुसा, पलायन को मजबूर हुए लोग - वरुणा नदी

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में वरुणा नदी का कहर बढ़ता जा रहा है. नदी का पानी रिहायशी इलाकों तक पहुंच चुका है, जिसके चलते लोग पलायन को मदबूर हैं.

वरुणा नदी के उफान से रिहायशी इलाकों में घुसा पानी
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Published : Aug 19, 2019, 6:20 PM IST

Updated : Aug 19, 2019, 7:27 PM IST

वाराणसी: जनपद में गंगा की सहायक नदी वरूणा के उफान से लोग अपना घर छोड़ने को मजबूर हैं. पहाड़ों पर हो रही बरसात से जहां गंगा तेजी से सीढ़ियां चढ़ते हुए सड़क पर पहुंचने को बेताब है, वहीं वरुणा नदी ने अपना दायरा लांघते हुए रिहायशी इलाकों में घुसना शुरू कर दिया है.

वरुणा नदी के उफान से रिहायशी इलाकों में घुसा पानी.

हर साल लोगों को गंगा और वरुणा नदी के उफान से दिक्कतों का सामना करना पड़ता है

बनारस में हर बार गंगा और वरुणा नदी का जलस्तर बढ़ता है तो लोगों की मुसीबतें भी बढ़ जाती है. गंगा नदी घाट किनारे रहने वाले कुछ लोगों को ही परेशान करती है. वरुणा नदी ज्यादा तबाही मचाती है, क्योंकि वरुणा नदी के किनारे घनी बस्ती बस चुकी है और पक्के मकान बनाकर लोग यहां बड़ी संख्या में रहते हैं.

  • वरुणा के उफान से नदी के किनारे सटे सरैया, नई बस्ती, पुलकोहना, समेत कई अन्य इलाके पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में आ गए हैं.
  • घरों के अंदर के अंदर पानी घुसने से लोग अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थान की तरफ पलायन कर रहे हैं.
  • हालात यह हैं कि इलाकों में दर्जनों मकान पूरी तरह से पानी में डूब चुके हैं. वहीं सैकड़ो लोगों के सिर से छत छीन गई है.

बुनकरों की रोजी-रोटी खतरे में

महज 24 घंटे के अंदर वरुणा नदी अपने असली स्तर से करीब 8 से 10 फीट ऊपर चढ़ चुकी है. इसके चलते लोग अपनी बसी-बसाई गृहस्थी छोड़कर किराए के मकान या फिर सड़कों पर रह रहे हैं. लोगों का कहना है कि वरुणा नदी के उफान से हजारों लोग बेघर हो रहे हैं, लेकिन अभी तक प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा इनका हाल-चाल लेने नहीं पहुंचा है. जिन इलाकों में पानी बढ़ रहा है उन इलाकों में बनारसी साड़ी का भी कारोबार चलता है. पानी बढ़ने का सिलसिला लगातार जारी रहा तो हथकरघे और पावरलूम भी इसकी चपेट में होंगे. इसके बाद जल्द ही बुनकरों की भी रोजी-रोटी छीन जाएगी.

केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक गंगा नदी में 5 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पानी की बढ़ोतरी हो रही है. वाराणसी में खतरे का निशान 71.26 है. इस स्पीड से पानी बढ़ता रहा तो 24 घंटे के अंदर गंगा खतरे के निशान के करीब होगी. केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों पर यदि गौर करें तो वर्तमान में गंगा का जलस्तर 68.81 मीटर दर्ज किया गया है, जिसमें अभी बढ़ाव का क्रम जारी है.

वाराणसी: जनपद में गंगा की सहायक नदी वरूणा के उफान से लोग अपना घर छोड़ने को मजबूर हैं. पहाड़ों पर हो रही बरसात से जहां गंगा तेजी से सीढ़ियां चढ़ते हुए सड़क पर पहुंचने को बेताब है, वहीं वरुणा नदी ने अपना दायरा लांघते हुए रिहायशी इलाकों में घुसना शुरू कर दिया है.

वरुणा नदी के उफान से रिहायशी इलाकों में घुसा पानी.

हर साल लोगों को गंगा और वरुणा नदी के उफान से दिक्कतों का सामना करना पड़ता है

बनारस में हर बार गंगा और वरुणा नदी का जलस्तर बढ़ता है तो लोगों की मुसीबतें भी बढ़ जाती है. गंगा नदी घाट किनारे रहने वाले कुछ लोगों को ही परेशान करती है. वरुणा नदी ज्यादा तबाही मचाती है, क्योंकि वरुणा नदी के किनारे घनी बस्ती बस चुकी है और पक्के मकान बनाकर लोग यहां बड़ी संख्या में रहते हैं.

  • वरुणा के उफान से नदी के किनारे सटे सरैया, नई बस्ती, पुलकोहना, समेत कई अन्य इलाके पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में आ गए हैं.
  • घरों के अंदर के अंदर पानी घुसने से लोग अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थान की तरफ पलायन कर रहे हैं.
  • हालात यह हैं कि इलाकों में दर्जनों मकान पूरी तरह से पानी में डूब चुके हैं. वहीं सैकड़ो लोगों के सिर से छत छीन गई है.

बुनकरों की रोजी-रोटी खतरे में

महज 24 घंटे के अंदर वरुणा नदी अपने असली स्तर से करीब 8 से 10 फीट ऊपर चढ़ चुकी है. इसके चलते लोग अपनी बसी-बसाई गृहस्थी छोड़कर किराए के मकान या फिर सड़कों पर रह रहे हैं. लोगों का कहना है कि वरुणा नदी के उफान से हजारों लोग बेघर हो रहे हैं, लेकिन अभी तक प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा इनका हाल-चाल लेने नहीं पहुंचा है. जिन इलाकों में पानी बढ़ रहा है उन इलाकों में बनारसी साड़ी का भी कारोबार चलता है. पानी बढ़ने का सिलसिला लगातार जारी रहा तो हथकरघे और पावरलूम भी इसकी चपेट में होंगे. इसके बाद जल्द ही बुनकरों की भी रोजी-रोटी छीन जाएगी.

केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक गंगा नदी में 5 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पानी की बढ़ोतरी हो रही है. वाराणसी में खतरे का निशान 71.26 है. इस स्पीड से पानी बढ़ता रहा तो 24 घंटे के अंदर गंगा खतरे के निशान के करीब होगी. केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों पर यदि गौर करें तो वर्तमान में गंगा का जलस्तर 68.81 मीटर दर्ज किया गया है, जिसमें अभी बढ़ाव का क्रम जारी है.

Intro:स्पेशल:

वाराणसी: अस्सी और वरुणा के बीच बसा बनारस, कहते हैं अस्सी और वरुणा के बीच बसे शहर को ही वाराणसी के नाम से जाना जाता है लेकिन अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही इन दो नदियों में से वरुणा नदी ने इन दिनों न सिर्फ अपने अस्तित्व के होने का एहसास करा दिया बल्कि अपने किनारे बसे लोगों को बेघर भी कर दिया है. एक तरफ पहाड़ों पर हो रही बरसात से जहां गंगा तेजी से सीढ़ियां चढ़ते हुए सड़क पर पहुंचने को बेताब है, वही वरुणा ने अपना दायरा लांघते हुए रिहायशी इलाके का रुख कर लिया है. हालात यह हैं की वरुणा किनारे सटे सरैया, नई बस्ती, पुलकोहना, समेत कई अन्य इलाके पूरी तरह से वरुणा की बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. घरों के अंदर पानी घुस चुका है और लोग अब अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थान की तरफ पलायन कर रहे हैं. हालात ये हैं कि इन इलाकों में रहने वाले दर्जनों मकान पूरी तरह से पानी में डूब चुके हैं और सैकड़ो लोगों के सर से छत छिन गई है.

ओपनिंग पीटीसी- गोपाल मिश्र


Body:वीओ-01 बनारस में हर बार गंगा और वरुणा का बढ़ता है तो लोगों की मुसीबतें भी बढ़ जाती है गंगा तो घाट किनारे रहने वाले कुछ लोगों को परेशान करती है लेकिन वरुणा ज्यादा तबाही मचाती है क्योंकि वरुणा किनारे घनी बस्ती बस चुकी है और पक्के मकान बनाकर लोग बड़ी संख्या में रहते हैं हालात यह हैं गंगा में पानी बढ़ने का सिलसिला तेज हुआ तो इसका असर सीधे वरुणा नदी पर पड़ा महक 24 घंटे के अंदर वरुणा अपने असली स्तर से करीब 8 से 10 फीट ऊपर चढ़ चुकी है जिसकी वजह से आसपास के इलाके में रहने वाले लोगों को अपनी बसी बसाई गृहस्ती छोड़कर किराए के मकान में या फिर सड़कों पर अपना गुजर-बसर करना पड़ रहा है. वहीं लोगों का कहना है कि वरुणा की बढ़ने की वजह से हजारों लोग बेघर हो रहे हैं लेकिन अभी तक प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा इनका हाल-चाल लेने नहीं पहुंचा है जिसकी वजह से लोगों में जबरदस्त गुस्सा भी है. जिन इलाकों में पानी पहुंचा है उन इलाकों में बनारसी साड़ी का भी कारोबार चलता है अगर पानी के बढ़ने का सिलसिला लगातार जारी रहा तो हथकरघे और पावरलूम भी इसकी चपेट में होंगे और जल्द ही बुनकरों की भी रोजी-रोटी छिन जाएगी.

बाईट- कलीमुद्दीन, बाढ़ पीड़ित
बाईट- मोहम्मद इकराम, बाढ़ पीड़ित
बाईट- शबनम, बाढ़ पीड़ित


Conclusion:वीओ-01 एक तरफ जहां वरुणा लगातार ऊपर चल रही है वही गंगा अब खतरे के निशान से 2.40 मीटर ही दूर है. केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक गंगा में 5 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ोतरी हो रही है और खतरे का निशान 71.26 मीटर वाराणसी में है अगर इस स्पीड से पानी बढ़ता रहा तो 24 घंटे के अंदर गंगा खतरे के निशान के करीब होगी केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों पर यदि गौर करें तो वर्तमान में गंगा का जलस्तर 68.81 मीटर दर्ज किया गया है जिसमें अभी बढ़ाव का क्रम जारी है.

क्लोजिंग पीटीसी- गोपाल मिश्र

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Last Updated : Aug 19, 2019, 7:27 PM IST
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