वाराणसी: इन दिनों गंगा और वरुणा नदी के उफान से शहर के लोग काफी परेशान हैं. एक तरफ जहां गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण पानी सड़कों पर आ गया है, वहीं वरुणा नदी तबाही मचाने के लिए तैयार है. वरुणा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी से बनारसी साड़ी उद्योग में खासा असर पड़ने वाला है.
जिन इलाको में वरुणा नदी का पानी घुस रहा है, वह इलाका बुनकर बाहुल्य क्षेत्र है. इन इलाकों से बनारसी साड़ी उद्योग का 80% हिस्सा संचालित होता है क्योंकि इन इलाकों में पावरलूम लगाए गए हैं. इस बढ़ते जलस्तर के कारण त्योहारी मौसम में बनारसी साड़ी तैयार करने में जुटे कारीगरों को अपना घर छोड़कर जाना पड़ रहा है.
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वरुणा नदी के पार इलाकों जैसे सरैया, कोनिया पुलकोहना, पुरानापुल सहित लगभग 24 से अधिक जगहों पर बनारसी साड़ी उद्योग है. यहीं से बुनकर बनारसी साड़ियां तैयार कर गद्दी और शोरूम तक पहुंचाते हैं.
वहीं सितंबर माह में हमेशा इनका काम बड़ी तेजी से होता है, क्योंकि नवरात्रि से दशहरा और दिवाली के बाद शादी ब्याह की तैयारियों में साड़ियों की डिमांड बढ़ जाती है, लेकिन इस बार राजस्थान की चंबल और मध्य प्रदेश की दो अन्य नदियों से असमय आए पानी छोड़े जाने की वजह से गंगा और वरुणा का जलस्तर बढ़ गया है. इसी कारण कारोबार पूरी तरह ठप होता नजर आ रहा है. घर में पानी घुस जाने के कारण पावरलूम बंद करना पड़ रहा है और बुनकरों को घर छोड़ पलायन करना पड़ रहा है.
साड़ी तैयार करने वाले बुनकरों का ये है कहना
- कई पावरलूम काफी ज्यादा डूब गए हैं.
- पूरी तरह से पानी में डूबे होने के कारण पावरलूम तक पहुंच पाना मुश्किल है.
- स्थिति यह है कि ताना-बाना में पानी चला गया है.
- इसमें धागों से तैयार की जा रही साड़ियां भी फंसी हुई हैं.
- इसकी वजह से लंबा नुकसान होने की भी आशंका है.
- अगर हालात जल्द नहीं सुधरे तो आने वाले समय में बनारसी साड़ी उद्योग जो पहले से ही मंदी की चपेट में था, वह बाढ़ की कहर से और भी ज्यादा टूट जाएगा.