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ज्ञानवापी में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने का हुआ विरोध, विश्व वैदिक सनातन संघ ने खोला मोर्चा

ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने की मांग को लेकर विश्व वैदिक सनातन संघ ने मोर्चा खोल दिया.

ज्ञानवापी परिसर
ज्ञानवापी परिसर
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Published : Oct 4, 2022, 9:02 PM IST

वाराणसी: ज्ञानवापी प्रकरण में अदालत के निर्णय के पहले ही हिंदू समाज आर पार की लड़ाई के मूड में है. एक हिंदू पक्ष की तरफ से ज्ञानवापी परिसर में मिले तथाकथित परिसर में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग की है. जिसके बाद वादी पक्ष राखी सिंह के पैरोकार जितेंद्र सिंह बिसेन लगातार कार्बन डेटिंग का विरोध कर रहे हैं. मंगलवार को विश्व सनातन संघ के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संतोष सिंह ने कहा कि वह किसी भी हाल में शिवलिंग की कार्बन डेटिंग नहीं होने देंगे. इसके लिए हम निचली अदालत से लेकर ऊपर की अदालत में भी जाने के लिए तैयार हैं. लेकिन, कार्बन डेटिंग के नाम पर हिंदुओं की आस्था से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा.

जानकारी देते संतोष सिंह
संतोष सिंह आगे कहा कि यही वजह है कि हम इस केस को नॉर्मल तरीके से माता श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन करने की मांग को लेकर लड़ रहे हैं. लेकिन, हिंदूवादी पक्ष के दूसरे वकील सिर्फ अपने आप को पब्लिसिटी दिलवाने के लिए मुकदमा लड़ रहे हैं. जिस तरह से शिवलिंग कार्बन डेटिंग की मांग की गई है. वह कहीं से भी शास्त्र सम्मत नहीं है. क्योंकि हिंदू सनातन धर्म में किसी भी प्रतिमा या फिर शिवलिंग को खंडित नहीं किया जा सकता. कार्बन डेटिंग का शिवलिंग पर असर पड़ेगा. इसलिए विश्व वैदिक सनातन धर्म इसका विरोध कर रहा है और आगे भी विरोध करता रहेगा. सनातन संस्कृति और परंपरा को बचाने के लिए सीधे तौर पर वादी पक्ष राखी सिंह के वकील काम कर रह रहे हैं.

उन्होंने आगे कहा कि शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की जायेगी. तो, वह खंडित होगा. वैदिक सनातन धर्म में खंडित मूर्ति की पूजा का कोई विधान नहीं है. कार्बन डेटिंग हिन्दू समाज की भावनाओं के ऊपर ऊपर कुठाराघात होगा. इसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग करना अपने ही पैरों में कुल्हाड़ी मारने जैसा काम है. कार्बन डेटिंग या अन्य किसी प्रकार की वैज्ञानिक जांच पूरे परिसर की होनी चाहिए, न सिर्फ शिवलिंग की.

यह भी पढ़ें:ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामलाः शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग, वाराणसी में पोस्टर वार

यह भी पढ़ें:ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग पर हिंदू पक्ष में दो फाड़, पढ़िए पूरी खबर

वाराणसी: ज्ञानवापी प्रकरण में अदालत के निर्णय के पहले ही हिंदू समाज आर पार की लड़ाई के मूड में है. एक हिंदू पक्ष की तरफ से ज्ञानवापी परिसर में मिले तथाकथित परिसर में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग की है. जिसके बाद वादी पक्ष राखी सिंह के पैरोकार जितेंद्र सिंह बिसेन लगातार कार्बन डेटिंग का विरोध कर रहे हैं. मंगलवार को विश्व सनातन संघ के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संतोष सिंह ने कहा कि वह किसी भी हाल में शिवलिंग की कार्बन डेटिंग नहीं होने देंगे. इसके लिए हम निचली अदालत से लेकर ऊपर की अदालत में भी जाने के लिए तैयार हैं. लेकिन, कार्बन डेटिंग के नाम पर हिंदुओं की आस्था से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा.

जानकारी देते संतोष सिंह
संतोष सिंह आगे कहा कि यही वजह है कि हम इस केस को नॉर्मल तरीके से माता श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन करने की मांग को लेकर लड़ रहे हैं. लेकिन, हिंदूवादी पक्ष के दूसरे वकील सिर्फ अपने आप को पब्लिसिटी दिलवाने के लिए मुकदमा लड़ रहे हैं. जिस तरह से शिवलिंग कार्बन डेटिंग की मांग की गई है. वह कहीं से भी शास्त्र सम्मत नहीं है. क्योंकि हिंदू सनातन धर्म में किसी भी प्रतिमा या फिर शिवलिंग को खंडित नहीं किया जा सकता. कार्बन डेटिंग का शिवलिंग पर असर पड़ेगा. इसलिए विश्व वैदिक सनातन धर्म इसका विरोध कर रहा है और आगे भी विरोध करता रहेगा. सनातन संस्कृति और परंपरा को बचाने के लिए सीधे तौर पर वादी पक्ष राखी सिंह के वकील काम कर रह रहे हैं.

उन्होंने आगे कहा कि शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की जायेगी. तो, वह खंडित होगा. वैदिक सनातन धर्म में खंडित मूर्ति की पूजा का कोई विधान नहीं है. कार्बन डेटिंग हिन्दू समाज की भावनाओं के ऊपर ऊपर कुठाराघात होगा. इसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग करना अपने ही पैरों में कुल्हाड़ी मारने जैसा काम है. कार्बन डेटिंग या अन्य किसी प्रकार की वैज्ञानिक जांच पूरे परिसर की होनी चाहिए, न सिर्फ शिवलिंग की.

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