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UG प्रवेश परीक्षा कमेटी में BHU कुलपति और पूर्व चीफ प्रॉक्टर शामिल

देशभर में केंद्रीय विश्वविद्यालयों में सत्र 2021-20 22 के अंडर ग्रेजुएशन कोर्स की एक परीक्षा एक साथ कराने को लेकर भारत सरकार ने कमर कस ली है. इसके लिए बनी कमेटी में बीएचयू के कुलपति प्रो. राकेश भटनागर और सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ बिहार के प्रोफेसर एचसीएस राठौर को जगह मिली है.

varanasi news
काशी हिंदू विश्वविद्यालय.
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Published : Dec 27, 2020, 2:05 PM IST

वाराणसी: केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अगले सत्र 2021-22 से यूजी कोर्स की एक परीक्षा एक साथ कराने के लिए भारत सरकार ने मन बना लिया है. इसके लिए देश भर में एनटीए नीट की ही तर्ज पर कामन एप्टीट्यूड टेस्ट का आयोजित करेगा. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इस प्रणाली से एंट्रेंस टेस्ट और पैटर्न तय करने के लिए सात सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी में बीएचयू के कुलपति प्रो. राकेश भटनागर को सदस्य नियुक्त किया गया है.

बीएचयू के दो लोगों को कमेटी में मिला स्थान
इसके अलावा बीएचयू के पूर्व चीफ प्रॉक्टर व सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ बिहार के प्रोफेसर एचसीएस राठौर को भी कमेटी में स्थान मिला है. देशभर में एंटी की ओर से नीट की तर्ज पर कॉमन एप्टिट्यूड टेस्ट का आयोजन किया जाएगा. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इस प्रणाली में एंट्रेंस टेस्ट और पैटर्न तय करने के लिए 7 सदस्य कमेटी का गठन किया है, जिसमें काशी हिंदू विश्वविद्यालय के दो लोग शामिल हैं. कमेटी एक माह के अंदर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी. इसके बाद आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी.

इस व्यवस्था के बाद देश भर में 54 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में टेस्ट अनिवार्य हो जाएगा. उच्च शिक्षा विभाग के सचिव अमित खरे ने कहा कि अगले सत्र में इसे लागू कर दिया जाएगा. अभी तक दिल्ली के कई कॉलेजों में 12वीं कटऑफ या फिर सेल्फ एंट्रेंस के जरिए ही एडमिशन लिया जाता था.

वाराणसी: केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अगले सत्र 2021-22 से यूजी कोर्स की एक परीक्षा एक साथ कराने के लिए भारत सरकार ने मन बना लिया है. इसके लिए देश भर में एनटीए नीट की ही तर्ज पर कामन एप्टीट्यूड टेस्ट का आयोजित करेगा. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इस प्रणाली से एंट्रेंस टेस्ट और पैटर्न तय करने के लिए सात सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी में बीएचयू के कुलपति प्रो. राकेश भटनागर को सदस्य नियुक्त किया गया है.

बीएचयू के दो लोगों को कमेटी में मिला स्थान
इसके अलावा बीएचयू के पूर्व चीफ प्रॉक्टर व सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ बिहार के प्रोफेसर एचसीएस राठौर को भी कमेटी में स्थान मिला है. देशभर में एंटी की ओर से नीट की तर्ज पर कॉमन एप्टिट्यूड टेस्ट का आयोजन किया जाएगा. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इस प्रणाली में एंट्रेंस टेस्ट और पैटर्न तय करने के लिए 7 सदस्य कमेटी का गठन किया है, जिसमें काशी हिंदू विश्वविद्यालय के दो लोग शामिल हैं. कमेटी एक माह के अंदर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी. इसके बाद आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी.

इस व्यवस्था के बाद देश भर में 54 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में टेस्ट अनिवार्य हो जाएगा. उच्च शिक्षा विभाग के सचिव अमित खरे ने कहा कि अगले सत्र में इसे लागू कर दिया जाएगा. अभी तक दिल्ली के कई कॉलेजों में 12वीं कटऑफ या फिर सेल्फ एंट्रेंस के जरिए ही एडमिशन लिया जाता था.

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