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वाराणसी: वरुणा कॉरिडोर पर जल्द दौडेंगी गाड़ियां - कमिश्नर दीपक अग्रवाल

वाराणसी को जाम से निजात दिलाने के लिए प्रशासन ने नई कार्य योजना बनाई है. शहर के ट्रैफिक लोड को कम करने के लिए अब वरुणा कॉरीडोर का प्रयोग किया जाएगा, इसके माध्यम से शहर के कई रास्तों की दूरी को भी कम करने में मदद मिलेगी.

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Published : Dec 17, 2019, 11:58 AM IST

वाराणसी: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सपनों पर अब गाड़ियां फर्राटा भरेंगी. वरुणा कॉरिडोर पर जल्द ही मोटर साइकिल और ई-रिक्शा फार्राटा भरते नजर आएंगे. कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि कुछ काम बाकी है जो दो महीने में पूरा कर लिया जाएगा, जिसके बाद कॉरिडोर पर वाहन चल सकेंगे.

वरुणा कॉरिडोर पर जल्द दौडेंगी गाड़ियां.


वरुणा चैनेलाइजेशन योजना के अंतर्गत लगभग 210 करोड़ की लागत से बन रहे वरुणा कॉरिडोर मार्ग पर आगामी 2 से 3 माह के अंदर ई-रिक्शा एवं दो पहिया वाहन फर्राटा भरेंगे. जिससे शहर में आए दिन लगने वाले जाम की समस्या से लोगों को निजात मिलेगी. कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने अधिकारियों के साथ बाइक से स्वयं कॉरिडोर का निरीक्षण भी बीते दिनों किया था.

इसे भी पढ़ेंः-नागरिकता संशोधन कानून: प्रदर्शनकारियों की बुद्धि शुद्धि के लिए काशी में किया गया हवन

जो भी कमियां मिली है उसको जल्द दुरुस्त कराया जा रहा है. सिंचाई विभाग की तरफ से पाथवे पक्का किए जाने के बाद लगभग डेढ़ किलोमीटर कच्चे पाथवे को भी तैयार करने का काम किया जा रहा है. बीच में दो सीवर लाइन पड़ती हैं, जिसे लेकर भी काम शुरू हुआ है. एक रेलवे की लाइन आने की वजह से उस दिशा में भी एनओसी लेकर काम आगे बढ़ाया जा रहा है.
-दीपक अग्रवाल, कमिश्नर

वाराणसी: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सपनों पर अब गाड़ियां फर्राटा भरेंगी. वरुणा कॉरिडोर पर जल्द ही मोटर साइकिल और ई-रिक्शा फार्राटा भरते नजर आएंगे. कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि कुछ काम बाकी है जो दो महीने में पूरा कर लिया जाएगा, जिसके बाद कॉरिडोर पर वाहन चल सकेंगे.

वरुणा कॉरिडोर पर जल्द दौडेंगी गाड़ियां.


वरुणा चैनेलाइजेशन योजना के अंतर्गत लगभग 210 करोड़ की लागत से बन रहे वरुणा कॉरिडोर मार्ग पर आगामी 2 से 3 माह के अंदर ई-रिक्शा एवं दो पहिया वाहन फर्राटा भरेंगे. जिससे शहर में आए दिन लगने वाले जाम की समस्या से लोगों को निजात मिलेगी. कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने अधिकारियों के साथ बाइक से स्वयं कॉरिडोर का निरीक्षण भी बीते दिनों किया था.

इसे भी पढ़ेंः-नागरिकता संशोधन कानून: प्रदर्शनकारियों की बुद्धि शुद्धि के लिए काशी में किया गया हवन

जो भी कमियां मिली है उसको जल्द दुरुस्त कराया जा रहा है. सिंचाई विभाग की तरफ से पाथवे पक्का किए जाने के बाद लगभग डेढ़ किलोमीटर कच्चे पाथवे को भी तैयार करने का काम किया जा रहा है. बीच में दो सीवर लाइन पड़ती हैं, जिसे लेकर भी काम शुरू हुआ है. एक रेलवे की लाइन आने की वजह से उस दिशा में भी एनओसी लेकर काम आगे बढ़ाया जा रहा है.
-दीपक अग्रवाल, कमिश्नर

Intro:स्पेशल:

स्टोरी रैप से प्रेषित है।

वाराणसी: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अपनी सरकार के रहते हुए एक सपना देखा था, करोड़ों रुपए की लागत से वरुणा किनारे बनाए जाने वाले कॉरिडोर को गोमती रिवर फ्रंट जैसा लुक देकर बनारस में एक अलग और नई जहां डेवलप करने के इस सपने को अब तक पूरा नहीं किया जा सका. अखिलेश सरकार जाने के बाद योगी सरकार आई तो इस दिशा में प्रयास जरूर हुए लेकिन अब तक काम कछुआ गति से आगे बढ़ रहा है, लेकिन इन सबके पर अब अखिलेश के सपने पर गाड़ियां दौड़ाने की तैयारी कर ली गई है. गाड़ियां इसलिए क्योंकि अधिकारियों का कहना है कि बनारस में ट्रैफिक का बढ़ रहा लोड इस तरफ से गुजरने वाले रास्ते को शॉर्टकट की तरह इस्तेमाल करके घटाया जा सकता है. जिसकी तैयारी भी शुरू हो गई है और सरकारी टीमों ने निरीक्षण कर इस दिशा में काम भी शुरू कर दिया है.Body:वीओ-01 दअरसल वरुणा चैनेलाइजेशन योजना अंतर्गत लगभग 210 करोड़ की लागत से निर्मित वरुणा नदी के दोनों तटों पर निर्मित कॉरिडोर मार्ग पर आगामी 2 से 3 माह के अंदर ई-रिक्शा एवं दो पहिया वाहन फर्राटा भरेंगे. जिससे शहर में आए दिन लगने वाले जाम की समस्या से लोगों को निजात मिलेगा, वहीं यातायात व्यवस्था भी दुरुस्त होगी. कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने अधिकारियों के साथ बाइक से स्वयं वरुणा कॉरिडोर का निरीक्षण भी बीते दिनों किया था. उन्होंने बताया कि वरुणा नदी के दोनों तरफ सिंचाई विभाग द्वारा बनाए गए कॉरिडोर को ई-रिक्शा एवं दोपहिया वाहनों के लिए कॉरिडोर के रूप में विकसित कर प्रयोग किया जाएगा. तीन स्थानों पर रैंप बनाया जाएगा. कॉरिडोर मार्ग को दुरुस्त कराए जाने के साथ-साथ इस पर प्रकाश की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित कराया जाएगा. कमिश्नर का कहना है कि इसका सबसे बड़ा फायदा शहर में बढ़ रहे ट्रैफिक के लोड को कम करने में मिलेगा, क्योंकि वरुणा पार के इलाके से अगर किसी को राजघाट जाना होता है तो उसे चौकाघाट होकर जाना होता है. ऐसी स्थिति में ट्रैफिक की वजह से बाइक सवार और यह रिक्शा ऑटो रिक्शा वालों को काफी परेशानी होती है, लेकिन इस रास्ते के शुरू हो जाने के बाद शॉर्टकट के तौर पर वरुणा कॉरिडोर से होते हुए सीधे राजघाट स्थित सेवा आश्रम के पास लोग निकल सकेंगे और ट्रैफिक का लोड कम कर शहर में गाड़ियों की संख्या भी कम की जा सकेगी.Conclusion:वीओ-02 कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि जो भी कमियां मिली है या जिसकी आवश्यकता है, उसे युद्धस्तर पर प्रयास कर शीघ्र ही पूरा कराकर आगामी 2 से 3 माह के अंदर वरुणा नदी के दोनों तरफ बने कॉरिडोर को ई-रिक्शा एवं दोपहिया वाहनो के लिए खोल दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से इस कॉरिडोर का सदुपयोग होगा. कमिश्नर का कहना है कि फिलहाल सिंचाई विभाग की तरफ से पाथवे पक्का किए जाने के बाद लगभग डेढ़ किलोमीटर कच्चे पाथ वे को भी तैयार करने का काम किया जा रहा है. बीच में दो सीवर लाइन पड़ती है जिसे लेकर भी काम शुरू हुआ है. एक रेलवे की लाइन आने की वजह से उस दिशा में भी एनओसी लेकर काम आगे बढ़ाया जा रहा है.

बाइट- दीपक अग्रवाल, कमिश्नर वाराणसी मंडल

गोपाल मिश्र

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