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बनारसी लंगड़ा आम और पूर्वांचल की सब्जी के विदेशी हुए दीवाने, लगातार बढ़ रही डिमांड

पूर्वांचल की हरी सब्जियां और बनारसी लंगड़ा आम की विदेशों में लगातार डिमांड बढ़ती जा रही है. बढ़ती हुई डिमांड को देखते हुए अब जल्द ही बनारस का पैकिंग सेंटर बनकर तैयार होने वाला है.

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बनारसी लंगड़ा आम और पूर्वांचल की सब्जी
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Published : Jun 6, 2022, 6:22 PM IST

वाराणसी: पूर्वांचल की हरी सब्जियां हों या फिर बनारस का लंगड़ा आम इन सभी चीजों की डिमांड तेजी से सिर्फ यूपी और भारत के अलग-अलग राज्यों में नहीं बल्कि विदेशों में भी होने लगी है. कोविड-19 की पहली लहर के दौरान जब बनारस से लंगड़ा आम और हरी सब्जियां यूरोप समेत सऊदी अरब भेजी गईं. इसके बाद इन जगहों से डिमांड लगातार आना शुरू हो गई है.

बता दें, कि अभी हाल ही में बनारस से बड़ी मात्रा में पूर्वांचल की भिंडी और अन्य हरी सब्जियों को भेजा गया है. अभी तक इन सब्जियों और फलों को भेजने के लिए बनारस के पास अपना पैकिंग हाउस नहीं था. जिसके कारण सब्जियों को यहां से लखनऊ और लखनऊ में मानक के अनुरूप पैकिंग करने के बाद विदेशों में रवाना किया जाता था, लेकिन जल्द ही बनारस का पैकिंग सेंटर बनकर तैयार होने वाला है. इसके बाद हरी सब्जियां और फल दूसरे जिलों से नहीं बल्कि बनारस से ही सीधे विदेशियों को रवाना होंगे जिसके कई फायदे भी मिलेंगे.

एजीएम डॉ. सीबी सिंह

पढ़ेंः वाराणसी: पैसे निकालने के लिए अब एटीएम जाने की जरूरत नहीं, डाक विभाग घर बैठे आपको उपलब्ध कराएगी रकम

पैकिंग सेंटर को लेकर एपीडा के एजीएम डॉ. सीबी सिंह ने बताया कि कल तक बनारस से फल और सब्जियों को विदेशों में भेजने में सबसे बड़ी परेशानी आ रही थी. अपना पैकिंग हाउस बनारस के पास नहीं था. लेकिन पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस समस्या को समझते हुए बनारस को खुद का पैकिंग हाउस देने का ऐलान किया था, जो करखियांव में बनकर लगभग तैयार भी हो चुका है. इसके बन जाने के बाद सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि फल और सब्जियां जो दो-तीन दिन अतिरिक्त पैकिंग के लिए यहां से लखनऊ भेजने के बाद रवाना होती थीं, उन्हें अब सीधे यहीं से पैक करके तुरंत रवाना किया जा सकेगा.

इससे समय की तो बचत होगी साथ ही साथ सब्जियों और फलों के खराब होने की टेंशन भी कम हो जाएगी. इससे किसानों का फायदा भी बढ़ेगा और ज्यादा मात्रा में सब्जियों और फलों को भेजना संभव हो पाएगा. डॉ. सीबी सिंह का कहना है कि गाजीपुर की हरी मिर्च, चंदौली का ब्लैक राइस, हरी मटर, लौकी भिंडी परवल समेत कई अन्य हरी सब्जियों के अलावा बनारस का लंगड़ा आम और कुछ अन्य फल की डिमांड लगातार यूरोपियन कंट्री और गल्फ कंट्री से आ रही हैं. अभी हाल ही में गल्फ कंट्री के सबसे बड़े मॉल के साथ हमारा टाइअप हुआ है और वह लगातार डिमांड भेज रहे हैं. इसके बाद हमें समय पर डिलीवरी देना भी बहुत जरूरी हो जाता है. इसे ध्यान में रखते हुए पैक हाउस बनकर तैयार हो रहा है. इसमें कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था भी दी जा रही है ताकि सब्जियां यहां रखी भी जा सके और खराब भी न हों.

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डॉ. सीबी सिंह का कहना है कि इस पैक हाउस के बनकर तैयार होने का सबसे बड़ा फायदा पूर्वांचल के किसानों को मिलेगा. क्योंकि पूर्वांचल 10 जिलों के किसानों को इस पूरे काम से जोड़ा जा रहा है. जिसमें बनारस, गाजीपुर, बलिया, सोनभद्र, मिर्जापुर, गोरखपुर, चंदौली, आजमगढ़, मऊ, भदोही शामिल हैं. इन सभी जिलों के किसान इस काम से जुड़ने के बाद अपना प्रोडक्ट सीधे बनारस भेजेंगे और इसे यहां से पैक करने के बाद रवाना कर दिया जाएगा. डॉ. सीबी सिंह का कहना है कि अब उनकी निर्भरता लखनऊ पर नहीं रहेगी और बनारस से सीधे अंतरराष्ट्रीय विमान से इसे गल्फ कंट्री और यूरोपियन कंट्री में भेजा जा सकेगा.

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वाराणसी: पूर्वांचल की हरी सब्जियां हों या फिर बनारस का लंगड़ा आम इन सभी चीजों की डिमांड तेजी से सिर्फ यूपी और भारत के अलग-अलग राज्यों में नहीं बल्कि विदेशों में भी होने लगी है. कोविड-19 की पहली लहर के दौरान जब बनारस से लंगड़ा आम और हरी सब्जियां यूरोप समेत सऊदी अरब भेजी गईं. इसके बाद इन जगहों से डिमांड लगातार आना शुरू हो गई है.

बता दें, कि अभी हाल ही में बनारस से बड़ी मात्रा में पूर्वांचल की भिंडी और अन्य हरी सब्जियों को भेजा गया है. अभी तक इन सब्जियों और फलों को भेजने के लिए बनारस के पास अपना पैकिंग हाउस नहीं था. जिसके कारण सब्जियों को यहां से लखनऊ और लखनऊ में मानक के अनुरूप पैकिंग करने के बाद विदेशों में रवाना किया जाता था, लेकिन जल्द ही बनारस का पैकिंग सेंटर बनकर तैयार होने वाला है. इसके बाद हरी सब्जियां और फल दूसरे जिलों से नहीं बल्कि बनारस से ही सीधे विदेशियों को रवाना होंगे जिसके कई फायदे भी मिलेंगे.

एजीएम डॉ. सीबी सिंह

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पैकिंग सेंटर को लेकर एपीडा के एजीएम डॉ. सीबी सिंह ने बताया कि कल तक बनारस से फल और सब्जियों को विदेशों में भेजने में सबसे बड़ी परेशानी आ रही थी. अपना पैकिंग हाउस बनारस के पास नहीं था. लेकिन पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस समस्या को समझते हुए बनारस को खुद का पैकिंग हाउस देने का ऐलान किया था, जो करखियांव में बनकर लगभग तैयार भी हो चुका है. इसके बन जाने के बाद सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि फल और सब्जियां जो दो-तीन दिन अतिरिक्त पैकिंग के लिए यहां से लखनऊ भेजने के बाद रवाना होती थीं, उन्हें अब सीधे यहीं से पैक करके तुरंत रवाना किया जा सकेगा.

इससे समय की तो बचत होगी साथ ही साथ सब्जियों और फलों के खराब होने की टेंशन भी कम हो जाएगी. इससे किसानों का फायदा भी बढ़ेगा और ज्यादा मात्रा में सब्जियों और फलों को भेजना संभव हो पाएगा. डॉ. सीबी सिंह का कहना है कि गाजीपुर की हरी मिर्च, चंदौली का ब्लैक राइस, हरी मटर, लौकी भिंडी परवल समेत कई अन्य हरी सब्जियों के अलावा बनारस का लंगड़ा आम और कुछ अन्य फल की डिमांड लगातार यूरोपियन कंट्री और गल्फ कंट्री से आ रही हैं. अभी हाल ही में गल्फ कंट्री के सबसे बड़े मॉल के साथ हमारा टाइअप हुआ है और वह लगातार डिमांड भेज रहे हैं. इसके बाद हमें समय पर डिलीवरी देना भी बहुत जरूरी हो जाता है. इसे ध्यान में रखते हुए पैक हाउस बनकर तैयार हो रहा है. इसमें कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था भी दी जा रही है ताकि सब्जियां यहां रखी भी जा सके और खराब भी न हों.

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डॉ. सीबी सिंह का कहना है कि इस पैक हाउस के बनकर तैयार होने का सबसे बड़ा फायदा पूर्वांचल के किसानों को मिलेगा. क्योंकि पूर्वांचल 10 जिलों के किसानों को इस पूरे काम से जोड़ा जा रहा है. जिसमें बनारस, गाजीपुर, बलिया, सोनभद्र, मिर्जापुर, गोरखपुर, चंदौली, आजमगढ़, मऊ, भदोही शामिल हैं. इन सभी जिलों के किसान इस काम से जुड़ने के बाद अपना प्रोडक्ट सीधे बनारस भेजेंगे और इसे यहां से पैक करने के बाद रवाना कर दिया जाएगा. डॉ. सीबी सिंह का कहना है कि अब उनकी निर्भरता लखनऊ पर नहीं रहेगी और बनारस से सीधे अंतरराष्ट्रीय विमान से इसे गल्फ कंट्री और यूरोपियन कंट्री में भेजा जा सकेगा.

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