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बीएचयू में जल्द बनेगा वैदिक संग्रहालय

उत्तर प्रदेश के वाराणसी के बीएचयू (काशी हिंदू विश्वविद्यालय) में जल्द ही वैदिक संग्रहालय बनना शुरू होगा. इसका मॉडल तैयार कर लिया गया है. यह वैदिक विज्ञान केंद्र के तहत काम करेगा.

वैदिक विज्ञान केंद्र
वैदिक विज्ञान केंद्र
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Published : Dec 19, 2020, 8:49 AM IST

वाराणसीः जिले के काशी हिंदू विश्वविद्यालय के वैदिक विज्ञान विषय में छात्र अब वेदों-शास्त्रों व प्राचीन विज्ञान के बारे में गहन जानकारी प्राप्त कर सकेंगे. इसके लिए वैदिक संग्रहालय बनाया जाएगा. इसमें प्राचीन ग्रंथ और महान व्यक्तियों के जीवन दर्शन की जानकारी प्राप्त की जा सकेगी. वैदिक संग्रहालय बनाने के लिए 9.34 करोड़ रुपए स्वीकृति के साथ मॉडल को भी तैयार कर लिया गया है. जल्द ही इसका निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा. यह संग्रहालय वैदिक विज्ञान केंद्र के अंतर्गत आएगा. गौरतलब है कि विश्वनाथ मंदिर के पास वैदिक विज्ञान केंद्र का भवन भी हाल में बनकर तैयार हुआ है. इसका शिलान्यास व लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.

वैदिक संग्रहालय में खास
वैदिक संग्रहालय में साक्षी तारामंडल प्रयोगशाला बनाई जाएगी. इसमें प्राचीन ग्रंथों के बारे में हर जानकारी मिलेगी. वैदिक संग्रहालय में वैदिक परंपराओं और उनके साथ जुड़े ग्रंथ के रखे जाएंगे. यहां आर्यभट्ट, अगस्त ऋषि के जीवन दर्शन के बारे में भी छात्रों को बताया जाएगा. विज्ञान और तकनीकी के विकास में वैदिक काल में किए गए प्रयासों से जुड़े ग्रंथ और पांडुलिपियों को भी यहां देखा जा सकेगा.

वैदिक विज्ञान का विकास
प्रोफेसर उपेंद्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि वैदिक विज्ञान बहुत ही गहरा विषय है. वैदिक विज्ञान केंद्र धीरे-धीरे अपने विकास की ओर उन्मुख है. द्वितीय चरण में भवन के लिए हमें धन प्राप्त हुआ है. उसमें प्रमुख रूप से एक वैदिक संग्रहालय बनाया जाना है. संग्रहालय में वैदिक वेधशाला, अनेक प्रकार के प्रयोगशालाओं का निर्माण किया जाएगा. वैदिक लैब, योग के लैब, कृषि विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान, कृषि संबंधित एक लैब तैयार किया जाएगा. जितने भी प्रयोगधर्मिता से जुड़े विषय हैं उनकी प्रयोगशाला बनाई जाएगी. प्राचीन ज्ञान विज्ञान का आधुनिक विज्ञान की कसौटी ऊपर परीक्षण किया जाएगा.

वाराणसीः जिले के काशी हिंदू विश्वविद्यालय के वैदिक विज्ञान विषय में छात्र अब वेदों-शास्त्रों व प्राचीन विज्ञान के बारे में गहन जानकारी प्राप्त कर सकेंगे. इसके लिए वैदिक संग्रहालय बनाया जाएगा. इसमें प्राचीन ग्रंथ और महान व्यक्तियों के जीवन दर्शन की जानकारी प्राप्त की जा सकेगी. वैदिक संग्रहालय बनाने के लिए 9.34 करोड़ रुपए स्वीकृति के साथ मॉडल को भी तैयार कर लिया गया है. जल्द ही इसका निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा. यह संग्रहालय वैदिक विज्ञान केंद्र के अंतर्गत आएगा. गौरतलब है कि विश्वनाथ मंदिर के पास वैदिक विज्ञान केंद्र का भवन भी हाल में बनकर तैयार हुआ है. इसका शिलान्यास व लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.

वैदिक संग्रहालय में खास
वैदिक संग्रहालय में साक्षी तारामंडल प्रयोगशाला बनाई जाएगी. इसमें प्राचीन ग्रंथों के बारे में हर जानकारी मिलेगी. वैदिक संग्रहालय में वैदिक परंपराओं और उनके साथ जुड़े ग्रंथ के रखे जाएंगे. यहां आर्यभट्ट, अगस्त ऋषि के जीवन दर्शन के बारे में भी छात्रों को बताया जाएगा. विज्ञान और तकनीकी के विकास में वैदिक काल में किए गए प्रयासों से जुड़े ग्रंथ और पांडुलिपियों को भी यहां देखा जा सकेगा.

वैदिक विज्ञान का विकास
प्रोफेसर उपेंद्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि वैदिक विज्ञान बहुत ही गहरा विषय है. वैदिक विज्ञान केंद्र धीरे-धीरे अपने विकास की ओर उन्मुख है. द्वितीय चरण में भवन के लिए हमें धन प्राप्त हुआ है. उसमें प्रमुख रूप से एक वैदिक संग्रहालय बनाया जाना है. संग्रहालय में वैदिक वेधशाला, अनेक प्रकार के प्रयोगशालाओं का निर्माण किया जाएगा. वैदिक लैब, योग के लैब, कृषि विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान, कृषि संबंधित एक लैब तैयार किया जाएगा. जितने भी प्रयोगधर्मिता से जुड़े विषय हैं उनकी प्रयोगशाला बनाई जाएगी. प्राचीन ज्ञान विज्ञान का आधुनिक विज्ञान की कसौटी ऊपर परीक्षण किया जाएगा.

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