वाराणसी: ज्ञानवापी एएसआई सर्वे के बीच अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने श्रृंगार गौरी मूल वाद में जिला जज की अदालत में एक आवेदन देकर कहा है कि मीडिया उन स्थानों कि तथ्यहीन रिपोर्टिंग कर रहा है जिनका सर्वे अभी शुरू ही नहीं हुआ है. इस तथ्यहीन रिपोर्टिंग को करने से मीडिया को रोका जाए. अदालत ने मामले में पक्षकारों से आपत्ति तलब करते हुए सुनवाई की तिथि 9 अगस्त नियत की है.
वाराणसी जिला जज की अदालत में श्रृंगार गौरी मूल वाद में राखी सिंह की तरफ से दिए गए उस आवेदन पर सुनवाई होनी है. जिसमे ज्ञानवापी परिसर को सुरक्षित और संरक्षित करने की मांग की गई है. इस मुद्दे पर अंजुमन इंतजामिया ने आपत्ति देने के लिए कोर्ट से अगली तारीख पर समय मांगा था. अदालत ज्ञानवापी परिसर को सुरक्षित और संरक्षित करने के मुद्दे पर बहस सुनेगी. इसक बाद आदेश आने की संभावना है.
वहीं सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट आकाश वर्मा की अदालत में मंगलवार को ज्ञानवापी से जुड़े एक अन्य वाद में सुनवाई हुई. कोर्ट में मुस्लिम पक्ष की दाखिल अर्जी पर सुनवाई हुई. मुस्लिम पक्ष ने वाद पत्र में दर्शाए गए साक्ष्य के प्रपत्र को उपलब्ध कराने की गुहार लगाई गई थी. वादी पक्ष ने इसका विरोध करते हुए कहा कि इसके संबंध में हर जगह प्रतिवादी प्राप्त कर सकता है. कोर्ट ने दोनो पक्षों के सुनने के बाद आदेश हेतु 19 अगस्त की तिथि नियत की है.
इस प्रकरण के अनुसार ज्योतिर्लिंग आदि विश्वेश्वर विराजमान की तरफ से बड़ी पियरी निवासी अधिवक्ता अनुष्का तिवारी व इंदु तिवारी ने कोर्ट में वाद दाखिल की है. इसमें ज्ञानवापी स्थित आराजी पर भगवान का मालिकाना हक घोषित करने और केंद्र व राज्य सरकार से भव्य मंदिर निर्माण में सहयोग और ज्ञानवापी की बैरिकेडिंग हटाने की मांग की गई है.
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