वाराणसी: महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सम्मान के बिना किसी भी समाज को सभ्य समाज नहीं कहा जा सकता है. यही कारण है कि महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा और सम्मान सरकार की प्राथमिकताओं में से एक हैं. जहां बेटियों को पुरुषों के समान अवसर दिया जा रहा है, वहीं, बेटियां भी समाज में बढ़-चढ़कर प्रतिभाग कर रही हैं, जिसकी एक तस्वीर सरकारी आंकड़ों में भी नजर आ रही है. जी हां, पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के सरकारी आंकड़ें बेटियों के आत्मनिर्भर होने की गवाही दे रहे हैं.
बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने और तमाम सुविधाएं मुहैया कराने के लिए सरकार अनेक योजनाओं का संचालन कर रही है. खास बात तो यह है कि वास्तविकता के धरातल पर उन योजनाओं का लाभ बेटियों को मिल रहा है. यह बात हम नहीं कह रहे, बल्कि सरकारी आंकड़ें बता रहे हैं. यदि हम कुछ योजनाओं पर नजर डालें, तो वाराणसी में निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत 19 जून 2022 तक 2.29 लाभार्थियों को लाभ दिया जा चुका हैं.
रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष के तहत मंडल में 360 महिलाओं और बालिकाओं को लाभ दिया गया है. वन स्टॉप सेंटर में 19 जून 2022 तक 5000 से ज्यादा महिलाओं को मदद पहुंचाई गई. इसके साथ ही मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत जून 2021 से 19 जून 2022 तक 744 छात्रों को आर्थिक सहायता दी जा चुकी है. मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत जुलाई 2021 से 19 जून 2022 तक 458 बच्चों को आर्थिक सहायता दी गई है. वहीं, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत 19 जून 2022 लगभग 1.15 लाख बालिकाओं को लाभान्वित किया जा चुका है.
शिकायत दर्ज कराने में अब नहीं झिझकती महिलाएं
इस बारे में राज्य सलाहकार महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग प्रीतेश कुमार तिवारी ने कहा कि सरकार लगातार महिलाओं को सशक्त करने में महत्वपूर्ण कदम उठा रही है. इन योजनाओं के संचालन के साथ मिशन शक्ति को भी संचालित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि मिशन शक्ति के तहत महिलाओं को बराबर का सम्मान देकर ही हम उन्हें स्वावलंबी बना रहे हैं. अब घरेलू एवं यौन हिंसा, दहेज उत्पीड़न के मामले में प्रताड़ित महिलाएं और बेटियां 181, 1090, 1098, 112 सहायता नंबर और सरकारी योजनाओं का लाभ ले रही हैं, जो मिशन शक्ति की सार्थकता को बताता है.
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