वाराणसी: ईओडब्ल्यू ने मंगलवार को खाद्यान्न घोटाले के आरोपी बलिया के हनुमान गंज विकास खण्ड में तैनात रहे पूर्व खण्ड विकास अधिकारी को गिरफ्तार किया है. दरअसल बलिया जनपद में वर्ष 2002 और 2005 के मध्य केन्द्र सरकार की ओर से चलाई गई सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना के तहत ग्रामीण परिवारों के अतिनिर्धन, गरीबों और बाल श्रमिकों के माता-पिता को रोजगार देकर खाद्यान्न और नकद धनराशि का भुगतान किए जाना था. लेकिन वितरण के लिए जिम्मेदार बीडीओ और ग्राम्य विकास अधिकारियों ने नियमों और मानको की धज्जियां उड़ाते हुए व्यक्तिगत लाभ के उद्देश्य से अभिलेखों में कूटरचना कर खाद्यान्न और नकद धनराशि का दुरुपयोग किया.
मंगलवार को आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन वाराणसी के पुलिस अधीक्षक डी प्रदीप कुमार ने निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा के नेतृत्व में गठित टीम ने अभियुक्त रामफेर राम पुत्र रामदेव राम निवासी ग्राम मढ़ी थाना चंदवक जनपद जौनपुर तत्कालीन खण्ड विकास अधिकारी विकास खण्ड हनुमानगंज जनपद बलिया को सर्किट हाउस भोजूबीर के पास से गिरफ्तार किया है. अभियुक्त पिछले 5 वर्षों से रिटायरमेंट होने के बाद अपना मूल निवास स्थान पर न रहकर लुक छिपकर अपना ठिकाना जनपद अमेठी के करमौली थानांतर्गत बनाया था. अभियुक्त के विरुद्ध थाना सुखपुरा बलिया में पंजीकृत अपराध संख्या 42A/2006 धारा 409,420,467,468,471,477A,120 B एवं धारा 13(2)भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का अपराध प्रथम दृष्टया पाया गया है.
वहीं गिरफ्तार अभियुक्त रामफेर राम वर्ष 2002 से 2005 के दौरान जनपद बलिया के हनुमानगंज ब्लॉक पर खण्ड विकास अधिकारी के पद पर नियुक्त थे. इस दौरान ब्लॉक के विभिन्न गांवों में अनेक योजना के तहत मिट्टी, नाली निर्माण, खडंजा, पटरी मरम्मत, सम्पर्क मार्ग, सीसी रोड और पुलिया निर्माण का कार्य कराया गया. बीडीओ ने अधिकारियों और कोटेदारों से मिलकर पेमेंट आर्डर, मस्टर रोल और खाद्यान्न वितरण रजिस्टर में कूटरचना कर मजदूरों के फर्जी हस्ताक्षर बनवाये थे. साथ ही मस्टर रोल में मजदूरों के फर्जी नाम और पत्ता भी लिखे गए थे. इनके द्वारा विकास कार्यो मे मानको का उल्लंघन कर लगभग 14.50 लाख का खाद्यान और 15.80 लाख का नकद भुगतान केवल कागज में फर्जी तरीके से दिखाकर गबन करने का कृत्य किया गया था.