वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बनारस से निर्दलीय ताल ठोकने पहुंचे सेना से बर्खास्त जवान तेज बहादुर को सोमवार को समाजवादी पार्टी ने समर्थन देकर गठबंधन का प्रत्याशी बना दिया. साथ ही चुनावी मैदान में उतारकर उनका नामांकन पत्र सपा के सिंबल पर दाखिल करवाया, लेकिन मंगलवार को जब नामांकन पत्रों की जांच शुरू हुई, तो उनके नामांकन पत्र में गड़बड़ी पाए जाने के बाद प्रशासन की तरफ से नोटिस जारी किया गया है. इसके बाद अब सवाल यह खड़ा हो गया है कि क्या तेज बहादुर वाराणसी से चुनाव लड़ पाएंगे या नहीं. क्योंकि प्रशासन की तरफ से जारी किए गए नोटिस में कल सुबह 11 बजे तक चुनाव आयोग से जवाब लाकर दाखिल करने के लिए कहा गया है.
ईटीवी भारत से क्या बोले तेज बहादुर
- तेज बहादुर ने कहा कि पीएम मोदी डर गए हैं, उनकी हार तय है, जिसकी वजह से उनके इशारे पर यह सब काम हो रहा है.
- लोकतंत्र में इस तरह की चीजें किया जाना शर्मसार करने वाला है.
- उन्हें जानबूझकर रोका जा रहा है, ताकि प्रधानमंत्री मोदी हार न जाएं.
- अगर किसी कारणवश चुनाव नहीं लड़ पाते हैं, तो शालिनी यादव का समर्थन कर समाजवादी पार्टी के गठबंधन को मजबूत करेंगे.
वहीं तेज बहादुर के वकील राजेश श्रीवास्तव का कहना है कि इस बारे में 9 बजे चुनाव आयोग से समय लिया गया है. दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के वकील चुनाव आयोग के सामने तथ्य पेश करेंगे, क्योंकि आरोप सेना में अनुशासनहीनता के आधार पर बर्खास्तगी के हैं. इसलिए भ्रष्टाचार जैसी बात कहीं है ही नहीं. यह प्रूफ होगा और तेज बहादुर बनारस से हर हाल में चुनाव लड़ेंगे.
क्या है मामला
- नामांकन पत्रों के दाखिले के बाद मंंगलवार को जिला प्रशासन की तरफ से नामांकन पत्रों की जांच की जा रही है.
- एक दर्जन से ज्यादा नामांकन पत्रों में खामियां पाने की वजह से उन्हें निरस्त किया जा चुका है.
- इसके बाद लगातार धरना-प्रदर्शन जारी है. संत समाज के लोग भी नाराज होकर बाहर धरने पर बैठे हुए हैं
- तेज बहादुर यादव को भी जिला प्रशासन की तरफ से नोटिस जारी कर बुधवार सुबह 11 बजे तक अब केंद्रीय चुनाव आयोग से जवाब लाकर दाखिल करने के लिए कहा गया है.
- जारी नोटिस में तेज बहादुर यादव की तरफ से 24 अप्रैल को दाखिल किए गए निर्दलीय नामांकन पत्र और 29 अप्रैल को दाखिल किए गए समाजवादी पार्टी के नामांकन पत्र में अलग अलग सूचना दी गई है.
- जिला प्रशासन की तरफ से जारी किए गए नोटिस में इस बात का हवाला दिया गया है कि सरकारी नौकरी में उन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों के आधार पर बर्खास्त किया गया है.
- इसकी वह चुनाव आयोग से लिखित एनओसी लाकर जमा करें, जिसके बाद उन्हें चुनाव लड़ने की परमिशन दी जा सकती है.
- तेज बहादुर भड़के हुए हैं, उनका कहना है कि यह सब सिर्फ उन्हें चुनाव लड़ने से रोकने के लिए किया जा रहा है, जिसे वह होने नहीं देंगे.