वाराणसी: 'अग्निपथ योजना' के तहत सेना में भारी संख्या अग्निवीरों की भर्ती की जानी है. उसके पहले ही अभ्यर्थी उत्तर प्रदेश सहित देश के अन्य प्रदेशों में बवाल कर रहे है. वहीं, वाराणसी के अशोका इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एवं मैनेजमेंट कालेज के तीन छात्रों ने 'अग्निपथ योजना' के तहत सेना में बड़े पैमाने पर होने वाली युवाओं की भर्ती के मद्देनजर एक अनूठा सोलर कूलिंग कैंप डिजाइन किया है. यह कैंप नौजवानों को न सिर्फ धूप से बचाएगा, बल्कि दुश्मनों के खतरों से भी अलर्ट करेगा. यह सोलर कूलिंग कैंप सेना के उन जवानों के लिए काफी मुफीद साबित होगा, जिन्हें तपती धूप वाले इलाकों में तैनात किया जाता है.
वाराणसी के अशोका इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी व मैनेजमेंट कालेज के कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स आदित्य श्रीवास्तव, प्रिंस कुमार और श्याम नारायण सिंह ने तपती दोपहर में बॉर्डर पर तैनात होने वाले जवानों के लिए एक अनूठा सोलर कूलिंग कैंप डिजाइन किया है. यह कैंप सोलर एनर्जी से काम करता है. बार्डर पर तैनात जवानों की सुरक्षा करने के साथ ही उन्हें गर्मी से निजात दिलाएगा.
कूलिंग कैंप में एक मोशन सेंसर अलार्म लगा
आदित्य श्रीवास्तव ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि सोलर कूलिंग कैंप में एक मोशन सेंसर अलार्म लगाया गया है जोकि दुश्मन के नजदीक आने पर सेना के जवानों को अलर्ट करेगा. यह सेंसर सिर्फ उन्हीं जवानों की पहचान करेगा जो बार्डर एरिया पर तैनात हैं. अभी इसकी सेंसिंग रेंज 20 मीटर है, जिसे बढ़ाकर 1 किमी तक किया जा सकेगा. अशोका इंस्टीट्यूट के रिसर्च एंड डेवलपमेंट विभाग में तैयार किए गए कैंप को अशोका आर्मी सोलर कूलिंग कैंप नाम दिया गया है.
इलेक्ट्रिकल एनर्जी को मैकेनिकल एनर्जी में कन्वर्ट
छात्र आदित्य ने बताया कि सेना के जवानों की अक्सर ऐसी जगह ड्यूटी लगती है. जहां उन्हें भीषण धूप से बचने का साधन नहीं रहता है. इसमें सोलर लगा होने के कारण ये इसमें लगें खुश के कारण टेम्परेचर को 40 डिग्री है तो उसे कम से कम 30 डिग्री तक ला सकता है. आदित्य ने आगे बताया की सूरज की किरणें जो इस पर आकर गिरती है. इससे वो हमारी इलेट्रिकल एनर्जी को मैकेनिकल एनर्जी में कन्वर्ट कर रहा है. इसके साथ ही कैंप में 4 डीसी मोटर का कनेक्शन किया गया है. जो सोलर पैनल से जुड़ा हुआ है. जैसे ही सोलर पर सूरज की किरणें गिरती है तो एनर्जी का कन्वर्जन होता है तो चारों पंखा चलने लगता है. उसको ठंडा करने के लिए कूलर के खस का प्रयोग किया गया है. इसके साथ कैम्प में छोटा से मोटर लगा रखा है. पानी के चारों तरफ सप्लाई के लिए एक छोटा सा डिवाइस लगाया गया है. आदित्य ने आगे बताया कि अगर उस जगह का टेम्परेचर 40 डिग्री है. वहां ये कम से कम 30 डिग्री टेम्परेचर लाएगा.
साउंड एवं पीआर सेंसर का प्रयोग
आदित्य ने बताया कि हम लोगों द्वारा साउंड एवं पीआर सेंसर का प्रयोग बनाया गया है. सभी लोग जानते है की हमारे शरीर से गर्मी निकलती है. उस गर्मी को ही पीआर सेंसर डिटेक्ट करेगा. उसका कनेक्शन साउंड के सेंसर से किया गया है. वो हमारे कैम्प के आसपास आने वाले कोई जानवार या कोई ऑब्जेक्ट आएगा तो उसके शरीर से निकलने वाली गर्मी को साउंड के माध्यम से अलार्म बजकर बता देगा कि कोई आब्जेक्ट हमारे कैम्प के आसपास आया है.
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