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आर्मी के फर्जी कैप्टन और डिप्टी एसपी बनकर करता था ठगी, गिरफ्तार

वाराणसी एसटीएफ की टीम ने फर्जी आर्मी कैप्टन ऑफिसर और डिप्टी एसपी बनकर आर्मी में भर्ती कराने के नाम पर ठगी करने वाले आनंद कुमार उर्फ राजवीर सिंह रघुवंशी को गिरफ्तार किया है. आरोपी बेरोजगार लोगों से आर्मी में भर्ती कराने के नाम पर ठगी कर रहा था.

ठगी करने वाला आनंद गिरफ्तार
ठगी करने वाला आनंद गिरफ्तार
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Published : Mar 9, 2021, 8:50 PM IST

वाराणसी : एसटीएफ की टीम ने आर्मी के फर्जी कैप्टन ऑफिसर और डिप्टी एसपी बनकर आर्मी में भर्ती कराने के नाम पर ठगी करने वाले को गिरफ्तार किया है. आरोपी आनन्द कुमार उर्फ राजवीर सिंह रघुवंशी गिरोह बनाकर वाराणसी और इसके आसपास के जनपदों में आर्मी में भर्ती कराने के नाम पर ठगी कर रहा था. गिरोह के सक्रिय होने का इनपुट ‘मिलिट्री इन्टेलीजेन्स’ (एमआई) वाराणसी को मिला था. मामले को लेकर एसटीएफ फील्ड इकाई और वाराणसी को कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे.

फर्जी आर्मी कैप्टन आनंद गिरफ्तार
फर्जी आर्मी कैप्टन आनंद गिरफ्तार

ऐसे गिरफ्तार हुआ आरोपी

एसटीएफ के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपी राजवीर ओएलएक्स के माध्यम से सामान बेचने के बहाने से लोगों को विश्वास दिलाता था. इसके बाद वह आर्मी की वर्दी पहन कर कैप्टन के रूप में अपनी जान पहचान बढ़ाता था. एसटीएफ ने बताया कि आर्मी में भर्ती के नाम पर ठगी करने वाला राजवीर कैप्टन की वर्दी में थाना कैंट क्षेत्र स्थित सेंट मेरी स्कूल के पास खड़ा था. वहां उसने कुछ लड़कों को आर्मी में भर्ती कराने का हवाला देकर बुलाया था. सूचना मिलने पर एसटीएफ वाराणसी टीम ने मौके पर पहुंच कर अभियुक्त राजवीर सिंह उर्फ आनन्द कुमार को गिरफ्तार कर लिया.

आर्मी में भर्ती कराने के नाम पर ठगी करता था.
आर्मी में भर्ती कराने के नाम पर ठगी करता था.

आर्मी भर्ती के फर्जी एडमिट कार्ड बरामद

गिरफ्तार अभियुक्त के पास से 2 मोबाइल फोन, आर्मी भर्ती के 3 फर्जी एडमिट कार्ड लिफाफा के साथ, एक फर्जी डीएल, आर्मी कैप्टन की एक वर्दी, 5 हजार रुपये कैश, एक मोटरसाइकिल, 1 आधार कार्ड, कैप्टन की वर्दी में खिचवाए गए 2 फोटो, 1 फर्जी तरीके से डिप्टी एसपी के पद पर चयन की पेपर कटिंग, आर्मी के 3 लोगो और 5 मुहर बरामद की गई है.

आर्मी में भर्ती कराने के नाम पर ठगी करता था.
आर्मी में भर्ती कराने के नाम पर ठगी करता था.


इसे भी पढ़ें- आयुष के पक्ष में उतरी मां का आरोप, पत्नी और साले ने मारने की रची थी साजिश


सिपाही की भर्ती में नहीं हुआ सफल तो शुरू की ठगी

गिरफ्तार अभियुक्त ने बताया कि वह एलएलबी तृतीय सेमेस्टर का छात्र है. उसने 2008 में आर्मी में सिपाही की भर्ती के लिए प्रयास किया था, लेकिन सफल नहीं हो सका. इसके बाद गिरोह बनाकर बेरोजगार युवकों को आर्मी में भर्ती कराने का झांसा देकर उनसे ठगी करने लगा. आरोपी राजवीर ने बताया कि उसकी मुलाकात वाराणसी निवासी अमरनाथ यादव से हुई थी. अमरनाथ यादव को उसने खुद को आर्मी का कैप्टन बताया और आर्मी में भर्ती कराने की बात कही. इसके बाद अमरनाथ यादव और अन्य अभ्यर्थियों को विश्वास दिलाने के लिए आर्मी कैप्टन की वर्दी पहन कर अमरनाथ यादव के घर पर मुलाकात की. आर्मी में भर्ती के नाम पर वह 7 लोगों से 14 लाख रुपये की ठगी कर चुका है. इसके अलावा गिरोह के अन्य सदस्य ने सुधाकर वर्मा, रजनीष और दिव्या से 10 लाख रुपये, अजय कुमार से डेढ़ लाख रुपये की ठगी कर चुका है.

आर्मी कैप्टन बन की महिला से शादी

एसटीएफ ने बताया कि 2015 में आरोपी राजवीर ने ओएलएक्स एप पर आर्मी का लोगों लगाकर अपनी आईडी बनायी थी. उसने सोनी कम्पनी का एक मोबाइल फोन बेचने के लिए ओएलएक्स पर विज्ञापन डाला था. इस मोबाइल फोन को खरीदने के लिए एक लड़की ने रिक्वेस्ट भेजी थी. इस पर राजीवर ने उसको सिगरा स्थित बाटा शू के शोरूम पर बुलाया. वहां आर्मी कैप्टन के वर्दी में उस लड़की से मिला. अपनी नियुक्ति 39 जीटीसी कैंटोमेंट वाराणसी मे होना और मूल निवासी हैदराबाद का बताया. इसके बाद दोनों में जान पहचान हुई और बाद में राजवीर ने उससे शादी कर ली. धोखे की बात संज्ञान में आने पर उसकी पत्नी ने थाना लोहता में मुकदमा दर्ज कराया. जांच में जुटी एसटीएफ टीम ने आरोपी राजवीर को गिरफ्तार कर लिया.

वाराणसी : एसटीएफ की टीम ने आर्मी के फर्जी कैप्टन ऑफिसर और डिप्टी एसपी बनकर आर्मी में भर्ती कराने के नाम पर ठगी करने वाले को गिरफ्तार किया है. आरोपी आनन्द कुमार उर्फ राजवीर सिंह रघुवंशी गिरोह बनाकर वाराणसी और इसके आसपास के जनपदों में आर्मी में भर्ती कराने के नाम पर ठगी कर रहा था. गिरोह के सक्रिय होने का इनपुट ‘मिलिट्री इन्टेलीजेन्स’ (एमआई) वाराणसी को मिला था. मामले को लेकर एसटीएफ फील्ड इकाई और वाराणसी को कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे.

फर्जी आर्मी कैप्टन आनंद गिरफ्तार
फर्जी आर्मी कैप्टन आनंद गिरफ्तार

ऐसे गिरफ्तार हुआ आरोपी

एसटीएफ के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपी राजवीर ओएलएक्स के माध्यम से सामान बेचने के बहाने से लोगों को विश्वास दिलाता था. इसके बाद वह आर्मी की वर्दी पहन कर कैप्टन के रूप में अपनी जान पहचान बढ़ाता था. एसटीएफ ने बताया कि आर्मी में भर्ती के नाम पर ठगी करने वाला राजवीर कैप्टन की वर्दी में थाना कैंट क्षेत्र स्थित सेंट मेरी स्कूल के पास खड़ा था. वहां उसने कुछ लड़कों को आर्मी में भर्ती कराने का हवाला देकर बुलाया था. सूचना मिलने पर एसटीएफ वाराणसी टीम ने मौके पर पहुंच कर अभियुक्त राजवीर सिंह उर्फ आनन्द कुमार को गिरफ्तार कर लिया.

आर्मी में भर्ती कराने के नाम पर ठगी करता था.
आर्मी में भर्ती कराने के नाम पर ठगी करता था.

आर्मी भर्ती के फर्जी एडमिट कार्ड बरामद

गिरफ्तार अभियुक्त के पास से 2 मोबाइल फोन, आर्मी भर्ती के 3 फर्जी एडमिट कार्ड लिफाफा के साथ, एक फर्जी डीएल, आर्मी कैप्टन की एक वर्दी, 5 हजार रुपये कैश, एक मोटरसाइकिल, 1 आधार कार्ड, कैप्टन की वर्दी में खिचवाए गए 2 फोटो, 1 फर्जी तरीके से डिप्टी एसपी के पद पर चयन की पेपर कटिंग, आर्मी के 3 लोगो और 5 मुहर बरामद की गई है.

आर्मी में भर्ती कराने के नाम पर ठगी करता था.
आर्मी में भर्ती कराने के नाम पर ठगी करता था.


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सिपाही की भर्ती में नहीं हुआ सफल तो शुरू की ठगी

गिरफ्तार अभियुक्त ने बताया कि वह एलएलबी तृतीय सेमेस्टर का छात्र है. उसने 2008 में आर्मी में सिपाही की भर्ती के लिए प्रयास किया था, लेकिन सफल नहीं हो सका. इसके बाद गिरोह बनाकर बेरोजगार युवकों को आर्मी में भर्ती कराने का झांसा देकर उनसे ठगी करने लगा. आरोपी राजवीर ने बताया कि उसकी मुलाकात वाराणसी निवासी अमरनाथ यादव से हुई थी. अमरनाथ यादव को उसने खुद को आर्मी का कैप्टन बताया और आर्मी में भर्ती कराने की बात कही. इसके बाद अमरनाथ यादव और अन्य अभ्यर्थियों को विश्वास दिलाने के लिए आर्मी कैप्टन की वर्दी पहन कर अमरनाथ यादव के घर पर मुलाकात की. आर्मी में भर्ती के नाम पर वह 7 लोगों से 14 लाख रुपये की ठगी कर चुका है. इसके अलावा गिरोह के अन्य सदस्य ने सुधाकर वर्मा, रजनीष और दिव्या से 10 लाख रुपये, अजय कुमार से डेढ़ लाख रुपये की ठगी कर चुका है.

आर्मी कैप्टन बन की महिला से शादी

एसटीएफ ने बताया कि 2015 में आरोपी राजवीर ने ओएलएक्स एप पर आर्मी का लोगों लगाकर अपनी आईडी बनायी थी. उसने सोनी कम्पनी का एक मोबाइल फोन बेचने के लिए ओएलएक्स पर विज्ञापन डाला था. इस मोबाइल फोन को खरीदने के लिए एक लड़की ने रिक्वेस्ट भेजी थी. इस पर राजीवर ने उसको सिगरा स्थित बाटा शू के शोरूम पर बुलाया. वहां आर्मी कैप्टन के वर्दी में उस लड़की से मिला. अपनी नियुक्ति 39 जीटीसी कैंटोमेंट वाराणसी मे होना और मूल निवासी हैदराबाद का बताया. इसके बाद दोनों में जान पहचान हुई और बाद में राजवीर ने उससे शादी कर ली. धोखे की बात संज्ञान में आने पर उसकी पत्नी ने थाना लोहता में मुकदमा दर्ज कराया. जांच में जुटी एसटीएफ टीम ने आरोपी राजवीर को गिरफ्तार कर लिया.

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