वाराणसीः पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी को पूरे प्रदेश में सजा कराओ अभियान में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है. इस दौरान पुलिस की प्रभावी पैरवी में 49 पॉक्सो एक्ट के मामले में आए. इनमें से कुल 39 मामलों में अभियुक्तों को सजा कराई गई. नारी सुरक्षा में ऐसी सख्ती के बाद नारियों पर आंख उठाने वाले सलाखों के पीछे हैं. पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी के निर्देशन में पॉक्सो एक्ट से सम्बन्धित 'मिशन शक्ति' अभियान में पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ.
उत्तर प्रदेश शासन के महिला संबंधी अपराधों पर नियंत्रण के लिए अभियान चल रहा है. इस क्रम में पॉक्सो एक्ट संबंधी अभियोगों में अभियुक्तों को जल्द सजा दिलाने के लिए पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश के कुशल निर्देशन में निस्तारण के लिए लगातार अभियान जारी है. इस क्रम में 25 मार्च 2022 से 20 जून 2022 के बीच शासन द्वारा समीक्षा की गई. इसमें वाराणसी कमिश्नरेट को पाक्सो एक्ट से सम्बन्धित प्रकरणों में 'मिशन शक्ति' सजा कराओ अभियान चलाया गया. इस अभियान में वाराणसी कमिश्नरेट को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है. पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने बताया कि इस अभियान में कुल 49 पॉक्सो एक्ट के मामले सामने आए. इनमें से कुल 39 प्रकरणों में अभियुक्तों को न्यायालय से सजा कराई गई. इस आधार पर सजा कराए जाने का मामला 80 प्रतिशत है. ये बहुत ही कम समय में कमिश्नरेट द्वारा प्रभावी पैरवी करते हुए दोषियों को न्यायालय से सजा दिलाई गई. जबकि पुलिस कमिश्नरेट बरेली को प्रदेश में दूसरा स्थान दिया गया.
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पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने बताया कि कमिश्नरेट वाराणसी में महिला अपराधों में कमी आई है. पॉक्सो एक्ट में प्रभावी कार्रवाई प्राथमिकता के आधार पर लगातार की जा रही है. वहीं, उन्होंने कहा कि ऐसे अपराधी सुधर जाएं, जो महिलाओं की इज्जत से खेलने की कोशिश करते हैं. वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस की नजर से उनका बच पाना मुश्किल है. उनकी एक-एक हरकत पुलिस की नजर में कैद हो रही है. वे सलाखों के पीछे होंगे. इस मामले में अभियोजन की ऐसी प्रभावी कार्रवाई होगी कि उनका अदालत से सजा पाना तय है.
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