वाराणसी: पुलिस कमिश्नर मुथा अशोक जैन द्वारा बच्चा चोरी की घटनाओं के अनावरण के लिए पुलिस टीम को निर्देशित किया गया था. शुक्रवार को वाराणसी पुलिस ने अंतरराज्यीय बच्चा चोर गैंग के 5 सदस्यों को झारखंड से गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 2 नाबालिग बच्चों को भी बरामद किया है.
वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने पिछले दिनों बच्चा चोर गैंग के 10 सदस्यों को गिरफ्तार किया था. इस दौरान पुलिस ने 3 नाबालिग बच्चों को बरामद किया था. पुलिस कमिश्नर मुथा अशोक जैन ने बताया कि घटना में संलिप्त गिरफ्तार मुख्य अभियुक्तों को पुलिस कस्टडी रिमांड में लेकर गहन पूछताछ की गयी. पुलिस की पूछताछ के आधार पर अंतरराज्यीय बच्चा चोर गैंग के अन्य संलिप्त अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए वाराणसी पुलिस की टीमों को बिहार और झारखंड समेत कई राज्यों के लिए रवाना किया गया था.
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि सर्विलांस व वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस टीम ने प्रयागराज व मिर्जापुर की संयुक्त पुलिस टीमों के सहयोग से झारखंड से बच्चा चोर गैंग के 5 और सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम जगवीर बरनवाल, संतोष साव, संगीता देवी, गुड़िया देवी और अनुराधा देवी है. ये सभी जिला कोडरमा झारखंड के रहने वाले हैं. इनके पास से प्रयागराज एवं मिर्जापुर से अपहृत बच्चों को बरामद कर लिया गया. गिरफ्तार अभियुक्तों को वाराणसी लाया जा रहा है. वाराणसी में अभियुक्तों से पूछताछ कर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इस बच्चा चोर गैंग के सदस्यों की गिरफ्तारी एवं अपहृत बच्चों की बरामदगी में जनपद कोडरमा (झारखंड) पुलिस का भी योगदान रहा है.
वाराणसी पुलिस कमिश्नर ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों से विस्तृत पूछताछ करने पर उनके द्वारा बताया गया कि उन लोगों का एक गिरोह है. गैंग के पूर्व में गिरफ्तार सन्तोष गुप्ता एवं विनय मिश्रा आदि नाबालिग छोटे बच्चों को चोरी कर शिखा मोदनवाल के माध्यम से जगवीर बरनवाल व अनुराधा आदि को 2 से 3 लाख रुपये में बेच देते हैं. ये लोग नाबालिग बच्चों को निःसंतान दंपत्तियों को 4 से 5 लाख रुपये में राजस्थान, बिहार, झारखंड राज्यों में दलालों के माध्यम से बेच देते है. उस मिले पैसे को आपस में बांट लेते हैं.
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