वाराणसी : दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में शुक्रवार को पीएम मोदी के गोद लिए गांव सेवापुरी मिर्जाबाद के आदर्श ग्राम नागेपुर के किसान लामबंद दिखे. किसानों की मांगों को लेकर लोगों ने गांव के नंदघर के सामने धरना-प्रदर्शन किया. वहीं आक्रोशित किसानों ने नये कृषि कानून की प्रतियां जलाकर विरोध जताया.
कृषि कानून को निरस्त करने की मांग
नाराज किसानों ने बिल के विरोध में जमकर नारेबाजी की. किसानों ने कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग की. साथ ही चेतावनी दी कि यदि कृषि कानून निरस्त नहीं किया गया तो उनका आंदोलन इसी तरह जारी रहेगा. इस मौके पर किसानों ने कहा कि अगर सरकार ने किसानों की मांगों पर सकारात्मक रुख नहीं अपनाया, तो वे पुरी ताकत से किसानों की लड़ाई लड़ने के लिए सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे. उन्होंने प्रधानमंत्री से किसानों की समस्या पर जल्द कार्यवाही करने की अपील किया. किसान के समर्थन में आए लोक समिति के संयोजक नन्दलाल मास्टर ने कहा है कि लोक समिति के कार्यकर्ता केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों किसान विरोधी कानूनों का विरोध करते हैं.
सरकार पर उठाए सवाल
केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली जा रहे किसानों पर की गई कार्रवाई को गांव के लोगों ने निंदनीय बताया. लोकतंत्र में सभी को अपनी बात कहने का अधिकार दिया गया है, लेकिन लगता है कि सरकार संविधान में विश्वास नहीं रखती है. कड़ाके की ठंड में किसान सड़कों पर हैं, लेकिन केंद्र सरकार के कान पर जूं तक नही रेंग रही है. किसानों की आमदनी दोगुनी करने का वादा करने वाली सरकार किसानों से उनकी जमीन छीनने का षड्यंत्र रच रही है. उन्होंने कहा कि सरकार नहीं चाहती है कि किसानों को एमएसपी रेट मिले. इसके चलते ही किसान सड़क पर आंदोलन करने को मजबूर है. कार्यक्रम में मुख्यरूप से नंदलाल मास्टर, श्यामसुन्दर, अमित, पंचमुखी, सोनी, सरिता, अनीता, सरोज, शिवकुमार, आशा, मधुबाला, विद्या, शमाबानो, सीमा, सुनील आदि लोग शामिल रहे.