ETV Bharat / state

Varanasi News : बनारस में 2 दिन पीएम गति शक्ति सम्मेलन में 5 राज्यों के विकास पर होगा मंथन, केंद्र की योजनाओं से राज्य सरकार की योजनाओं को कैसे मिले लाभ होगी बनारस में चर्चा - पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान

पीएम गतिशक्ति की एप्रोच से राज्यों को लाभ हुआ है. अब तक आयोजित क्षेत्रीय कार्यशालाओं के बाद प्रधानमंत्री गति शक्ति सम्मेलन का आयोजन वाराणसी में 11 और 12 अप्रैल को होगा. इस आयोजन में कई चीजों पर मंथन होगा.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Apr 11, 2023, 8:57 AM IST

वाराणसी : प्रधानमंत्री गति शक्ति सम्मेलन का आयोजन वाराणसी में 11 और 12 अप्रैल को किया जाएगा. लॉजिस्टिक और जलमार्ग के अलावा अन्य योजनाओं को गति देने के लिए कई राज्यों एक्सपर्ट और अन्य लोगों की टीम वाराणसी पहुंचेगी. दो दिनों के इस आयोजन में तमाम चीजों पर मंथन होगा. कार्यक्रम के बारे में सूचना विभाग की ओर से जारी प्रेस नोट के अनुसार पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत सम्मेलन 11 से 12 अप्रैल के बीच वाराणसी में होगा. छह राज्यों यूपी, हरियाणा, झारखंड, बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल के लिए पांचवीं क्षेत्रीय कार्यशाल का यह आयोजन होने जा रहा है.

प्रेस नोट के अनुसार 20 फरवरी, 2023 से 25 मार्च, 2023 के बीच अब तक इसके तहत 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ चार क्षेत्रीय कार्यशालाएं की जा चुकी हैं. इन कार्यशालाओं में पीएम गतिशक्ति एनएमपी को अपनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है. इसमें डेटा क्वालिटी बनाए रखने, मंत्रालयों और राज्यों द्वारा पीएम गतिशक्ति एनएमपी पर नियोजित परियोजनाओं की प्रस्तुति, आर्थिक और औद्योगिक समूहों के लिए मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने, स्कूलों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंच सुनिश्चित करने के अलावा देश में एक कुशल लॉजिस्टिक इकोसिस्टम बनाने पर विशेष जोर दिया गया है.

वाराणसी में होने वाली दो दिवसीय इस कार्यशाला को दो विषयों में आयोजित किया जाएगा. पहला, पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान और दूसरा नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी. क्षेत्रीय कार्यशाला का पहला दिन पीएम गतिशक्ति एनएमपी पर केंद्रित होगा. इसमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ केंद्रीय बुनियादी ढांचे, आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र के मंत्रालयों, विभागों की चर्चा शामिल होगी. इसके बाद मंत्रालयों, राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा प्रधानमंत्री गतिशक्ति के सिद्धांतों का उपयोग करते हुए मल्टीमॉडल अवसंरचना परियोजनाओं की योजना के संबंध में सर्वोत्तम उपयोग के मामलों का प्रदर्शन किया जाएगा.

इसके बाद प्रधानमंत्री गतिशक्ति के अंतर्गत विभिन्न फोकस क्षेत्रों और पहलों पर प्रस्तुतियां दी जाएंगी. इनमें डाटा लेयर्स के लिए क्वालिटी इंप्रूवमेंट प्लान (क्यूआईपी), सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए बुनियादी ढांचे की समग्र योजना के लिए क्षेत्र दृष्टिकोण को लागू करना, बड़ी अवसंरचना परियोजनाएं परियोजना निगरानी समूह (पीएमजी) का उपयोग करके प्रगति निगरानी और यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफार्म (यूलिप) का उपयोग करके लॉजिस्टिक की आसानी के लिए तकनीकी इंटरफेस का प्रयोग करना. इसका उद्देश्य पीएम गतिशक्ति के लाभों को स्पष्ट करना और सर्वोत्तम प्रथाओं से सीखना है.

दूसरे दिन 12 अप्रैल नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी के नाम होगा. नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी के तहत प्रमुख विशेषताओं और फोकस क्षेत्रों और स्टेट लॉजिस्टिक पॉलिसीज के संदर्भ में राज्यों द्वारा की गई प्रगति पर प्रस्तुतियां दी जाएंगी. इसके अलावा विभिन्न राज्यों में लॉजिस्टिक्स ईज (लीड्स) सर्वेक्षण पर एक प्रस्तुति भी दी जाएगी. इसके बाद निर्यात को बढ़ावा देने और अंतर्देशीय जलमार्ग कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए अंतर्देशीय कंटेनर डिपो (आईसीडी), कंटेनर फ्रेट स्टेशन (सीएफएस) विकसित करने की संभावनाओं पर विषयगत प्रस्तुतियां दी जाएंगी. दो दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला में संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों, राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, नीति आयोग और बीआईएसएजी-एन के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के भाग लेने की उम्मीद है.

यह भी पढ़ें : गोकुल और नंद बाबा पुरस्कार से नवाजे गए दुग्ध उत्पादक, दुग्ध मंत्री ने कहा- पशुपालन आय का बड़ा साधन

वाराणसी : प्रधानमंत्री गति शक्ति सम्मेलन का आयोजन वाराणसी में 11 और 12 अप्रैल को किया जाएगा. लॉजिस्टिक और जलमार्ग के अलावा अन्य योजनाओं को गति देने के लिए कई राज्यों एक्सपर्ट और अन्य लोगों की टीम वाराणसी पहुंचेगी. दो दिनों के इस आयोजन में तमाम चीजों पर मंथन होगा. कार्यक्रम के बारे में सूचना विभाग की ओर से जारी प्रेस नोट के अनुसार पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत सम्मेलन 11 से 12 अप्रैल के बीच वाराणसी में होगा. छह राज्यों यूपी, हरियाणा, झारखंड, बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल के लिए पांचवीं क्षेत्रीय कार्यशाल का यह आयोजन होने जा रहा है.

प्रेस नोट के अनुसार 20 फरवरी, 2023 से 25 मार्च, 2023 के बीच अब तक इसके तहत 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ चार क्षेत्रीय कार्यशालाएं की जा चुकी हैं. इन कार्यशालाओं में पीएम गतिशक्ति एनएमपी को अपनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है. इसमें डेटा क्वालिटी बनाए रखने, मंत्रालयों और राज्यों द्वारा पीएम गतिशक्ति एनएमपी पर नियोजित परियोजनाओं की प्रस्तुति, आर्थिक और औद्योगिक समूहों के लिए मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने, स्कूलों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंच सुनिश्चित करने के अलावा देश में एक कुशल लॉजिस्टिक इकोसिस्टम बनाने पर विशेष जोर दिया गया है.

वाराणसी में होने वाली दो दिवसीय इस कार्यशाला को दो विषयों में आयोजित किया जाएगा. पहला, पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान और दूसरा नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी. क्षेत्रीय कार्यशाला का पहला दिन पीएम गतिशक्ति एनएमपी पर केंद्रित होगा. इसमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ केंद्रीय बुनियादी ढांचे, आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र के मंत्रालयों, विभागों की चर्चा शामिल होगी. इसके बाद मंत्रालयों, राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा प्रधानमंत्री गतिशक्ति के सिद्धांतों का उपयोग करते हुए मल्टीमॉडल अवसंरचना परियोजनाओं की योजना के संबंध में सर्वोत्तम उपयोग के मामलों का प्रदर्शन किया जाएगा.

इसके बाद प्रधानमंत्री गतिशक्ति के अंतर्गत विभिन्न फोकस क्षेत्रों और पहलों पर प्रस्तुतियां दी जाएंगी. इनमें डाटा लेयर्स के लिए क्वालिटी इंप्रूवमेंट प्लान (क्यूआईपी), सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए बुनियादी ढांचे की समग्र योजना के लिए क्षेत्र दृष्टिकोण को लागू करना, बड़ी अवसंरचना परियोजनाएं परियोजना निगरानी समूह (पीएमजी) का उपयोग करके प्रगति निगरानी और यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफार्म (यूलिप) का उपयोग करके लॉजिस्टिक की आसानी के लिए तकनीकी इंटरफेस का प्रयोग करना. इसका उद्देश्य पीएम गतिशक्ति के लाभों को स्पष्ट करना और सर्वोत्तम प्रथाओं से सीखना है.

दूसरे दिन 12 अप्रैल नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी के नाम होगा. नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी के तहत प्रमुख विशेषताओं और फोकस क्षेत्रों और स्टेट लॉजिस्टिक पॉलिसीज के संदर्भ में राज्यों द्वारा की गई प्रगति पर प्रस्तुतियां दी जाएंगी. इसके अलावा विभिन्न राज्यों में लॉजिस्टिक्स ईज (लीड्स) सर्वेक्षण पर एक प्रस्तुति भी दी जाएगी. इसके बाद निर्यात को बढ़ावा देने और अंतर्देशीय जलमार्ग कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए अंतर्देशीय कंटेनर डिपो (आईसीडी), कंटेनर फ्रेट स्टेशन (सीएफएस) विकसित करने की संभावनाओं पर विषयगत प्रस्तुतियां दी जाएंगी. दो दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला में संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों, राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, नीति आयोग और बीआईएसएजी-एन के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के भाग लेने की उम्मीद है.

यह भी पढ़ें : गोकुल और नंद बाबा पुरस्कार से नवाजे गए दुग्ध उत्पादक, दुग्ध मंत्री ने कहा- पशुपालन आय का बड़ा साधन

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.