ETV Bharat / state

बनारस की गलियां हो रहीं स्मार्ट, पर्यटकों को कराया जाएगा पक्के महाल का टूर

बनारस न केवल मंदिरो और अपने धार्मिक परंपराओं, घाटों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि ये शहर गलियों के लिए भी जाना जाता है. कहा जाता है शहर की आत्मा यहां की गलियों में बसती है. लिहाजा उन गलियों को 6 करोड़ की लागत से संवारने का काम तेजी से चल रहा है. यहां पर्यटकों को पक्के महाल का टूर कराया जाएगा. आशा है कि सौंदर्यीकरण के बाद ये गलियां पर्यटकों को खूब भाएंगी.

वाराणसी की गलियों का हो रहा कायाकल्प.
वाराणसी की गलियों का हो रहा कायाकल्प.
author img

By

Published : Apr 8, 2021, 2:42 PM IST

वाराणसी: बनारस, वैसे तो इस शहर को जितना जानिएगा उतना ही पाइएगा. इस शहर में बहुत कुछ मिलता है. यहां पर ज्ञान, धर्म, आस्था विज्ञान, मोक्ष के साथ ही मस्ती और मजा सब कुछ है. इन सब चीजों की तलाश करने दूर-दूर से पर्यटक काशी पहुंचते हैं. एक तरफ जहां गंगा घाट पर सुकून की तलाश करते हैं तो वहीं गलियों में घूमकर बनारस को पहचानने की कोशिश करते हैं. शायद यही वजह है कि बनारस की इन गलियों को अब एक नए रूप में डेवलप कर पर्यटकों को गलियों तक पहुंचाने की कवायद चल रही है.

वाराणसी की गलियों का हो रहा कायाकल्प.

मॉडल वार्ड के रूप में विकसित किए जा रहे कई वार्ड
स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत बनारस की गलियों का कायाकल्प हो रहा है और 90 वार्ड में से लगभग एक दर्जन से ज्यादा वार्डों को मॉडल वार्ड के रूप में विकसित किया जा रहा है. पर्यटन विभाग पर्यटकों को रिझाने के लिए अन्य विभागों के साथ मिलकर बाबा विश्वनाथ मंदिर की गली के आसपास बसी गलियों का सूरत बदलने में जुट गया है. दो अलग-अलग योजनाओं से बनारस की मुख्य गलियों का कायाकल्प तेजी से हो रहा है, ताकि पर्यटक इन गलियों में आकर अपनी यात्रा को यादगार बना सकें.

इसे भी पढ़ें-बनारस का कबीरचौरा, जहां हर घर में गूंजते हैं संगीत के सातों सुर

60 करोड़ से गलियों की बदल रही सूरत
बनारस आने वाला हर पर्यटक गलियों से होते हुए जरूर गुजरता है. चाहे उसे बाबा विश्वनाथ के मंदिर जाना हो, काल भैरव मंदिर पहुंचना हो या फिर बनारसी साड़ी खरीदनी हो. गलियों के बिना बनारस की कल्पना संभव नहीं है. यही वजह है कि पर्यटन विभाग और नगर निगम मिलकर शहर की गलियों का स्वरूप बदल रहा है. वाराणसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड के डेवलपमेंट वार्ड ऑफ ओल्ड काशी परियोजना के तहत सबसे पहले 6 वार्डों की गलियों का कायाकल्प किया जा रहा है, जिनमें राजमंदिर वार्ड, काशी काल भैरव वार्ड, कामेश्वर महादेव वार्ड, जगबाडी वार्ड और दशाश्वमेध वार्ड शामिल है.

इन अलग-अलग गलियों को लगभग 60 करोड़ से ज्यादा की लागत से इनका कायाकल्प हो रहा है. इसके अलावा विश्वनाथ मंदिर के पास पड़ने वाली गलियों में गढ़वासी टोलाज ब्रह्मनाल, मणिकर्णिका घाट जाने वाली गली समेत अन्य गलियों की भी सूरत बदली जा रही है. ये वो गलियां हैं जहां पर्यटक सबसे ज्यादा जाते हैं.

इसे भी पढ़ें-यहां के पान ने ऐसा किया कमाल, उलट गई अंग्रेजों की हर चाल

सीवर से लेकर लाइट तक हो रहीं स्मार्ट
सबसे बड़ी बात यह है कि गलियों के कायाकल्प योजना में सिर्फ गलियों में पत्थर बिछाने का काम नहीं हो रहा, बल्कि पुराने हो चुके स्ट्रक्चर को भी बदलने की कवायद चल रही है. सिविल लाइन की ध्वस्त हो चुकीं सकरी गलियों को ठीक किया जा रहा है. बनारस की गलियों में समानता दिखाई दे, इसलिए इन सभी गलियों में गुलाबी पत्थर का चौका बिछाया जा रहा है. यहां तक की गलियों में पड़ने वाले मकानों की दीवारों को भी इसी रंग के पत्थर से कवर किया जा रहा है. इसके अलावा गलियों में पुरानी स्ट्रीट लाइट की जगह स्मार्ट और नई एलईडी स्ट्रीट लाइट भी लगाई जा रही हैं, जो मेट्रो सिटीज में लगाई गईं हैं.

स्थानीय लोगों का भी कहना है कि गलियों के बनने से यहां आने वाले पर्यटकों को बनारस की अच्छी छवि तो देखने को मिलेगी ही, साथ ही साथ यहां लोगों का रोजगार भी बढ़ेगा.

वाराणसी: बनारस, वैसे तो इस शहर को जितना जानिएगा उतना ही पाइएगा. इस शहर में बहुत कुछ मिलता है. यहां पर ज्ञान, धर्म, आस्था विज्ञान, मोक्ष के साथ ही मस्ती और मजा सब कुछ है. इन सब चीजों की तलाश करने दूर-दूर से पर्यटक काशी पहुंचते हैं. एक तरफ जहां गंगा घाट पर सुकून की तलाश करते हैं तो वहीं गलियों में घूमकर बनारस को पहचानने की कोशिश करते हैं. शायद यही वजह है कि बनारस की इन गलियों को अब एक नए रूप में डेवलप कर पर्यटकों को गलियों तक पहुंचाने की कवायद चल रही है.

वाराणसी की गलियों का हो रहा कायाकल्प.

मॉडल वार्ड के रूप में विकसित किए जा रहे कई वार्ड
स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत बनारस की गलियों का कायाकल्प हो रहा है और 90 वार्ड में से लगभग एक दर्जन से ज्यादा वार्डों को मॉडल वार्ड के रूप में विकसित किया जा रहा है. पर्यटन विभाग पर्यटकों को रिझाने के लिए अन्य विभागों के साथ मिलकर बाबा विश्वनाथ मंदिर की गली के आसपास बसी गलियों का सूरत बदलने में जुट गया है. दो अलग-अलग योजनाओं से बनारस की मुख्य गलियों का कायाकल्प तेजी से हो रहा है, ताकि पर्यटक इन गलियों में आकर अपनी यात्रा को यादगार बना सकें.

इसे भी पढ़ें-बनारस का कबीरचौरा, जहां हर घर में गूंजते हैं संगीत के सातों सुर

60 करोड़ से गलियों की बदल रही सूरत
बनारस आने वाला हर पर्यटक गलियों से होते हुए जरूर गुजरता है. चाहे उसे बाबा विश्वनाथ के मंदिर जाना हो, काल भैरव मंदिर पहुंचना हो या फिर बनारसी साड़ी खरीदनी हो. गलियों के बिना बनारस की कल्पना संभव नहीं है. यही वजह है कि पर्यटन विभाग और नगर निगम मिलकर शहर की गलियों का स्वरूप बदल रहा है. वाराणसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड के डेवलपमेंट वार्ड ऑफ ओल्ड काशी परियोजना के तहत सबसे पहले 6 वार्डों की गलियों का कायाकल्प किया जा रहा है, जिनमें राजमंदिर वार्ड, काशी काल भैरव वार्ड, कामेश्वर महादेव वार्ड, जगबाडी वार्ड और दशाश्वमेध वार्ड शामिल है.

इन अलग-अलग गलियों को लगभग 60 करोड़ से ज्यादा की लागत से इनका कायाकल्प हो रहा है. इसके अलावा विश्वनाथ मंदिर के पास पड़ने वाली गलियों में गढ़वासी टोलाज ब्रह्मनाल, मणिकर्णिका घाट जाने वाली गली समेत अन्य गलियों की भी सूरत बदली जा रही है. ये वो गलियां हैं जहां पर्यटक सबसे ज्यादा जाते हैं.

इसे भी पढ़ें-यहां के पान ने ऐसा किया कमाल, उलट गई अंग्रेजों की हर चाल

सीवर से लेकर लाइट तक हो रहीं स्मार्ट
सबसे बड़ी बात यह है कि गलियों के कायाकल्प योजना में सिर्फ गलियों में पत्थर बिछाने का काम नहीं हो रहा, बल्कि पुराने हो चुके स्ट्रक्चर को भी बदलने की कवायद चल रही है. सिविल लाइन की ध्वस्त हो चुकीं सकरी गलियों को ठीक किया जा रहा है. बनारस की गलियों में समानता दिखाई दे, इसलिए इन सभी गलियों में गुलाबी पत्थर का चौका बिछाया जा रहा है. यहां तक की गलियों में पड़ने वाले मकानों की दीवारों को भी इसी रंग के पत्थर से कवर किया जा रहा है. इसके अलावा गलियों में पुरानी स्ट्रीट लाइट की जगह स्मार्ट और नई एलईडी स्ट्रीट लाइट भी लगाई जा रही हैं, जो मेट्रो सिटीज में लगाई गईं हैं.

स्थानीय लोगों का भी कहना है कि गलियों के बनने से यहां आने वाले पर्यटकों को बनारस की अच्छी छवि तो देखने को मिलेगी ही, साथ ही साथ यहां लोगों का रोजगार भी बढ़ेगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.