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बनारस को साफ सुथरा रखने में नगर निगम का सहयोग नहीं करने पर बढ़ेगी मुसीबत

बनारस को साफ सुथरा रखने में नगर निगम का सहयोग नहीं करने पर मुसीबतें बढ़ जाएगी. नगर निगम स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग में सुधारने लाने के लिए सख्ती बरतने जा रहा है जो आम लोगों की जेब पर भारी पड़ने वाला है.

स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग में सुधारने
स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग में सुधारने
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Published : May 6, 2023, 7:26 PM IST

Updated : May 6, 2023, 8:51 PM IST

वाराणसी: बनारस को स्वच्छ, सुंदर और गंगा किनारे के सबसे बेहतर शहरों में शामिल करने के लिए वाराणसी नगर निगम लगातार प्रयास कर रहा है. पिछले साल स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर किए गए प्रयासों के बाद नगर निगम वाराणसी अपनी रैंकिंग में सुधार कर 30 नंबर से सीधे 21 नंबर पहुंच गई थी. जिसकी वजह से वाराणसी को स्वच्छ शहरों की श्रेणी में शामिल करने का काम भी शुरू हो गया है, लेकिन इन सबके बीच 2 अक्टूबर को फिर से स्वच्छ सर्वेक्षण का नतीजा यानी रिजल्ट आने वाला है.

नगर निगम स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग में सुधारने लाने के लिए सख्ती बरत रहा

गुप्त तरीके से स्वच्छता सर्वेक्षण की टीमें बनारस का जायजा ले रही हैं. जिसको तीन अलग-अलग श्रेणियों में बांटकर पड़ताल की जा रही है. यही वजह है कि वाराणसी नगर निगम स्वच्छता सर्वेक्षण में अपने आप को और बेहतर करने के लिए अब शक्ति करने जा रहा है. यह सख्ती का खामियाजा सीधे तौर पर जनता को भुगतना पड़ेगा. इसलिए गलती ना करें नहीं तो भारी पड़ जाएगा.



दरअसल, वाराणसी नगर निगम अलग-अलग प्रयासों से बनारस की छवि को बेहतर बनाने और स्वच्छता सर्वेक्षण में अपनी रैंकिंग को सुधारने का काम करेगा. इस बारे में नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर एनपी सिंह का कहना है कि वाराणसी नगर निगम स्वच्छता सर्वेक्षण के मामले में तीन अलग-अलग स्तर पर मापा जा रहा है. क्योंकि गंगा किनारे बसा हुआ शहर बनारस बेस्ट गंगा टाउन सिटी के रूप में भी स्वच्छता सर्वेक्षण के मापदंड पर कसा जा रहा है. इसके अतिरिक्त खुले में शौच मुक्त अभियान के स्तर पर भी टीमें अपने तरीके से गोपनीय जांच कर रही हैं. इसके अतिरिक्त नो गार्बेज सिटी के स्तर पर भी शहर के अलग-अलग हिस्सों की पड़ताल की जा रही है. यह टीमें समय-समय पर बनारस आकर किए जा रहे प्रयासों की हकीकत देख रही हैं और आगे भी देखती रहेंगी.

यही वजह है कि वाराणसी नगर निगम स्वच्छता सर्वेक्षण में अपनी रैंकिंग को और बेहतर करने के लिए कुछ एक्स्ट्रा प्रयास करने जा रहा है. इसमें किसी का उत्पीड़न ना हो या विशेष ध्यान रखा जाएगा. लेकिन शहर की सुंदरता शहर के स्वच्छता को बिगाड़ने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा. इसमें यदि कोई भी व्यक्ति निर्धारित समय यानी सुबह 8:00 बजे के बाद सड़कों पर या गलियों में कूड़ा फेंकता है, तो उसके ऊपर जुर्माने की कार्यवाही की जाएगी. यह जुर्माना 500 से लेकर 5000 रूपये तक का हो सकता है. इसके अलावा खुले में शौच करते हुए पाए जाने पर भी कड़ी कार्रवाई होगी. खुले में पेशाब करने पर भी 100 से 500 रूपये तक की जुर्माने की कार्यवाही की जाएगी.

इसके अलावा दुकानदारों को भी इस मामले में विशेष जागरूक किया जा रहा है कि अपनी दुकानों के बाहर डस्टबिन जरूर रखें. कूड़ा उस डस्टबिन के बाहर मिलने पर उनके खिलाफ भी कड़ी कार्यवाही की जाएगी. नगर स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि नगर निगम वाराणसी अपने स्तर पर स्वच्छता सर्वेक्षण में और भी बेहतर करने का प्रयास कर रहा है. इसके लिए शहर के लोगों को साथ देना होगा जो लोग साथ देंगे. उनका नगर निगम पूरा सहयोग करेगा और जो लोग शहर को स्वच्छ रखने में सहयोग नहीं करेंगे. उनके साथ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र होने के नाते बनारस की रैंकिंग में सुधार होना बेहद आवश्यक है. स्वच्छता की शुरुआत भी बनारस से हुई थी इसलिए इस शहर को बेहतर तरीके से स्वच्छ करते हुए आगे बढ़ाना हम सभी की जिम्मेदारी हैं. इसके लिए कड़ी कार्रवाई और सख्ती एकमात्र विकल्प है.

यह भी पढ़ें: लकड़ी के खिलौनों पर दिखेगी बनारसी घराने की झलक, कारीगरों ने तैयार किए खास आइटम

वाराणसी: बनारस को स्वच्छ, सुंदर और गंगा किनारे के सबसे बेहतर शहरों में शामिल करने के लिए वाराणसी नगर निगम लगातार प्रयास कर रहा है. पिछले साल स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर किए गए प्रयासों के बाद नगर निगम वाराणसी अपनी रैंकिंग में सुधार कर 30 नंबर से सीधे 21 नंबर पहुंच गई थी. जिसकी वजह से वाराणसी को स्वच्छ शहरों की श्रेणी में शामिल करने का काम भी शुरू हो गया है, लेकिन इन सबके बीच 2 अक्टूबर को फिर से स्वच्छ सर्वेक्षण का नतीजा यानी रिजल्ट आने वाला है.

नगर निगम स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग में सुधारने लाने के लिए सख्ती बरत रहा

गुप्त तरीके से स्वच्छता सर्वेक्षण की टीमें बनारस का जायजा ले रही हैं. जिसको तीन अलग-अलग श्रेणियों में बांटकर पड़ताल की जा रही है. यही वजह है कि वाराणसी नगर निगम स्वच्छता सर्वेक्षण में अपने आप को और बेहतर करने के लिए अब शक्ति करने जा रहा है. यह सख्ती का खामियाजा सीधे तौर पर जनता को भुगतना पड़ेगा. इसलिए गलती ना करें नहीं तो भारी पड़ जाएगा.



दरअसल, वाराणसी नगर निगम अलग-अलग प्रयासों से बनारस की छवि को बेहतर बनाने और स्वच्छता सर्वेक्षण में अपनी रैंकिंग को सुधारने का काम करेगा. इस बारे में नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर एनपी सिंह का कहना है कि वाराणसी नगर निगम स्वच्छता सर्वेक्षण के मामले में तीन अलग-अलग स्तर पर मापा जा रहा है. क्योंकि गंगा किनारे बसा हुआ शहर बनारस बेस्ट गंगा टाउन सिटी के रूप में भी स्वच्छता सर्वेक्षण के मापदंड पर कसा जा रहा है. इसके अतिरिक्त खुले में शौच मुक्त अभियान के स्तर पर भी टीमें अपने तरीके से गोपनीय जांच कर रही हैं. इसके अतिरिक्त नो गार्बेज सिटी के स्तर पर भी शहर के अलग-अलग हिस्सों की पड़ताल की जा रही है. यह टीमें समय-समय पर बनारस आकर किए जा रहे प्रयासों की हकीकत देख रही हैं और आगे भी देखती रहेंगी.

यही वजह है कि वाराणसी नगर निगम स्वच्छता सर्वेक्षण में अपनी रैंकिंग को और बेहतर करने के लिए कुछ एक्स्ट्रा प्रयास करने जा रहा है. इसमें किसी का उत्पीड़न ना हो या विशेष ध्यान रखा जाएगा. लेकिन शहर की सुंदरता शहर के स्वच्छता को बिगाड़ने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा. इसमें यदि कोई भी व्यक्ति निर्धारित समय यानी सुबह 8:00 बजे के बाद सड़कों पर या गलियों में कूड़ा फेंकता है, तो उसके ऊपर जुर्माने की कार्यवाही की जाएगी. यह जुर्माना 500 से लेकर 5000 रूपये तक का हो सकता है. इसके अलावा खुले में शौच करते हुए पाए जाने पर भी कड़ी कार्रवाई होगी. खुले में पेशाब करने पर भी 100 से 500 रूपये तक की जुर्माने की कार्यवाही की जाएगी.

इसके अलावा दुकानदारों को भी इस मामले में विशेष जागरूक किया जा रहा है कि अपनी दुकानों के बाहर डस्टबिन जरूर रखें. कूड़ा उस डस्टबिन के बाहर मिलने पर उनके खिलाफ भी कड़ी कार्यवाही की जाएगी. नगर स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि नगर निगम वाराणसी अपने स्तर पर स्वच्छता सर्वेक्षण में और भी बेहतर करने का प्रयास कर रहा है. इसके लिए शहर के लोगों को साथ देना होगा जो लोग साथ देंगे. उनका नगर निगम पूरा सहयोग करेगा और जो लोग शहर को स्वच्छ रखने में सहयोग नहीं करेंगे. उनके साथ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र होने के नाते बनारस की रैंकिंग में सुधार होना बेहद आवश्यक है. स्वच्छता की शुरुआत भी बनारस से हुई थी इसलिए इस शहर को बेहतर तरीके से स्वच्छ करते हुए आगे बढ़ाना हम सभी की जिम्मेदारी हैं. इसके लिए कड़ी कार्रवाई और सख्ती एकमात्र विकल्प है.

यह भी पढ़ें: लकड़ी के खिलौनों पर दिखेगी बनारसी घराने की झलक, कारीगरों ने तैयार किए खास आइटम

Last Updated : May 6, 2023, 8:51 PM IST
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