वाराणसी: लोगों के घर तक पीने का साफ पानी पहुंचाने के साथ ही सीवर व्यवस्था को दुरुस्त रखने वाले जलकल विभाग को सीधे पब्लिक से जोड़कर देखा जा सकता, क्योंकि यह एक ऐसा विभाग है जो पब्लिक की बड़ी जरूरत को पूरा करता है. लेकिन, पानी की सप्लाई करने वाला यह विभाग अब बिजली पैदा करके भी कमाई करने जा रहा है. इस कमाई का उपयोग विभाग जनउपयोगी कार्यों में किया जाएगा.
इसके लिए बनारस के दो स्थानों पर जलकल विभाग बड़ी क्षमता के सोलर प्लांट इंस्टॉल कर रहा है. जिसको आने वाले एक महीने में शुरू कर दिया जाएगा. इसका बड़ा फायदा जलकल विभाग को मिलेगा. इससे जलकल विभाग को बिजली बिल में बचत होगी. साथ ही उसकी कमाई से लीकेज समेत अन्य समस्याओं को भी ठीक किया जा सकेगा.
वाराणसी जलकल विभाग जल संस्थान परिसर में बड़े पैमाने पर सोलर पैनल लगाकर बिजली की बचत के साथ ही ग्रिड को बिजली बेच भी सकेगा. विभाग रोजाना दो मेगावाट बिजली का उत्पादन करेगा. जल निगम के जीएम रघुवेन्द्र कुमार ने बताया कि सरकार सभी सरकारी विभागों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तेजी से काम कर रही है. वाराणसी के जलकल विभाग में सौर ऊर्जा को लेकर बड़ा काम हो रहा है.
जलकल में बड़े पैमाने पर सोलर पैनल लगाया जा रहा है. इससे विभाग सिर्फ बिजली ही नहीं बचाएगा, बल्कि इसे बेचेगा भी. इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत 17 करोड़ रुपए है. इसमें 14,400 स्क्वायर मीटर में करीब 3700 से अधिक सोलर पैनल लगाए गए हैं. इसमें 40 सोलर ट्री हैं. एक सोलर ट्री पर 10 सोलर पैनल लगे होंगे. यहां सौर ऊर्जा से कुल दो मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा.
उन्होंने बताया कि भदैनी पंप हाउस भेलूपुर जलकल का महीने का बिजली का बिल 24 लाख रुपए आता है, जो सोलर से उत्पादित बिजली को ग्रिड में बेचने के बाद आधा हो जाएगा. यानी जलकल विभाग को लगभग 12 लाख रुपए प्रति महीने ही बिल चुकाना पड़ेगा. सोलर पैनल से प्रतिदिन औसतन 7000 यूनिट बिजली पैदा होगी, जिसकी कीमत लगभग 56,000 रुपए होगी. ग्रिड में जाने के बाद नियमनुसार बिल का एडजस्टमेंट किया जाएगा. जीएम ने बताया कि सोलर ऊर्जा पर किए जा रहे खर्च की लागत 6 से 7 साल में निकल आएगी. उन्होंने बताया कि टेस्टिंग के बाद सोलर से बिजली का उत्पादन दिसंबर के अंत तक शुरू हो जाएगा.