ETV Bharat / state

Varanasi में अब कचरा नहीं होगा बर्बाद, कूड़े से रोशन किए जाएंगे घर, जानें कैसे होगा ये सब - वाराणसी हरित कोयला परियोजना

वाराणसी में देश का पहला ऐसा प्लांट लगने जा रहा है, जिसमें कचरे से कोयला तैयार किया जाएगा. इसके बाद कचरे से तैयार कोयले से बिजली बनाई जाएगी, जो घरों को सप्लाई की जाएगी.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Jan 24, 2023, 9:33 PM IST

वाराणसी: अब घरों से निकलने वाले कचरे से ही काशीवासियों को बिजली की सप्लाई की जाएगी. दरअसल, सरकार वाराणसी में कचरे से कोयला बनाने का प्लांट शुरू करने वाली है, जो अपनी तरह का कचरे से कोयला बनाने वाला देश का पहला प्लांट होगा. इसका सफल परीक्षण किया जा चुका है. 200 करोड़ के इस प्रोजेक्ट को वाराणसी हरित कोयला परियोजना के नाम से एनटीपीसी लगा रहा है.

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इस परियोजना के लिए निःशुल्क जमीन उपलब्ध कराई है. नवंबर 2023 में शुरू होने वाला प्लांट 200 टन प्रतिदिन कोयले का उत्पादन करेगा. अत्याधुनिक प्लांट प्रदूषण व दुर्गंध फैलाए बिना कोयला बनाएगा. यह परियोजना रोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध कराएगी. वहीं प्लांट के दूसरे परीक्षण की तैयारी की जा रही है.

16 एकड़ में प्लांट का हो रहा निर्माण
काशी से निकलने वाला कचरा अब कहीं भी बिखरा हुआ नहीं दिखाई देगा. साथ ही न दुर्गंध आएगी और ना ही प्रदूषण होगा, बल्कि इससे कोयला बनाकर बिजली पैदा की जाएगी. ये काम एनटीपीसी वाराणसी नगर निगम के सहयोग से करेगी. नगर निगम के इलेक्ट्रिकल व मैकेनिकल विभाग के अधिशाषी अभियंता अजय कुमार राम ने बताया कि वाराणसी के रमना में 16 एकड़ में प्लांट का निर्माण हो रहा है, जिसकी कीमत लगभग 200 करोड़ आ रही है.

वाराणसी नगर निगम एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड को सॉलिड वेस्ट उपलब्ध कराएगा, जिससे कोयला बनेगा. प्रतिदिन करीब 600 टन सॉलिड वेस्ट से 200 टन प्रतिदिन कोयला का उत्पादन होगा. इस प्रोजेक्ट के लिए 3 यूनिट काम करेंगी, जिसमें एक यूनिट स्टैंडबाई रहेगी. वहीं प्लांट के शुरू होने से सैकड़ाें लोगों को रोजगार मिलेगा. अधिशाषी अभियंता ने बताया कि अक्टूबर में प्लांट के पहले परीक्षण में लगभग 6 टन कचरे से 3 टन कोयला बनाया गया था.

नवंबर में शुरू हो जाएगा प्लांट
अधिशाषी अभियंता अजय कुमार राम ने बताया कि यह तकनीक आत्मनिर्भर भारत का नायाब उदाहरण है. प्लांट से निकलने वाला कोयला 200 किलोमीटर (विन्ध्यनगर, टांडा, मेजा, शक्तिनगर) के एनटीपीसी के प्लांट में भेजा जाएगा, जहां बिजली का उत्पादन होगा. उन्होंने बताया कि ओडर कंट्रोल सिस्टम लगे होने से कूड़े से दुर्गन्ध नहीं आएगी. प्लांट से किसी भी प्रकार की विषैली गैस नहीं निकलेगी. ये परियोजना अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होगा, जिसका फायदा कार्बन क्रेडिट में भी मिलेगा. हरित कोयला परियोजना के प्लांट लगने की शुरुआत 2021 में शुरू हुई थी, जिसका उत्पादन नवंबर में शुरू हो जाएगा.

यह भी पढ़ेंः विरोध के बीच 'पठान' वाराणसी में करेगी 12 करोड़ से ओपनिंग, सभी सिनेमा हॉल हाउसफुल

वाराणसी: अब घरों से निकलने वाले कचरे से ही काशीवासियों को बिजली की सप्लाई की जाएगी. दरअसल, सरकार वाराणसी में कचरे से कोयला बनाने का प्लांट शुरू करने वाली है, जो अपनी तरह का कचरे से कोयला बनाने वाला देश का पहला प्लांट होगा. इसका सफल परीक्षण किया जा चुका है. 200 करोड़ के इस प्रोजेक्ट को वाराणसी हरित कोयला परियोजना के नाम से एनटीपीसी लगा रहा है.

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इस परियोजना के लिए निःशुल्क जमीन उपलब्ध कराई है. नवंबर 2023 में शुरू होने वाला प्लांट 200 टन प्रतिदिन कोयले का उत्पादन करेगा. अत्याधुनिक प्लांट प्रदूषण व दुर्गंध फैलाए बिना कोयला बनाएगा. यह परियोजना रोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध कराएगी. वहीं प्लांट के दूसरे परीक्षण की तैयारी की जा रही है.

16 एकड़ में प्लांट का हो रहा निर्माण
काशी से निकलने वाला कचरा अब कहीं भी बिखरा हुआ नहीं दिखाई देगा. साथ ही न दुर्गंध आएगी और ना ही प्रदूषण होगा, बल्कि इससे कोयला बनाकर बिजली पैदा की जाएगी. ये काम एनटीपीसी वाराणसी नगर निगम के सहयोग से करेगी. नगर निगम के इलेक्ट्रिकल व मैकेनिकल विभाग के अधिशाषी अभियंता अजय कुमार राम ने बताया कि वाराणसी के रमना में 16 एकड़ में प्लांट का निर्माण हो रहा है, जिसकी कीमत लगभग 200 करोड़ आ रही है.

वाराणसी नगर निगम एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड को सॉलिड वेस्ट उपलब्ध कराएगा, जिससे कोयला बनेगा. प्रतिदिन करीब 600 टन सॉलिड वेस्ट से 200 टन प्रतिदिन कोयला का उत्पादन होगा. इस प्रोजेक्ट के लिए 3 यूनिट काम करेंगी, जिसमें एक यूनिट स्टैंडबाई रहेगी. वहीं प्लांट के शुरू होने से सैकड़ाें लोगों को रोजगार मिलेगा. अधिशाषी अभियंता ने बताया कि अक्टूबर में प्लांट के पहले परीक्षण में लगभग 6 टन कचरे से 3 टन कोयला बनाया गया था.

नवंबर में शुरू हो जाएगा प्लांट
अधिशाषी अभियंता अजय कुमार राम ने बताया कि यह तकनीक आत्मनिर्भर भारत का नायाब उदाहरण है. प्लांट से निकलने वाला कोयला 200 किलोमीटर (विन्ध्यनगर, टांडा, मेजा, शक्तिनगर) के एनटीपीसी के प्लांट में भेजा जाएगा, जहां बिजली का उत्पादन होगा. उन्होंने बताया कि ओडर कंट्रोल सिस्टम लगे होने से कूड़े से दुर्गन्ध नहीं आएगी. प्लांट से किसी भी प्रकार की विषैली गैस नहीं निकलेगी. ये परियोजना अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होगा, जिसका फायदा कार्बन क्रेडिट में भी मिलेगा. हरित कोयला परियोजना के प्लांट लगने की शुरुआत 2021 में शुरू हुई थी, जिसका उत्पादन नवंबर में शुरू हो जाएगा.

यह भी पढ़ेंः विरोध के बीच 'पठान' वाराणसी में करेगी 12 करोड़ से ओपनिंग, सभी सिनेमा हॉल हाउसफुल

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.