ETV Bharat / state

वाराणसी में होने वाली हर गंगा आरती का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, सरकारी आदेश के बाद उठने लगे विरोध के स्वर - Ganga Aarti Varanasi

वाराणसी में होने वाली गंगा आरतियों का रजिस्ट्रेशन (varanasi ganga aarti registration) अब अनिवार्य कर दिया गया है. इस आदेश के बाद पुरानी आरती समितियों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Oct 3, 2022, 9:28 PM IST

वाराणसी: बनारस को धर्म की नगरी कहते हैं और यहां गंगा आरती पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. वहीं, बनारस की गंगा आरती को लेकर इन दिनों काफी उहापोह की स्थिति बनी हुई है. इसकी बड़ी वजह यह है कि दशाश्वमेध घाट और शीतला घाट पर होने वाली गंगा आरती की तर्ज पर अब हर घाट पर छोटी-छोटी आरतियां शुरू हो गई है, जो कहीं ना कहीं से कई बार विवाद की वजह भी बन जा रही है. आरतियों के शुरू होने के बाद पुलिस और जिला प्रशासन दोनों इसे लेकर परेशान दिख रहा है. इसलिए अब इन आरतियों का रजिस्ट्रेशन (varanasi ganga aarti registration) किया जाना अनिवार्य कर दिया गया है. लेकिन इस आदेश के जारी होने के बाद एक नया बखेड़ा भी खड़ा हो गया है. पुरानी आरती समितियां इसका विरोध कर रही हैं. वहीं, अधिकारियों का साफ तौर पर कहना है कि रजिस्ट्रेशन तो करवाना ही पड़ेगा यह आदेश है और पालन करना ही करना है.

नगर आयुक्त प्रणय सिंह का कहना है कि गंगा आरती के रजिस्ट्रेशन को लेकर जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने पिछले दिनों में ही आदेश दिया था. आरती समितियों को इसके लिए वक्त दिया गया था और अब तक कोई भी आरती समिति अपने प्रयासों से रजिस्ट्रेशन के लिए आगे नहीं आई है. जबकि सर्वे के दौरान यह बात सामने आई है कि बनारस में अलग-अलग गंगा घाटों पर कुल 12 आरती समितियां आरती करवाती हैं. लेकिन रजिस्ट्रेशन के नाम पर बड़ी आरती समितियों के अलावा छोटी आरती समितियां इंटरेस्ट ही नहीं ले रही है.

मामले के बारे में जानकारी देते समिति के सदस्य

12 आरती समितियों में कुछ के फॉर्म आए हैं, लेकिन बाकी इसमें कोई प्रयास नहीं कर रहे हैं. जो कहीं ना कहीं से गलत है. नगर आयुक्त का कहना है कि आरती समितियों का रजिस्ट्रेशन इसलिए अनिवार्य किया गया है, ताकि नई आरतियां विवाद की वजह ना बन जाएं. कई बार शिकायत मिल रही है कि जो आरती फलाने घाट पर हो रही है, वह हमारी मिल्कियत में होने वाली है, लेकिन उसे कोई और कर रहा है. यही वजह है कि हमने हर आरती समिति को निशुल्क रजिस्ट्रेशन के लिए कहा है. इसके लिए बाकायदा उन तक फॉर्म पहुंचाए भी गए हैं. फिर भी किसी ने कोई इंटरेस्ट नहीं लिया है.

नगर आयुक्त के मुताबिक इसमें आरती समिति को अपने पूर्व के रजिस्ट्रेशन की संख्या, आरती करवाने वाली संस्था का नाम, आरती करवाने वाली संस्था का हेड कौन है उसका नाम, उनके पास क्या सुविधाएं उपलब्ध हैं, उनके द्वारा क्या सुविधाएं लोगों को दी जा रही है. इसके अलावा कितने लोगों की व्यवस्था घाट पर आरती के दौरान रहती है और विभिन्न विशेष आयोजनों पर उनके द्वारा क्या सुरक्षा के उपाय किए जाते हैं. इन सभी जानकारियों के साथ रजिस्ट्रेशन फॉर्म को जमा करना है, लेकिन अभी तक किसी ने कोई इनीशिएटिव नहीं लिया है.

नगर आयुक्त के मुताबिक आने वाले 10 दिनों के अंदर में हम इस प्रोसेस को तेजी से आगे बढ़ाएंगे और देव दीपावली से पहले हर हाल में सभी समितियों को आरती का रजिस्ट्रेशन हर हाल में करवा लेना है. रजिस्ट्रेशन नहीं होने पर जिलाधिकारी के निर्देश पर आगे की कार्रवाई बढ़ाई जाएगी.

वही इसे लेकर आरती समितियां और केंद्रीय देव दीपावली समिति भी बैठक कर अपना विरोध दर्ज करा रही है. इनका कहना है कि यह बिल्कुल गलत है. पहले से ही जिन आरती समितियों का रजिस्ट्रेशन हो रखा है, उन समितियों को बार-बार जोर देकर नए तरीके से रजिस्ट्रेशन कराना उचित नहीं है. यह धर्म और आस्था का विषय है और धर्म और आस्था के नाम पर इस तरह की चीजें संचालित नहीं होनी चाहिए.

केंद्रीय देव दीपावली समिति के अध्यक्ष पंडित वागीशदत्त शास्त्री का कहना है कि इस संदर्भ में हम सभी बैठक कर के निर्णय लेंगे और यही आग्रह है कि बेवजह आरती समितियों को परेशान ना किया जाए. धर्म और आस्था के नाम पर रजिस्ट्रेशन कर सरकारी व्यवस्था में इसे बांधने की कोशिश ना की जाए.

यह भी पढ़ें: वाराणसी में खतरे के निशान के ऊपर पहुंची गंगा, अब सड़क पर हो रही है गंगा आरती

वाराणसी: बनारस को धर्म की नगरी कहते हैं और यहां गंगा आरती पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. वहीं, बनारस की गंगा आरती को लेकर इन दिनों काफी उहापोह की स्थिति बनी हुई है. इसकी बड़ी वजह यह है कि दशाश्वमेध घाट और शीतला घाट पर होने वाली गंगा आरती की तर्ज पर अब हर घाट पर छोटी-छोटी आरतियां शुरू हो गई है, जो कहीं ना कहीं से कई बार विवाद की वजह भी बन जा रही है. आरतियों के शुरू होने के बाद पुलिस और जिला प्रशासन दोनों इसे लेकर परेशान दिख रहा है. इसलिए अब इन आरतियों का रजिस्ट्रेशन (varanasi ganga aarti registration) किया जाना अनिवार्य कर दिया गया है. लेकिन इस आदेश के जारी होने के बाद एक नया बखेड़ा भी खड़ा हो गया है. पुरानी आरती समितियां इसका विरोध कर रही हैं. वहीं, अधिकारियों का साफ तौर पर कहना है कि रजिस्ट्रेशन तो करवाना ही पड़ेगा यह आदेश है और पालन करना ही करना है.

नगर आयुक्त प्रणय सिंह का कहना है कि गंगा आरती के रजिस्ट्रेशन को लेकर जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने पिछले दिनों में ही आदेश दिया था. आरती समितियों को इसके लिए वक्त दिया गया था और अब तक कोई भी आरती समिति अपने प्रयासों से रजिस्ट्रेशन के लिए आगे नहीं आई है. जबकि सर्वे के दौरान यह बात सामने आई है कि बनारस में अलग-अलग गंगा घाटों पर कुल 12 आरती समितियां आरती करवाती हैं. लेकिन रजिस्ट्रेशन के नाम पर बड़ी आरती समितियों के अलावा छोटी आरती समितियां इंटरेस्ट ही नहीं ले रही है.

मामले के बारे में जानकारी देते समिति के सदस्य

12 आरती समितियों में कुछ के फॉर्म आए हैं, लेकिन बाकी इसमें कोई प्रयास नहीं कर रहे हैं. जो कहीं ना कहीं से गलत है. नगर आयुक्त का कहना है कि आरती समितियों का रजिस्ट्रेशन इसलिए अनिवार्य किया गया है, ताकि नई आरतियां विवाद की वजह ना बन जाएं. कई बार शिकायत मिल रही है कि जो आरती फलाने घाट पर हो रही है, वह हमारी मिल्कियत में होने वाली है, लेकिन उसे कोई और कर रहा है. यही वजह है कि हमने हर आरती समिति को निशुल्क रजिस्ट्रेशन के लिए कहा है. इसके लिए बाकायदा उन तक फॉर्म पहुंचाए भी गए हैं. फिर भी किसी ने कोई इंटरेस्ट नहीं लिया है.

नगर आयुक्त के मुताबिक इसमें आरती समिति को अपने पूर्व के रजिस्ट्रेशन की संख्या, आरती करवाने वाली संस्था का नाम, आरती करवाने वाली संस्था का हेड कौन है उसका नाम, उनके पास क्या सुविधाएं उपलब्ध हैं, उनके द्वारा क्या सुविधाएं लोगों को दी जा रही है. इसके अलावा कितने लोगों की व्यवस्था घाट पर आरती के दौरान रहती है और विभिन्न विशेष आयोजनों पर उनके द्वारा क्या सुरक्षा के उपाय किए जाते हैं. इन सभी जानकारियों के साथ रजिस्ट्रेशन फॉर्म को जमा करना है, लेकिन अभी तक किसी ने कोई इनीशिएटिव नहीं लिया है.

नगर आयुक्त के मुताबिक आने वाले 10 दिनों के अंदर में हम इस प्रोसेस को तेजी से आगे बढ़ाएंगे और देव दीपावली से पहले हर हाल में सभी समितियों को आरती का रजिस्ट्रेशन हर हाल में करवा लेना है. रजिस्ट्रेशन नहीं होने पर जिलाधिकारी के निर्देश पर आगे की कार्रवाई बढ़ाई जाएगी.

वही इसे लेकर आरती समितियां और केंद्रीय देव दीपावली समिति भी बैठक कर अपना विरोध दर्ज करा रही है. इनका कहना है कि यह बिल्कुल गलत है. पहले से ही जिन आरती समितियों का रजिस्ट्रेशन हो रखा है, उन समितियों को बार-बार जोर देकर नए तरीके से रजिस्ट्रेशन कराना उचित नहीं है. यह धर्म और आस्था का विषय है और धर्म और आस्था के नाम पर इस तरह की चीजें संचालित नहीं होनी चाहिए.

केंद्रीय देव दीपावली समिति के अध्यक्ष पंडित वागीशदत्त शास्त्री का कहना है कि इस संदर्भ में हम सभी बैठक कर के निर्णय लेंगे और यही आग्रह है कि बेवजह आरती समितियों को परेशान ना किया जाए. धर्म और आस्था के नाम पर रजिस्ट्रेशन कर सरकारी व्यवस्था में इसे बांधने की कोशिश ना की जाए.

यह भी पढ़ें: वाराणसी में खतरे के निशान के ऊपर पहुंची गंगा, अब सड़क पर हो रही है गंगा आरती

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.