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...जहां हिंदुओं के हाथ की बनी सेवई ही खाते हैं मुस्लिम भाई

पूरे देश में शुक्रवार को मुस्लिम भाइयों ने अलविदा की नमाज अदा की. जहां एक ओर ईद की तैयारियों को लेकर मुस्लिम भाइयों में खुशी है, तो वहीं इस खुशी को और दोगुना करने के लिए हिंदू भाई भी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं.

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Published : May 31, 2019, 7:35 PM IST

वाराणसी: शुक्रवार को इस पाक महीने का चौथा जुमा यानी अलविदा हो गया. सभी मुस्लिम भाइयों ने मस्जिद में जाकर नमाज अदा की साथ ही देश की तरक्की के लिए अमन-चैन की दुआ मांगी. ईद का दिन जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे बाजारों से लेकर मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में रौनक बढ़ती जा रही है, लेकिन इन सबके बीच सबसे महत्वपूर्ण हो जाता है ईद पर सेवइयों का रिश्तों में मिठास घोलना.

वाराणसी का भदऊ चुंगी स्थित सेवई मंडी का अपना अलग ही महत्व है. यह इलाका सेवई बनाने के लिए जाना जाता है, यहां की बनी हुई सेवइयों की मांग प्रदेश ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात समेत कई प्रदेशों में होती है. कारोबारी बताते हैं कि उनका यह कारोबार पिछले 50 सालों से जारी है. जो सेवई बनाने के लिए ही नहीं बल्कि हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक के रूप में भी जाना जाता है.

देखें रिपोर्ट

क्या है यहां की सेवई की खासियत

  • सेवई की प्रसिद्धि के लिए शहर का भदऊ चुंगी स्थित सेवई मंडी इलाका जाना जाता है
  • हिंदू-मुस्लिम एकता की प्रतीक है यहां की सेवई
  • हिंदू भाई करते हैं सेवई का कारोबार
  • एक-दूसरे के बिना अधूरा रहता है त्योहार
  • यूपी में ही नहीं, कई अन्य प्रदेशों में भी यहां की सेवई की भारी मांग है
  • 50 सालो से अधिक समय से हो रहा है सेवई का कारोबार
  • यहां की सेवई की बनावट रोजेदारों को आकर्षित करती है

वाराणसी: शुक्रवार को इस पाक महीने का चौथा जुमा यानी अलविदा हो गया. सभी मुस्लिम भाइयों ने मस्जिद में जाकर नमाज अदा की साथ ही देश की तरक्की के लिए अमन-चैन की दुआ मांगी. ईद का दिन जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे बाजारों से लेकर मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में रौनक बढ़ती जा रही है, लेकिन इन सबके बीच सबसे महत्वपूर्ण हो जाता है ईद पर सेवइयों का रिश्तों में मिठास घोलना.

वाराणसी का भदऊ चुंगी स्थित सेवई मंडी का अपना अलग ही महत्व है. यह इलाका सेवई बनाने के लिए जाना जाता है, यहां की बनी हुई सेवइयों की मांग प्रदेश ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात समेत कई प्रदेशों में होती है. कारोबारी बताते हैं कि उनका यह कारोबार पिछले 50 सालों से जारी है. जो सेवई बनाने के लिए ही नहीं बल्कि हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक के रूप में भी जाना जाता है.

देखें रिपोर्ट

क्या है यहां की सेवई की खासियत

  • सेवई की प्रसिद्धि के लिए शहर का भदऊ चुंगी स्थित सेवई मंडी इलाका जाना जाता है
  • हिंदू-मुस्लिम एकता की प्रतीक है यहां की सेवई
  • हिंदू भाई करते हैं सेवई का कारोबार
  • एक-दूसरे के बिना अधूरा रहता है त्योहार
  • यूपी में ही नहीं, कई अन्य प्रदेशों में भी यहां की सेवई की भारी मांग है
  • 50 सालो से अधिक समय से हो रहा है सेवई का कारोबार
  • यहां की सेवई की बनावट रोजेदारों को आकर्षित करती है
Intro:वाराणसी: आज अलविदा की नमाज अदा हो चुकी है और अब इंतजार हर किसी को ईद का है. लगभग 1 महीने तक रमजान के पास महीने में रोजा रखने के बाद ईद का दिन जो जो नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे बाजारों से लेकर मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में रौनक बढ़ती ही जा रही है लेकिन इन सबके बीच सबसे महत्वपूर्ण हो जाता है ईद पर सेवइयों का रिश्तो में मिठास घोलना और भाईचारे के इस त्यौहार था एकता और भाईचारे की इस परंपरा को आगे बढ़ाने का काम वाराणसी का एक मोहल्ला कर रहा है इस मोहल्ले की खासियत यह है कि यहां के हिंदू भाइयों के हाथों की तैयार सेवइयां खाए बिना मुस्लिम भाइयों के ईद पूरी नहीं होती.

ओपनिंग पीटीसी- गोपाल मिश्र


Body:वीओ-01 वाराणसी के भदऊ चुंगी स्थित सेवई मंडी इलाके में हिंदुओं की आबादी है लेकिन यह इलाका ईद की तैयारियों में पूरी तरह से डूबा हुआ है या यूं कहें कि इस मोहल्ले में चल रही ईद की तैयारियों के बिना ईद का त्यौहार फीका होगा. दरअसल इस इलाके में सेवई बनाने का काम कई सालों से होता आ रहा है  खास बात यह है कि गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पेश करता है. यह इलाका है तो हिंदुओं का लेकिन मुस्लिम भाइयों के खास पर्व ईद के लिए इस पूरे इलाके में सेवई बनाने का काम बीते 50 सालों से ऊपर से हो रहा है. रमजान के पाक महीने में इस मोहल्ले में सेवई बनाने की शुरुआत जोर-शोर से शुरू हो जाती है.  हर छत पर लोहे के एंगल या बांस पर सेवई को सुखाने का काम जोर शोर से चलता है और क्योंकि ईद नजदीक है, इसलिए अब यह काम अंतिम चरण में है. इस कारोबार से जुड़े व्यापारी बताते हैं कि पीढ़ी दर पीढ़ी ये कारोबार करते आ रहे हैं और मुस्लिम भाई भी उनके इस कारोबार की वजह से उनसे तेजी से जुड़ रहे हैं. जिसकी वजह से ईद के त्यौहार पर वह उनसे मिलने उनके घर भी जाते हैं और सेवइयां बनाकर वह हमारे लिए लेकर भी आते हैैं.

बाईट- देवेंद्र केसरी, सेवई कारोबारी



Conclusion:वीओ-02 खास बात यह है कि जिस तरह से वाराणसी के इस इलाके में सेवइयां तैयार होती हैं। वह अपने आप में थोड़ा अलग है. महीन, मीडियम और मोटी तीन तरह की सेवइयां बनारस के इस मोहल्ले में तैयार होती हैं, लेकिन खासियत महीन सेवई की है जो सिर्फ इसी मोहल्ले में बनती है. जिसकी वजह से इनकी डिमांड ना सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात समेत कई अन्य राज्यों में भी है. व्यापारियों का कहना है कि अब धीरे-धीरे हर जगह यहां की सेवइयां मशहूर हो रही है क्योंकि जो क्वालिटी यहां की सेवइयों में मिलती है वह कहीं और नहीं मिलती. इसकी एक बड़ी वजह यह भी है कि आज भी बनारस के इस मोहल्ले में अधिकांश घरों में सेवइयों का निर्माण हाथों से होता है ना की मशीन से जिसके कारण इनका स्वाद दूसरे जगह की सेवइयों से कुछ अलग होता है. फिलहाल भाईचारे के त्योहार ईद पर बनारस के इस मोहल्ले में भाईचारे की एक अद्भुत मिसाल देखने को मिल रही है और हिंदू भाई अपने मुस्लिम भाइयों के लिए दिन-रात सेवइयां तैयार करने में जुटे हुए हैं ताकि ईद के मौके पर हर किसी का मुंह मीठा कराया जा सके.

क्लोजिंग पीटीसी- गोपाल मिश्र

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