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वाराणसी: मछलियों के शिकार पर प्रशासन ने लगाया प्रतिबन्ध - वाराणसी खबर

उत्तर प्रदेश में वाराणसी के जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने जिले की नदियों में मछलियों के पकड़ने पर प्रतिबंध लगाया है. उन्होंने अपने एक आदेश में कहा कि लाइसेंस या गैर लाइसेंस धारक एक जुलाई से 31 अगस्त तक किसी भी प्रकार की मछलियों का शिकार नहीं करेंगे, अन्यथा कार्रवाई की जाएगी.

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जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा.
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Published : Jul 4, 2020, 12:15 PM IST

वाराणसी: जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने जिले के नदियों की समस्त जल धाराओं में मत्स्य बीज पकड़ने, नष्ट करने एवं मत्स्य शिकारमाही पर प्रतिबंध लगाया है. अब कोई भी व्यक्ति विस्फोटक पदार्थ और विषैले रसायन से मछली नहीं मारेगा और न ही मारने का प्रयास करेगा.

दरअसल, बारिश शुरू होने से नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है. ऐसे में पानी आने के साथ मछली पकड़ने वाले भी सक्रिय हो गए हैं. लिहाजा जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा मछलियों की ब्रिड संरक्षित करने के लिए एक निर्देश जारी किया है. उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति 15 जुलाई से 30 सितंबर तक नदियों से मत्स्य जीरा अथवा अंगुलीका (2 से 10 इंच) आकार की न तो पकड़ेगा और न ही नष्ट करेगा. हालांकि एक जुलाई से 31 अगस्त तक प्रजननशील मछलियों को पकड़ने, मारने और बेचने पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाया गया है. खासकर जिनके पास मत्स्य विभाग वाराणसी से निर्गत वैध लाइसेंस नहीं हैं, वो व्यक्ति उक्त निर्देशित क्षेत्र के प्राकृतिक बहाव को रोकने के लिए अवरोध नहीं लगाएंगे. इसके अलावा जिसके पास विभाग से लाइसेंस प्राप्त है वो भी इस समय अवधी में मछलियों को नहीं पकड़ेंगे.

जिलाधिकारी ने कहा कि इन आदेशों के उल्लंघन की स्थिति में लगाए गए अवरोधक सामग्रियों, पकड़े गए मत्स्य जीरा एवं मछली जब्त कर ली जाएगी. आदेश का उल्लंघन दंडनीय होगा. उक्त अवधि में नदियों से मछली एवं मत्स्य बीज की शिकारमाही की चेकिंग के लिए संबंधित क्षेत्र के राजस्व विभाग, पुलिस विभाग, मत्स्य विभाग की टीम को अधिकृत किया गया है. उन्होंने कहा कि इन अवधि में जो भी व्यक्ति मत्स्य बीज एवं मछली अवैधानिक शिकारमाही या विक्रय करते हुए पकड़ा जाएगा, उसके विरुद्ध नियमानुसार दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.

वाराणसी: जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने जिले के नदियों की समस्त जल धाराओं में मत्स्य बीज पकड़ने, नष्ट करने एवं मत्स्य शिकारमाही पर प्रतिबंध लगाया है. अब कोई भी व्यक्ति विस्फोटक पदार्थ और विषैले रसायन से मछली नहीं मारेगा और न ही मारने का प्रयास करेगा.

दरअसल, बारिश शुरू होने से नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है. ऐसे में पानी आने के साथ मछली पकड़ने वाले भी सक्रिय हो गए हैं. लिहाजा जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा मछलियों की ब्रिड संरक्षित करने के लिए एक निर्देश जारी किया है. उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति 15 जुलाई से 30 सितंबर तक नदियों से मत्स्य जीरा अथवा अंगुलीका (2 से 10 इंच) आकार की न तो पकड़ेगा और न ही नष्ट करेगा. हालांकि एक जुलाई से 31 अगस्त तक प्रजननशील मछलियों को पकड़ने, मारने और बेचने पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाया गया है. खासकर जिनके पास मत्स्य विभाग वाराणसी से निर्गत वैध लाइसेंस नहीं हैं, वो व्यक्ति उक्त निर्देशित क्षेत्र के प्राकृतिक बहाव को रोकने के लिए अवरोध नहीं लगाएंगे. इसके अलावा जिसके पास विभाग से लाइसेंस प्राप्त है वो भी इस समय अवधी में मछलियों को नहीं पकड़ेंगे.

जिलाधिकारी ने कहा कि इन आदेशों के उल्लंघन की स्थिति में लगाए गए अवरोधक सामग्रियों, पकड़े गए मत्स्य जीरा एवं मछली जब्त कर ली जाएगी. आदेश का उल्लंघन दंडनीय होगा. उक्त अवधि में नदियों से मछली एवं मत्स्य बीज की शिकारमाही की चेकिंग के लिए संबंधित क्षेत्र के राजस्व विभाग, पुलिस विभाग, मत्स्य विभाग की टीम को अधिकृत किया गया है. उन्होंने कहा कि इन अवधि में जो भी व्यक्ति मत्स्य बीज एवं मछली अवैधानिक शिकारमाही या विक्रय करते हुए पकड़ा जाएगा, उसके विरुद्ध नियमानुसार दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.

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