वाराणसीः जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने किसानों से अपील की है कि किसान अपनी फसल का अवशेष न जलायें और अर्थदंड देने से बचें. उन्होंने बताया कि फसलों की कटाई के बाद अवशेषों को जलाना प्रतिबंधित है. इन अवशेषों को जलाने से पर्यावरण का सन्तुलन बिगड़ जाता है.
फसलों के अवशेषों को जलाना दंडनीय अपराध है
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि धान की कटाई के बाद फसल के बचें अवशेषों को न जलायें. उन्होंने कहा कि प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण 1981 की धारा -19 की उपधारा (5) के अंतर्गत पर्यावरण अनुभाग उत्तर प्रदेश शासन के गजट नोटिफिकेशन द्वारा फसलों की कटाई के बाद बचे अवशेष को जलाना प्रतिबंधित है. साथ ही कहा कि राष्ट्रीय हरित अभिकरण के आदेशानुसार फसल अवशेष को जलाना एक दण्डनीय अपराध है.
फसलों के अवशेष जलाने पर लगेगा अर्थदंड
कौशल राज शर्मा ने बताया कि पर्यावरण विभाग के आदेश के अनुसार पर्यावरण का संतुलन बिगड़ने और फसलों के अवशेष जलाने पर क्षतिपूर्ति देनी होगी. इसमें 2 एकड़ से कम क्षेत्र के लिए 2500 रुपये, 2 से 5 एकड़ क्षेत्र के लिए 5000 रुपये और 5 एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए 15000 रुपये तक की क्षतिपूर्ति देय होगी. इसके अलावा धारा-24 के अंतर्गत क्षतिपूर्ति और धारा-26 के अंतर्गत उल्लंघन की पुनरावृत्ति होने पर कारावास एवं अर्थदंड दोनों के सम्बंध में कार्रवाई की जाएगी.