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निजी हॉस्पिटल ने इस माह रजिस्ट्रेशन न कराया तो कार्रवाई

वाराणसी जिले में वैध रूप से संचालित निजी चिकित्सालयों, नर्सिंग होम और पैथोलॉजी सेंटर पर जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा निर्देशित किया कि वह इस माह के अंत तक हर हालत में पंजीकरण व नवीनीकरण करा लें. इसके अलावा उन्होंने लोगों से अपील की है कि सरकारी चिकित्सालयों में ही उपचार कराएं.

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जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने समस्त निजी चिकित्सालयों को निर्देशित किया कि वह इस माह के अंत तक हर हालत में पंजीकरण व नवीनीकरण कराने का निर्देश दिया
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Published : Aug 26, 2022, 9:57 PM IST

वाराणसीः जिले में अवैध रूप से संचालित निजी चिकित्सालयों, नर्सिंग होम और पैथोलॉजी सेंटर (pathology center) पर जिला प्रशासन लगातार नजर बनाए हुए हैं. इसी क्रम में शुक्रवार को जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ( DM Kaushal Raj Sharma) ने समस्त निजी चिकित्सालयों को निर्देशित किया कि वह इस माह के अंत तक हर हालत में पंजीकरण व नवीनीकरण करा लें. इसके साथ ही जनपद वासियों से अपील की है कि सरकारी चिकित्सालयों अथवा पंजीकृत निजी चिकित्सा प्रतिष्ठानों में ही उपचार कराएं.

बता दें कि जिलाधिकारी ने निर्देशित किया है कि जनपद के ऐसे संचालक व प्रबंधक जिन्होंने अभी तक मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय (chief Medical Officer) में चिकित्सा प्रतिष्ठान का नवीनीकरण या पंजीकरण नहीं कराया है. वह 31 अगस्त 2022 तक समस्त आवश्यक मानकों के प्रपत्रों सहित ऑनलाइन आवेदन करते हुये नवीनीकरण या पंजीकरण अवश्य करा लें. जिलाधिकारी ने कहा कि निर्धारित अवधि तक जिन चिकित्सा प्रतिष्ठानों का नवीनीकृत, पंजीकरण नहीं हुआ तो उन्हें बंद करा दिया जाएगा. उनके विरुद्ध आवश्यक विधिक कार्रवाई भी की जाएगी.

इस बारे में शुक्रवार को सीएमओ डॉ संदीप चौधरी (CMO Dr. Sandeep Choudhary) ने बताया कि नागरिकों को आवश्यक चिकित्सा सुविधा पंजीकृत व योग्य चिकित्सकों से मिले इसके लिए पंजीकृत चिकित्सा प्रतिष्ठानों की सूची तैयार की गई है. जिले में कुल 582 चिकित्सा प्रतिष्ठान पंजीकृत हैं. इनमें शहरी क्षेत्र में 370 एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 212 चिकित्सा प्रतिष्ठान शामिल हैं. इसमें 50 बेड या उससे अधिक क्षमता वाले 35 निजी चिकित्सालय भी सम्मिलित हैं.


यह भी पढ़ें- मंत्री डॉ अरुण कुमार ने दिया निर्देश, कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रह जाए

बिना पंजीकृत प्रतिष्ठान में मरीज इलाज न कराएं
सीएमओ ने कहा कि वैसे तो सरकारी चिकित्सालयों में चिकित्सा (medical in government hospitals) की निःशुल्क व्यवस्था है. इसके बावजूद यदि कोई व्यक्ति निजी चिकित्सालय में अपना उपचार अथवा जांच कराना चाहता है, तो उसे इसके लिए पंजीकृत चिकित्सा प्रतिष्ठानों में ही जाना चाहिए. उपचार कराने के लिए जाने से पहले सभी को यह देखना चाहिए कि वह जहां उपचार कराने जा रहे हैं वह पंजीकृत है अथवा नहीं. चिकित्सा प्रतिष्ठान यदि पंजीकृत नहीं है, तो वहां उपचार कराने से बचना चाहिए. यदि कोई व्यक्ति किसी बिना पंजीकृत चिकित्सा संस्थान (registered medical institution) में अपना इलाज कराता है तो किसी प्रकार की अनहोनी होने पर शासन-प्रशासन जिम्मेदार नहीं होगा.

वाराणसीः जिले में अवैध रूप से संचालित निजी चिकित्सालयों, नर्सिंग होम और पैथोलॉजी सेंटर (pathology center) पर जिला प्रशासन लगातार नजर बनाए हुए हैं. इसी क्रम में शुक्रवार को जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ( DM Kaushal Raj Sharma) ने समस्त निजी चिकित्सालयों को निर्देशित किया कि वह इस माह के अंत तक हर हालत में पंजीकरण व नवीनीकरण करा लें. इसके साथ ही जनपद वासियों से अपील की है कि सरकारी चिकित्सालयों अथवा पंजीकृत निजी चिकित्सा प्रतिष्ठानों में ही उपचार कराएं.

बता दें कि जिलाधिकारी ने निर्देशित किया है कि जनपद के ऐसे संचालक व प्रबंधक जिन्होंने अभी तक मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय (chief Medical Officer) में चिकित्सा प्रतिष्ठान का नवीनीकरण या पंजीकरण नहीं कराया है. वह 31 अगस्त 2022 तक समस्त आवश्यक मानकों के प्रपत्रों सहित ऑनलाइन आवेदन करते हुये नवीनीकरण या पंजीकरण अवश्य करा लें. जिलाधिकारी ने कहा कि निर्धारित अवधि तक जिन चिकित्सा प्रतिष्ठानों का नवीनीकृत, पंजीकरण नहीं हुआ तो उन्हें बंद करा दिया जाएगा. उनके विरुद्ध आवश्यक विधिक कार्रवाई भी की जाएगी.

इस बारे में शुक्रवार को सीएमओ डॉ संदीप चौधरी (CMO Dr. Sandeep Choudhary) ने बताया कि नागरिकों को आवश्यक चिकित्सा सुविधा पंजीकृत व योग्य चिकित्सकों से मिले इसके लिए पंजीकृत चिकित्सा प्रतिष्ठानों की सूची तैयार की गई है. जिले में कुल 582 चिकित्सा प्रतिष्ठान पंजीकृत हैं. इनमें शहरी क्षेत्र में 370 एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 212 चिकित्सा प्रतिष्ठान शामिल हैं. इसमें 50 बेड या उससे अधिक क्षमता वाले 35 निजी चिकित्सालय भी सम्मिलित हैं.


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बिना पंजीकृत प्रतिष्ठान में मरीज इलाज न कराएं
सीएमओ ने कहा कि वैसे तो सरकारी चिकित्सालयों में चिकित्सा (medical in government hospitals) की निःशुल्क व्यवस्था है. इसके बावजूद यदि कोई व्यक्ति निजी चिकित्सालय में अपना उपचार अथवा जांच कराना चाहता है, तो उसे इसके लिए पंजीकृत चिकित्सा प्रतिष्ठानों में ही जाना चाहिए. उपचार कराने के लिए जाने से पहले सभी को यह देखना चाहिए कि वह जहां उपचार कराने जा रहे हैं वह पंजीकृत है अथवा नहीं. चिकित्सा प्रतिष्ठान यदि पंजीकृत नहीं है, तो वहां उपचार कराने से बचना चाहिए. यदि कोई व्यक्ति किसी बिना पंजीकृत चिकित्सा संस्थान (registered medical institution) में अपना इलाज कराता है तो किसी प्रकार की अनहोनी होने पर शासन-प्रशासन जिम्मेदार नहीं होगा.


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