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वाराणसी के शिल्पकार ने सोने-चांदी और हीरे से बनाया अद्भुत राम मंदिर

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 16, 2024, 5:53 PM IST

वाराणसी की गुलाबी मीनाकारी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल चुकी है. अब इसी हुनर के शिल्पी राष्ट्रीय अवॉर्ड से सम्मानित कुंज बिहारी ने राम मंदिर की अद्भुत अनुकृति बनाई है. जिसे अयोध्या राम मंदिर के दरबार के लिए भेंट किया जाएगा.

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वाराणसी : अयोध्या में 22 जनवरी को श्री राम जन्मभूमि पर मंदिर के उद्घाटन और स्थापना समारोह को लेकर मंगलवार से पूजन-पाठ शुरू हो चुका है. इसे लेकर देश के हर शहर में उत्साह और उमंग देखने को मिल रहा है. शिव की नगरी काशी में भी कई तरह आयोजन हो रहे हैं. यहां की कई चीजें राम दरबार के लिए अर्पित की जा रही हैं. इसी कड़ी में वाराणसी की प्रसिद्ध गुलाबी मीनाकारी के जरिए तैयार हुआ अद्भुत राम मंदिर का मॉडल भी राम दरबार के लिए भेंट किया जाएगा.

रामलला की सोने की मूर्ति भी बनाई गई.
रामलला की सोने की मूर्ति भी बनाई गई.

राष्ट्रीय अवॉर्ड से सम्मानित हस्तशिल्पी वाराणसी के कुंज बिहारी ने सोने, चांदी और डायमंड से श्री राम मंदिर की रेप्लिका बनाई है. गायघाट निवासी कुंज बिहारी का दावा है कि पहली बार गुलाबी मीनाकारी से श्रीराम मंदिर की अनुकृति बनाई गई है. इसको बनाने में 108 दिन का समय लगा है. गुलाबी मीनाकारी में सोने और चांदी का प्रयोग किया जाता है. राम मंदिर की अनुकृति लगभग 2.5 किलो की है जो 12 इंच ऊंची, 8 इंच चौड़ी और 12 इंच लम्बी है. इसमें सोना, करीब डेढ़ किलो चांदी और अनकट डायमंड शिखर पर लगाया गया है. प्रभु राम के मंदिर की अनुकृति 108 पार्ट्स से निर्मित किया गया है. मंदिर की रेप्लिका में रामलला की सोने की मूर्ति भी है.

कुंज बिहारी का कहना है कि इस अनुकृति को बनाने में श्री राम की कृपा रही है. पहली बार गुलाबी मीनाकारी से श्री राम मंदिर बनाने की जब कोशिश की जा रही थी, पहले तो आकार ही नहीं ले पा रही थी. लेकिन जब प्रभु श्रीराम का नाम लेकर और उनके भजन सुनते हुए काम शुरू किया गया तो देखते ही देखते गुलाबी मीनाकारी से मंदिर ने अपना स्वरूप ले लिया. मोदी और योगी के प्रयासों से आज गुलाबी मीनाकारी को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल गई है. इसलिए इस नायब हुनर को मोदी और योगी के माध्यम से श्री राम मंदिर को समर्पित करना चाहते हैं. इसी के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काशी के शिल्पियों के ग़ुलाबी मीनाकारी के उत्पाद उपहार में देते रहते हैं. प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरीस, ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन, जापान के प्रधानमंत्री और फ्रांस के मैनुअल माइक्रोन की पत्नी को भी जीआई प्रोडक्ट के तोहफ़े दे चुके हैं.

यह भी पढ़ें : बनारसी की गुलाबी मीनाकारी, पीएम मोदी के गिफ़्ट से विश्व में मिली नई पहचान

दुबई में मिली काशी के शतरंज को संजीवनी, बढ़ी रोजगार की संभावना

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रामलला की सोने की मूर्ति भी बनाई गई.
रामलला की सोने की मूर्ति भी बनाई गई.

राष्ट्रीय अवॉर्ड से सम्मानित हस्तशिल्पी वाराणसी के कुंज बिहारी ने सोने, चांदी और डायमंड से श्री राम मंदिर की रेप्लिका बनाई है. गायघाट निवासी कुंज बिहारी का दावा है कि पहली बार गुलाबी मीनाकारी से श्रीराम मंदिर की अनुकृति बनाई गई है. इसको बनाने में 108 दिन का समय लगा है. गुलाबी मीनाकारी में सोने और चांदी का प्रयोग किया जाता है. राम मंदिर की अनुकृति लगभग 2.5 किलो की है जो 12 इंच ऊंची, 8 इंच चौड़ी और 12 इंच लम्बी है. इसमें सोना, करीब डेढ़ किलो चांदी और अनकट डायमंड शिखर पर लगाया गया है. प्रभु राम के मंदिर की अनुकृति 108 पार्ट्स से निर्मित किया गया है. मंदिर की रेप्लिका में रामलला की सोने की मूर्ति भी है.

कुंज बिहारी का कहना है कि इस अनुकृति को बनाने में श्री राम की कृपा रही है. पहली बार गुलाबी मीनाकारी से श्री राम मंदिर बनाने की जब कोशिश की जा रही थी, पहले तो आकार ही नहीं ले पा रही थी. लेकिन जब प्रभु श्रीराम का नाम लेकर और उनके भजन सुनते हुए काम शुरू किया गया तो देखते ही देखते गुलाबी मीनाकारी से मंदिर ने अपना स्वरूप ले लिया. मोदी और योगी के प्रयासों से आज गुलाबी मीनाकारी को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल गई है. इसलिए इस नायब हुनर को मोदी और योगी के माध्यम से श्री राम मंदिर को समर्पित करना चाहते हैं. इसी के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काशी के शिल्पियों के ग़ुलाबी मीनाकारी के उत्पाद उपहार में देते रहते हैं. प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरीस, ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन, जापान के प्रधानमंत्री और फ्रांस के मैनुअल माइक्रोन की पत्नी को भी जीआई प्रोडक्ट के तोहफ़े दे चुके हैं.

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