वाराणसी: कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला के खिलाफ विशेष न्यायाधीश एमपी/ एमएलए कोर्ट ने दोबारा गैर जमानती वारंट जारी किया है. इस मामले में अगली सुनवाई 7 नवंबर को होगी. कोर्ट ने पूर्व में भी सुरजेवाला की अर्जी खारिज करते हुए वारंट जारी कर दिया था. पहले जारी वारंट को रोकने के लिए अर्जी दी गई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज करते हुए वारंट जारी कर दिया है.
गौरतलब है कि 23 साल पहले हुए संवासिनी प्रकरण में कांग्रेस नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में तत्कालीन कांग्रेस युवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरजेवाला के नेतृत्व में कमिश्नरी में प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ और सरकारी सम्पत्ति को क्षति पहुंचाई गई थी. इस मामले में सुरजेवाला भी आरोपी है. जिनपर अलग पत्रावली चल रही है. कई बार आरोपी की ओर से पत्रावली के स्पष्ट पठनीय कागजात उपलब्ध कराने के लिए अर्जी दी गई थी. जिसे कोर्ट ने उपलब्ध भी कराया गया था. इसके बाद भी डिस्चार्ज प्रार्थना पत्र देने के आदेश दिया गया. अभी तक इसी संबंध में पत्रावली लंबित है.
भाजपा नेता समेत दो को मिली अंतरिम जमानत
वहीं, एक अन्य मामले में विशेष न्यायाधीश (एससी-एसटी) रश्मि नंदा की अदालत ने भाजपा मंडल अध्यक्ष यतीश तिवारी उर्फ गुड्डू और शाश्वत तिवारी उर्फ हैप्पी उर्फ ऐश्वर्य को 20-20 हजार रुपये की दो जमानतों और व्यक्तिगत बंधपत्र देने पर अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. साथ ही नियमित जमानत के लिए 1 नवम्बर की तिथि नियत की है. अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अनुज यादव, अजय पाल व बृजेश सोनकर ने पक्ष रखा.
प्रकरण के अनुसार वादी अमृत लाल ने कोर्ट के आदेश के बाद मिर्जामुराद थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई. 25 अगस्त 2021 को सुबह 7 बजे अमृत लालपुर चट्टी के स्थित एक कदम के पेड़ के पास खड़ा था. उसी समय विपक्षी पुरानी चुनावी रंजिश को लेकर लाठी-डंडे से मारने-पीटने लगे और ग्यारह सौ रूपये व मोबाइल छीन लिया और जान से मारने की धमकी देकर चले गए. वादी की पत्नी व अन्य लोगों के बीच बचाव किया. इस बात की जानकारी थाने पर दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो वादी ने न्यायालय की शरण ली.
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