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चंदौली के पूर्व सपा सांसद ने 13 साल पुराने मामले में कोर्ट में किया सरेंडर, मिली जमानत

चंदौली के पूर्व सपा सांसद रामकिशन यादव (former SP MP Ramkishan Yadav) को तोड़फोड़ के मामले में वाराणसी की कोर्ट ने सरेंडर करने के बाद जमानत पर रिहा कर दिया.

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चंदौली के पूर्व सपा सांसद रामकिशन यादव
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Published : Nov 10, 2022, 7:34 PM IST

Updated : Nov 10, 2022, 7:58 PM IST

वाराणसी: जनपद में 13 साल पुराने सरकारी काम में बाधा डालने और तोड़फोड़ करने समेत कई अन्य आरोपों में गुरुवार को चंदौली के पूर्व सपा सांसद रामकिशन यादव (former SP MP Ramkishan Yadav) ने वाराणसी न्यायालय में सरेंडर कर दिया गया. हालांकि कोर्ट ने बाद में उन्हें रिहा कर दिया.


बता दें कि तोड़फोड़ और सरकारी काम में बाधा डालने सहित अन्य आरोपों से संबंधित 13 साल पुराने मामले में चंदौली के पूर्व सांसद रामकिशुन यादव ने गुरुवार को वाराणसी की कोर्ट में सरेंडर किया था. वाराणसी की अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (Additional Chief Judicial Magistrate, Varanasi) (पंचम) एमपी-एमएलए कोर्ट उज्ज्वल उपाध्याय की कोर्ट ने 20-20 हजार रुपए की दो जमानतें एवं बंधपत्र देने पर उन्हें रिहा करने का आदेश दिया. अदालत में पूर्व सांसद की ओर से अधिवक्ता रेयाजउद्दीन उर्फ बंटी खान ने पक्ष रखा था.

अभियोजन पक्ष के अनुसार तत्कालीन थाना प्रभारी कैंट डीपी आर्या ने 16 सितंबर 2009 को कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. आरोप था कि वह कई थानों की फोर्स के साथ समाजवादी पार्टी के धरना-प्रदर्शन के मद्देनजर जिला मुख्यालय पर मौजूद थे. उसी दौरान सांसद चंदौली रामकिशुन यादव के साथ पूर्व मंत्री वीरेंद्र सिंह, विधायक अब्दुल समद अंसारी समेत सैकड़ों लोग जुलूस की शक्ल में वहां पहुंचे. पुलिस ने जब उन्हें रोकने का प्रयास किया तो वह लोग उग्र होकर पुलिस से उलझ गए. सभी ने तोड़फोड़ करने के साथ ही सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. इसी मामले में गुरुवार को पूर्व सांसद ने अपने अधिवक्ता के जरिए अदालत में सरेंडर कर जमानत के लिए अर्जी दी थी. सुनवाई के बाद अदालत ने जमानत अर्जी मंजूर कर उन्हें रिहा कर दिया.

वाराणसी: जनपद में 13 साल पुराने सरकारी काम में बाधा डालने और तोड़फोड़ करने समेत कई अन्य आरोपों में गुरुवार को चंदौली के पूर्व सपा सांसद रामकिशन यादव (former SP MP Ramkishan Yadav) ने वाराणसी न्यायालय में सरेंडर कर दिया गया. हालांकि कोर्ट ने बाद में उन्हें रिहा कर दिया.


बता दें कि तोड़फोड़ और सरकारी काम में बाधा डालने सहित अन्य आरोपों से संबंधित 13 साल पुराने मामले में चंदौली के पूर्व सांसद रामकिशुन यादव ने गुरुवार को वाराणसी की कोर्ट में सरेंडर किया था. वाराणसी की अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (Additional Chief Judicial Magistrate, Varanasi) (पंचम) एमपी-एमएलए कोर्ट उज्ज्वल उपाध्याय की कोर्ट ने 20-20 हजार रुपए की दो जमानतें एवं बंधपत्र देने पर उन्हें रिहा करने का आदेश दिया. अदालत में पूर्व सांसद की ओर से अधिवक्ता रेयाजउद्दीन उर्फ बंटी खान ने पक्ष रखा था.

अभियोजन पक्ष के अनुसार तत्कालीन थाना प्रभारी कैंट डीपी आर्या ने 16 सितंबर 2009 को कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. आरोप था कि वह कई थानों की फोर्स के साथ समाजवादी पार्टी के धरना-प्रदर्शन के मद्देनजर जिला मुख्यालय पर मौजूद थे. उसी दौरान सांसद चंदौली रामकिशुन यादव के साथ पूर्व मंत्री वीरेंद्र सिंह, विधायक अब्दुल समद अंसारी समेत सैकड़ों लोग जुलूस की शक्ल में वहां पहुंचे. पुलिस ने जब उन्हें रोकने का प्रयास किया तो वह लोग उग्र होकर पुलिस से उलझ गए. सभी ने तोड़फोड़ करने के साथ ही सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. इसी मामले में गुरुवार को पूर्व सांसद ने अपने अधिवक्ता के जरिए अदालत में सरेंडर कर जमानत के लिए अर्जी दी थी. सुनवाई के बाद अदालत ने जमानत अर्जी मंजूर कर उन्हें रिहा कर दिया.

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Last Updated : Nov 10, 2022, 7:58 PM IST
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