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बनारस की 'चटोरी गली' में लीजिए लजीज व्यंजनों का स्वाद, देश के हर कोने में होती है यहां के फेमस फूड की तारीफ - चटोरी गली

वाराणसी का स्ट्रीट फूड अब नेशनल लेवल पर अपनी पहचान बनाने जा रहा है. वाराणसी में पर्यटन विभाग चटोरी गली (Varanasi Chatori Gali) बनाने जा रहा है, जहां हर तरह के लजीज व्यंजन मिल सकेंगे. सरकार ने इसके लिए एक करोड़ का बजट भी दिया है.

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वाराणसी चटोरी गली
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 3, 2023, 7:19 PM IST

उप निदेशक पर्यटन आरके रावत ने दी जानकारी

वाराणसी: काशी का नाम आते ही सबसे पहले नाम आता है महादेव का हर-हर महादेव. बाबा विश्वनाथ का नाम लेने के बाद जब हम बनारस की गलियों में घूमना शुरू करते हैं तो हमें अलग-अलग व्यंजनों की महक आने लगती है. महक ऐसी कि मुंह में पानी आ जाए. काशी को जायकों का शहर ऐसे ही नहीं कहा जाता है. यहां की गलियों के नाम भी काफी चटकारे हैं. कचौड़ी गली, घुंघरानी गली. इसी में अब एक और नया नाम जुड़ने जा रहा है. वह नाम है "चटोरी गली". जी हां! काशी में चटोरी गली तैयार की जाएगी. जहां बनारस के व्यंजनों को परोसा जाएगा. पर्यटक जायकेदार लजीज और एकदम बनारसी अंदाज में इन व्यंजनों का लुत्फ उठा सकेंगे.

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वाराणसी की चटोरी गली
बनारसी पान, चाट, गोलगप्पा, कचौड़ी-जलेबी, ठंडई. इन सब का स्वाद तो आप बनारस में लेते रहे होंगे. लेकिन, अब आपको लखनऊ की चटोरी गली के तर्ज पर बनारस में भी चटोरी गली मिल जाएगी. यहां पर आप बनारस के अलग-अलग व्यंजनों का स्वाद ले सकेंगे. इसके साथ ही साउथ इंडियन और चाइनीज आइटम भी आपको खाने के लिए मिल जाएंगे. इसके माध्यम से बनारस की गलियों को क्लीन स्ट्रीट फूड हब के तौर पर विकसित किया जाएगा. नगर निगम ने चटोरी गली के लिए जगह चिन्हित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
देश के हर कोने में बनारस के फूड की तारीफ: पर्यटन उपनिदेशक आरके रावत बताते हैं, 'बनारस मंदिरों और घाट के लिए तो फेमस है ही. इसके अलावा यहां का जो स्ट्रीट फूज है वह भी बहुत फेमस है. बनारस के फूड की तारीफ आपको हिन्दुस्तान के हर कोने में मिलेगी. इसी कॉन्सेप्ट को ध्यान में रखते हुए ये कोशिश की जा रही है कि बनारस का जो फेमस फूड हैं, उनको एक जगह पर लेकर आया जाए, जिससे कि टूरिस्ट्स को भी इसका टेस्ट मिल सके. इसे ध्यान में रखते हुए चटोरी गली का प्रपोजल विभाग के माध्यम से बनाया जा रहा है. इस तरह का एक प्रपोजल लखनऊ में भी बना है. काशी आने वाले पर्यटकों को यह डेस्टिनेशन के रूप में मिलेगा.

काशी में 435 मोहल्ले और 2000 से अधिक गलियां: बनारस में 435 मोहल्ले और 2000 से अधिक गलियां हैं. इसमें तोता गली, सुग्गा गली, हाथी गली, चूहा गली, विश्वनाथ गली, खोवा गली, घूंघरानी गली, काली गली जैसे नाम वाली कई गलियां हैं. जब कोई पर्यटक यहां पर आता है तो इन नामों को सुनकर एक बार चौंक जाता है. लेकिन, बनारस की असली पहचान तो इन गलियों से ही है. गलियों के शहर बनारस की अधिकतर गलियां मां गंगा के तट तक जाती हैं. घाट पर ही पर्यटकों का आना-जाना सबसे अधिक रहता है. बनारसी भी अकसर घाट किनारे पहुंच जाया करते हैं. ऐसे में नगर निगम घाट से सटी गलियों को क्लीन स्ट्रीट फूड हब बनाने जा रहा है. इसे चटोरी गली का नाम दिया जाएगा.

इसे भी पढ़े-काशी में अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव : 'रोमांस सागा ऑफ राम एंड सीता' की धूम, मंकी किंग के रूप में दिखे भगवान हनुमान

एक छत के नीचे मिलेंगी सभी तरह की वैरायटी : बनारस में फूड स्ट्रीट चटोरी गली को बनाए जाने को लेकर आरके रावत कहते हैं, 'हमारा प्रयास है कि एक छत के नीचे ही सारी वेरायटी को हम दे पाएं. बनारस इसके लिए बहुत फेमस है भी. क्योंकि यहां पर बहुत सी ऐसी चीजें हैं, जिनके बारे में टूरिस्ट यहां आने के बाद जानकारी इकट्ठा करता है. ऐसे में हमारा प्रयास है कि इन सारी चीजों को एक ही स्थान पर लेकर आएं. इसके साथ ही काशी आने वाले लोगों को यहां के विभिन्न वेराइटी के स्ट्रीट फूड का टेस्ट दे सकें. लखनऊ की तर्ज पर बनारस में बनने वाले फूड स्ट्रीट को की लंबाई लगभग एककिलोमीटर की रखी जाएगी.'

चटोरी गली में 20 स्टॉल पर परोसे जाएंगे बनारसी व्यंजन: चटोरी गली में 20 स्टॉल लगाए जाएंगे. इसमें महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी. महिला वेंडर्स की ओर से पर्यटकों को साफ और शुद्ध होने के साथ ही लजीज व्यंजन परोसा जाएगा. इसके साथ ही चटोरी गली में बनने वाले सभी फूड आइटम की जांच भी की जाती रहेगी. समय-समय पर फूड एंड सेफ्टी विभाग इन व्यंजनों की गुणवत्ता को परखने का काम करेगा. ऐसा इसलिए किया जाएगा कि बनारस में आने वाले वाले लोगों को साफ-सुथरा और टेस्टी फूड मिल सके. इसके लिए नगर निमग की तरफ से तैयारियां की जा रही हैं. बनारस में कॉरिडोर बनने के बाद से प्रतिदिन लाखों की संख्या में पर्यटक बनारस पहुंच रहे हैं. ऐसे में सुरक्षा का खास ध्यान रखा जाएगा.

शासन की तरफ से बनारस के लिए एक करोड़ जारी: अधिकारियों ने बताया, 'भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण नई दिल्ली के जरिए स्वास्थ्यवर्धक फूड मुहैया कराने के लिए 'ईट राइट एनिशिएटिव' नाम से योजना चलाई जा रही है. इसी योजना के तहत वाराणसी, लखनऊ, अयोध्या और गोरखपुर में क्लीन स्ट्रीट फूड हब शुरू किए जाने की योजना है. इसके लिए उत्तर प्रदेश शासन की तरफ से वाराणसी के लिए एक करोड़ का बजट जारी किया गया है. नगर निगम जल्द से जल्द चटोरी गली के सिए स्थान चिन्हिन करने में लगा है. स्थान चिन्हित होने के बाद उसे क्लीन स्ट्रीट फूड हब के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे कि काशी आने वाले पर्यटकों को यहां के लजीज व्यंजनों का स्वाद मिल सके.

यह भी पढ़े-वाराणसी में 6वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल की शुरुआत, हटाई गई पाकिस्तानी शॉर्ट फिल्म

उप निदेशक पर्यटन आरके रावत ने दी जानकारी

वाराणसी: काशी का नाम आते ही सबसे पहले नाम आता है महादेव का हर-हर महादेव. बाबा विश्वनाथ का नाम लेने के बाद जब हम बनारस की गलियों में घूमना शुरू करते हैं तो हमें अलग-अलग व्यंजनों की महक आने लगती है. महक ऐसी कि मुंह में पानी आ जाए. काशी को जायकों का शहर ऐसे ही नहीं कहा जाता है. यहां की गलियों के नाम भी काफी चटकारे हैं. कचौड़ी गली, घुंघरानी गली. इसी में अब एक और नया नाम जुड़ने जा रहा है. वह नाम है "चटोरी गली". जी हां! काशी में चटोरी गली तैयार की जाएगी. जहां बनारस के व्यंजनों को परोसा जाएगा. पर्यटक जायकेदार लजीज और एकदम बनारसी अंदाज में इन व्यंजनों का लुत्फ उठा सकेंगे.

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वाराणसी की चटोरी गली
बनारसी पान, चाट, गोलगप्पा, कचौड़ी-जलेबी, ठंडई. इन सब का स्वाद तो आप बनारस में लेते रहे होंगे. लेकिन, अब आपको लखनऊ की चटोरी गली के तर्ज पर बनारस में भी चटोरी गली मिल जाएगी. यहां पर आप बनारस के अलग-अलग व्यंजनों का स्वाद ले सकेंगे. इसके साथ ही साउथ इंडियन और चाइनीज आइटम भी आपको खाने के लिए मिल जाएंगे. इसके माध्यम से बनारस की गलियों को क्लीन स्ट्रीट फूड हब के तौर पर विकसित किया जाएगा. नगर निगम ने चटोरी गली के लिए जगह चिन्हित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
देश के हर कोने में बनारस के फूड की तारीफ: पर्यटन उपनिदेशक आरके रावत बताते हैं, 'बनारस मंदिरों और घाट के लिए तो फेमस है ही. इसके अलावा यहां का जो स्ट्रीट फूज है वह भी बहुत फेमस है. बनारस के फूड की तारीफ आपको हिन्दुस्तान के हर कोने में मिलेगी. इसी कॉन्सेप्ट को ध्यान में रखते हुए ये कोशिश की जा रही है कि बनारस का जो फेमस फूड हैं, उनको एक जगह पर लेकर आया जाए, जिससे कि टूरिस्ट्स को भी इसका टेस्ट मिल सके. इसे ध्यान में रखते हुए चटोरी गली का प्रपोजल विभाग के माध्यम से बनाया जा रहा है. इस तरह का एक प्रपोजल लखनऊ में भी बना है. काशी आने वाले पर्यटकों को यह डेस्टिनेशन के रूप में मिलेगा.

काशी में 435 मोहल्ले और 2000 से अधिक गलियां: बनारस में 435 मोहल्ले और 2000 से अधिक गलियां हैं. इसमें तोता गली, सुग्गा गली, हाथी गली, चूहा गली, विश्वनाथ गली, खोवा गली, घूंघरानी गली, काली गली जैसे नाम वाली कई गलियां हैं. जब कोई पर्यटक यहां पर आता है तो इन नामों को सुनकर एक बार चौंक जाता है. लेकिन, बनारस की असली पहचान तो इन गलियों से ही है. गलियों के शहर बनारस की अधिकतर गलियां मां गंगा के तट तक जाती हैं. घाट पर ही पर्यटकों का आना-जाना सबसे अधिक रहता है. बनारसी भी अकसर घाट किनारे पहुंच जाया करते हैं. ऐसे में नगर निगम घाट से सटी गलियों को क्लीन स्ट्रीट फूड हब बनाने जा रहा है. इसे चटोरी गली का नाम दिया जाएगा.

इसे भी पढ़े-काशी में अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव : 'रोमांस सागा ऑफ राम एंड सीता' की धूम, मंकी किंग के रूप में दिखे भगवान हनुमान

एक छत के नीचे मिलेंगी सभी तरह की वैरायटी : बनारस में फूड स्ट्रीट चटोरी गली को बनाए जाने को लेकर आरके रावत कहते हैं, 'हमारा प्रयास है कि एक छत के नीचे ही सारी वेरायटी को हम दे पाएं. बनारस इसके लिए बहुत फेमस है भी. क्योंकि यहां पर बहुत सी ऐसी चीजें हैं, जिनके बारे में टूरिस्ट यहां आने के बाद जानकारी इकट्ठा करता है. ऐसे में हमारा प्रयास है कि इन सारी चीजों को एक ही स्थान पर लेकर आएं. इसके साथ ही काशी आने वाले लोगों को यहां के विभिन्न वेराइटी के स्ट्रीट फूड का टेस्ट दे सकें. लखनऊ की तर्ज पर बनारस में बनने वाले फूड स्ट्रीट को की लंबाई लगभग एककिलोमीटर की रखी जाएगी.'

चटोरी गली में 20 स्टॉल पर परोसे जाएंगे बनारसी व्यंजन: चटोरी गली में 20 स्टॉल लगाए जाएंगे. इसमें महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी. महिला वेंडर्स की ओर से पर्यटकों को साफ और शुद्ध होने के साथ ही लजीज व्यंजन परोसा जाएगा. इसके साथ ही चटोरी गली में बनने वाले सभी फूड आइटम की जांच भी की जाती रहेगी. समय-समय पर फूड एंड सेफ्टी विभाग इन व्यंजनों की गुणवत्ता को परखने का काम करेगा. ऐसा इसलिए किया जाएगा कि बनारस में आने वाले वाले लोगों को साफ-सुथरा और टेस्टी फूड मिल सके. इसके लिए नगर निमग की तरफ से तैयारियां की जा रही हैं. बनारस में कॉरिडोर बनने के बाद से प्रतिदिन लाखों की संख्या में पर्यटक बनारस पहुंच रहे हैं. ऐसे में सुरक्षा का खास ध्यान रखा जाएगा.

शासन की तरफ से बनारस के लिए एक करोड़ जारी: अधिकारियों ने बताया, 'भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण नई दिल्ली के जरिए स्वास्थ्यवर्धक फूड मुहैया कराने के लिए 'ईट राइट एनिशिएटिव' नाम से योजना चलाई जा रही है. इसी योजना के तहत वाराणसी, लखनऊ, अयोध्या और गोरखपुर में क्लीन स्ट्रीट फूड हब शुरू किए जाने की योजना है. इसके लिए उत्तर प्रदेश शासन की तरफ से वाराणसी के लिए एक करोड़ का बजट जारी किया गया है. नगर निगम जल्द से जल्द चटोरी गली के सिए स्थान चिन्हिन करने में लगा है. स्थान चिन्हित होने के बाद उसे क्लीन स्ट्रीट फूड हब के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे कि काशी आने वाले पर्यटकों को यहां के लजीज व्यंजनों का स्वाद मिल सके.

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