वाराणसी: काशी में स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक नई शुरुआत होने जा रही है. इस शुरुआत के तहत अब पंचकर्म कराने के लिए ग्रामीणों को शहर नहीं जाना पड़ेगा और न ही इसके लिए मोटी रकम चुकानी पड़ेगी. ग्रामीणों को सरकारी आयुष अस्पतालों की सुविधा अब गांवों में ही उपलब्ध हो जाएगी. जहां वह पंचकर्म कराने से लेकर और अन्य तरीके की समस्याओं का भी इलाज करा सकेंगे.
यूनानी अधिकारी डॉ. भावना द्विवेदी ने बताया कि यह अस्पताल हीरामनपुर व लमही में खुलने जा रहे हैं. इन दोनों ही स्थानों पर पहले से ही आयुष अस्पताल स्थापित था. लेकिन, यह अस्पताल किराए के भवन में चल रहा था. इसके अलावा यहां कोई भी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं. ऐसे में बीते साल वाराणसी जिला प्रशासन के जरिए जमीन उपलब्ध करा दी गई. अब यहां दोनों ही स्थानों पर अस्पताल तैयार हो रहे हैं. यहां पर लोगों के लिए सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध होंगी. इसके अलावा यहां पर एक चिकित्सक, एक फार्मासिस्ट, एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के अलावा कुल 4 लोग मौजूद रहेंगे, जो लोगों को आयुष अस्पताल की दवाइयां निशुल्क उपलब्ध कराएंगे. यहां पंचकर्म से संबंधित सामान्यत: सभी रोगों की आयुष औषधियां मौजूद रहेंगी.
यूनानी अधिकारी ने बताया कि यह 4 बेड का अस्पताल है. क्योंकि, आयुष में मरीजों को रात में रोका नहीं जाता है. इसलिए दिन में ही वहां पर उनका इलाज किया जाएगा. मुख्य रूप से उनको यहां पर पंचकर्म की सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. यहां पर आयुष की सभी दवाइयां रखी जाएंगी, जिससे मरीजों का उपचार किया जाएगा. यूनानी अधिकारी ने बताया कि यहां आयुष अस्पताल का केंद्र खुल जाने से लोगों को इलाज कराने के लिए बेहद ही आसनी होगी. क्योंकि, पंचकर्म के नाम सेंटरों में बड़े-बड़े पैकेज लिए जाते हैं. इलाज के लिए गरीब लोगों को इधर-उधर भागदौड़ करनी पड़ती है. लेकिन, यहां पर महज एक रुपये के पर्चे में लोगों का इलाज हो जाएगा. यहां अगर कोई व्यक्ति 15 दिन तक लगातार पंचकर्म करा लेता है तो उसे उसे समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है.
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