वाराणसी: आज शुक्रवार को वाराणसी कचहरी के कुछ अधिवक्ताओं ने सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या के खिलाफ एक विवादित पोस्टर जारी कर दिया. इस पोस्टर में अधिवक्ताओं ने सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को मानसिक विछिप्त बताया है. पिछले दिनों स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा दिये गए मंदिर का ASI सर्वे कराने के बयान को लेकर अधिवक्ताओं में काफी आक्रोश है. अधिवक्ताओं ने स्वामी प्रसाद मौर्य का पोस्टर दीवाल पर लगाया है.
इस पोस्टर को लेकर बनारस कचहरी के अधिवक्ता श्रीपति मिश्रा ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य जी कहां रहते है यह तो हमें पता नही है.लेकिन, उनका लगातार ऊलजलूल बयान उनके मानसिक स्थिति को दर्शाता है कि वह किस प्रकार पागलपन के शिकार हो चुके है.अधिवक्ता श्रीपति मिश्रा ने कहा कि कभी स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरितमानस को लेकर बयान देना, हिन्दू धर्म में होते हुए हिंदू धर्म पर कटाक्ष करना,हद तो तब हो गई जब पत्रकारों द्वारा स्वामी प्रसाद मौर्य से ASI सर्वे को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि केदारनाथ जो हिन्दुओ का सबसे पवित्र तीर्थ स्थल है.बाबा का धाम है उसका ASI सर्वे होना चाहिए तो वहां बौद्ध मंदिर मिलेगा. वहां बौद्ध मंदिर को तोड़कर केदार मंदिर बना दिया है.
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इस तरह के बयान को लेकर अधिवक्ता श्रीपति मिश्रा ने कहा कि मुझे लगता है कि यह केवल स्वामी प्रसाद मौर्य के केवल और केवल पागलपन की निशानी है.इसलिए आज हम लोगों ने एक पोस्टर जारी किया है. हम सभी आप लोगों के माध्यम से पूरे देश के लोगों से यह अपील कर रहे है कि जहां भी स्वामी प्रसाद मौर्य जी मिलें उन्हें नजदीक के पागलखाने में दाखिला दिलाने का कष्ट करें. हम लोगों ने इस पोस्टर को इसलिए जारी किया है क्यों कि स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार अपने बयानों से हम लोगों की भावनाओं, संस्कृति और संस्कार को ठेस पहुंचाने का कार्य कर रहे है. ऐसा कार्य सिर्फ पागल व्यक्ति के द्वारा ही किया जाता है.
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