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गंगा का रौद्र रूप देखकर प्रशासन अलर्ट, तीसरी बार बदला आरती का स्थान - वाराणसी में बाढ़

वाराणसी में डीएम ने आज कैंप कार्यालय पर बाढ़ राहत से सम्बन्धित बैठक करते हुए मजिस्ट्रेटों को निर्देश दिए. इसके साथ ही बाढ़ चौकियों पर ड्यूटी देने वाले कर्मचारियों और गोताखोरों की बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश देने को कहा. वहीं, गंगा के तेज बहाव के कारण आज तीसरे दिन भी गंगा आरती के स्थान में बदलाव हुआ.

गंगा आरती
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Published : Aug 3, 2021, 3:35 AM IST

वाराणसी: जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने सोमवार को कैंप कार्यालय पर बाढ़ राहत से सम्बन्धित बैठक करते हुए मजिस्ट्रेटों को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में स्थापित होने वाली बाढ़ चौकियों को क्रियाशील कराएं. इसके साथ ही इन बाढ़ चौकियों पर ड्यूटी देने वाले कर्मचारियों और गोताखोरों की बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दें. वहीं, गंगा के तेज बहाव के कारण आज तीसरे दिन भी गंगा आरती स्थल में बदलाव हुआ.

डीएम ने कहा कि जनपद में गंगा नदी का जलस्तर लगातार तेजी से बढ़ रहा है, जो 2 अगस्त को 66.52 पहुंच चुका है और यह खतरे के निशान के काफी करीब है. ऐसी स्थिति में प्रभावित होने वाले स्थानों को चिह्नित करते हुए वहां की जनहानि, पशुहानि को बचाने और प्रशासन द्वारा प्रभावित व्यक्तियों/परिवारों को राहत कैंपों में सुरक्षित रखने की व्यवस्था तेजी से सुनिश्चित की जाए. राहत कैंपों के संचालन के लिए संबंधित तहसील के उप जिला अधिकारी द्वारा नोडल अधिकारी नामित करने का निर्देश दिया जो नायब तहसीलदार से नीचे स्तर का न हो. राहत कैंपों में साफ-सुथरे बिस्तर, तकिए, चादर, चारपाई पंखे आदि की व्यवस्था के साथ ही स्वच्छ, पोषणयुक्त ताजा भोजन प्रतिदिन दो बार देने की व्यवस्था की जाए.

कैंप में स्वच्छ पेयजल व निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. साथ ही कहा कि वैकल्पिक रूप से जेनसेट, सोलर लालटेन का भी प्रबंध किया जाय. बाढ़ राहत कैंपों पर सुरक्षा के प्रबंध के निर्देश के साथ महिलाओं की विशेष सुरक्षा के लिए 24 घंटे महिला गार्ड की ड्यूटी लाने की हिदायत दी. राहत कैंपों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा बच्चों या गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण व आवश्यक दवाइयां उपलब्ध कराने तथा डॉक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. इसके अलावा नियमित रूप से कीटनाशक, दवाओं और चूना आदि का छिड़काव किया जाए. प्रत्येक राहत कैंप के लिए समस्त विभाग द्वारा अपने विभाग से एक नोडल अधिकारी नामित करने और उसका नाम व मोबाइल नंबर कैंप के द्वार पर लिखे जाने का निर्देश दिया गया.

राहत कैंप में महिलाओं और पुरुषों के लिए पृथक-पृथक टॉयलेट और स्नानघर की व्यवस्था की जाएगी व उनके नियमित रूप से साफ-सफाई के लिए आवश्यक प्रबंध किए जाएंगे. कैंप में महिला कर्मचारी के माध्यम से महिलाओं के मध्य सैनेटरी नैपकिन का वितरण तथा इसके डिस्पोजल की उचित व्यवस्था की जाएगी. भोजन बनाने के स्थल/रसोई घर व खाने वाले स्थान में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाएगा. राहत कैंप में बच्चों के लिए खेलने एवं पढ़ने की समुचित व्यवस्था की जाएगी. बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग से शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाएगी. बाढ़ से प्रभावित पशुओं को राहत उपलब्ध कराने के लिए पशु राहत कैंप की स्थापना कर संचालन किया जाएगा.

पढ़ें: कहीं आपके बच्चे न कहें कि मेरा बाप चोर था...पढ़िए ऐसा क्यों बोलीं मेनका गांधी

राहत कैंप की वीडियो फुटेज और फोटो आदि आपदा विशेषज्ञ, वाराणसी के वाट्सएप नम्बर 8957662020 पर प्रतिदिन अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराया जाएगा. मुख्यालय एवं तहसील स्तर पर बाढ़ कंट्रोल रूम की स्थापना तत्काल कर दी जाए. कंट्रोल रूम का संचालन (24x7) के आधार पर किया जाएगा और इसमें 8-8 घंटे की शिफ्टवार अधिकारियों या कार्मिकों की ड्यूटी लगाए जाएगी.

वाराणसी: जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने सोमवार को कैंप कार्यालय पर बाढ़ राहत से सम्बन्धित बैठक करते हुए मजिस्ट्रेटों को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में स्थापित होने वाली बाढ़ चौकियों को क्रियाशील कराएं. इसके साथ ही इन बाढ़ चौकियों पर ड्यूटी देने वाले कर्मचारियों और गोताखोरों की बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दें. वहीं, गंगा के तेज बहाव के कारण आज तीसरे दिन भी गंगा आरती स्थल में बदलाव हुआ.

डीएम ने कहा कि जनपद में गंगा नदी का जलस्तर लगातार तेजी से बढ़ रहा है, जो 2 अगस्त को 66.52 पहुंच चुका है और यह खतरे के निशान के काफी करीब है. ऐसी स्थिति में प्रभावित होने वाले स्थानों को चिह्नित करते हुए वहां की जनहानि, पशुहानि को बचाने और प्रशासन द्वारा प्रभावित व्यक्तियों/परिवारों को राहत कैंपों में सुरक्षित रखने की व्यवस्था तेजी से सुनिश्चित की जाए. राहत कैंपों के संचालन के लिए संबंधित तहसील के उप जिला अधिकारी द्वारा नोडल अधिकारी नामित करने का निर्देश दिया जो नायब तहसीलदार से नीचे स्तर का न हो. राहत कैंपों में साफ-सुथरे बिस्तर, तकिए, चादर, चारपाई पंखे आदि की व्यवस्था के साथ ही स्वच्छ, पोषणयुक्त ताजा भोजन प्रतिदिन दो बार देने की व्यवस्था की जाए.

कैंप में स्वच्छ पेयजल व निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. साथ ही कहा कि वैकल्पिक रूप से जेनसेट, सोलर लालटेन का भी प्रबंध किया जाय. बाढ़ राहत कैंपों पर सुरक्षा के प्रबंध के निर्देश के साथ महिलाओं की विशेष सुरक्षा के लिए 24 घंटे महिला गार्ड की ड्यूटी लाने की हिदायत दी. राहत कैंपों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा बच्चों या गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण व आवश्यक दवाइयां उपलब्ध कराने तथा डॉक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. इसके अलावा नियमित रूप से कीटनाशक, दवाओं और चूना आदि का छिड़काव किया जाए. प्रत्येक राहत कैंप के लिए समस्त विभाग द्वारा अपने विभाग से एक नोडल अधिकारी नामित करने और उसका नाम व मोबाइल नंबर कैंप के द्वार पर लिखे जाने का निर्देश दिया गया.

राहत कैंप में महिलाओं और पुरुषों के लिए पृथक-पृथक टॉयलेट और स्नानघर की व्यवस्था की जाएगी व उनके नियमित रूप से साफ-सफाई के लिए आवश्यक प्रबंध किए जाएंगे. कैंप में महिला कर्मचारी के माध्यम से महिलाओं के मध्य सैनेटरी नैपकिन का वितरण तथा इसके डिस्पोजल की उचित व्यवस्था की जाएगी. भोजन बनाने के स्थल/रसोई घर व खाने वाले स्थान में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाएगा. राहत कैंप में बच्चों के लिए खेलने एवं पढ़ने की समुचित व्यवस्था की जाएगी. बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग से शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाएगी. बाढ़ से प्रभावित पशुओं को राहत उपलब्ध कराने के लिए पशु राहत कैंप की स्थापना कर संचालन किया जाएगा.

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राहत कैंप की वीडियो फुटेज और फोटो आदि आपदा विशेषज्ञ, वाराणसी के वाट्सएप नम्बर 8957662020 पर प्रतिदिन अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराया जाएगा. मुख्यालय एवं तहसील स्तर पर बाढ़ कंट्रोल रूम की स्थापना तत्काल कर दी जाए. कंट्रोल रूम का संचालन (24x7) के आधार पर किया जाएगा और इसमें 8-8 घंटे की शिफ्टवार अधिकारियों या कार्मिकों की ड्यूटी लगाए जाएगी.

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