वाराणसी: नगर निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने विरोधियों को जबरदस्त तरीके से परास्त किया. 17 नगर निगम में जीत के साथ ही बीजेपी ने पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में भी इतिहास रच दिया. यहां 100 में से 63 सीटें जीतकर मिनी सदन में भी बीजेपी ने बहुमत का आकड़ा पार कर लिया. इस तरह से बीजेपी का मिनी सदन पर भी पूरी तरह से कब्जा हो गया. लेकिन, गौर करने वाली बात ये है कि इस बार मिनी सदन काशी की आधी आबादी का नेतृत्व करने वाले प्रतिनिधि का दबदबा होगा. इस बार 100 में से 36 महिला पार्षद प्रत्याशी जीतकर मिनी सदन में पहुंची हैं. इनमें 65 से 70 साल की वृद्ध और अनुभवी महिलाओं के साथ ही 22 से 40 साल की युवा पीढ़ी की महिलाएं भी शामिल हैं.
दरअसल, वाराणसी के मिनी सदन के स्वरूप में हमेशा से ही महिला पार्षदों की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती रही है. इस बार नए सिरे से परिसीमन और आरक्षण लागू होने के बाद वाराणसी में 100 वार्डों में से 36 वार्ड को महिला प्रत्याशियों के लिए आरक्षित किया गया था. इसी कारण चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे कई नेताओं का गणित बिगड़ गया. इसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी, मां या फिर महिला रिश्तेदार को चुनावी मैदान में उतार दिया. लोगों को उम्मीद है कि ये महिला जनप्रतिनिधि अब मिनी सदन में शहर की आधी आबादी की आवाज को बुलंद करेंगी.
बता दें कि जीत हासिल करने वाली प्रत्याशियों में मुस्लिम महिला प्रत्याशी भी शामिल है. क्षेत्र में कल तक बुर्के में दिखाई देने वाली महिलाओं ने ना सिर्फ घर के बाहर अपने कदम निकाले, बल्कि लोगों को ये यकीन दिलाने में कामायब हुईं कि वो क्षेत्र का विकास करेंगी और समाज के लिए एक बेहतर वातावरण तैयार करेंगी. वाराणसी के कमल खेड़ा वार्ड से लगभग 25 साल की नूरजहां को जीत मिली. वहीं, फुलवरिया वार्ड में परिसीमन और आरक्षण के बाद महिला सीट हो जाने की वजह से अपने पति की जगह चुनाव लड़ने वाली मंजू देवी को भी जीत मिली. इसके अलावा वार्ड नंबर 52 से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी रिजवाना ने भी जीत हासिल की. वाराणसी के गंगापुर नगर पंचायत की सीट पर हुए महिला प्रत्याशी स्नेहलता की जीत हुई.
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