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सेहत के लिए हानिकारक है नकली सैनिटाइजर का इस्तेमाल - नकली सैनिटाइजर के इस्तेमाल से दिक्कत

यूपी के वाराणसी जिले में नकली सैनिटाइजर को लेकर लोग काफी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. दरअसल नकली सैनिटाइजर के इस्तेमाल से हाथों में एलर्जी, खुजली, चकत्ते पड़ना और हाथों का जल जाना जैसे लक्षण दिखाई पड़ने लगते हैं.

बाजार में नकली सैनिटाइजर का बोलबाला.
बाजार में नकली सैनिटाइजर का बोलबाला.
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Published : Sep 11, 2020, 8:57 PM IST

Updated : Sep 24, 2022, 2:54 PM IST

वाराणसी: कोविड-19 का कहर और डर लोगों के दिलों दिमाग पर हावी हो चुका है. घर में रहकर साफ-सफाई का ध्यान रखने के साथ ही बाहर निकलने पर अपने हाथों को साफ रखने के लिए अब हर व्यक्ति सैनिटाइजर का सहारा ले रहा है, लेकिन सवाल यह उठता है कि डिमांड बढ़ने के साथ मार्केट में बोतलबंद ब्रांडेड सैनिटाइजर से लेकर लोकल सैनिटाइजर क्या सुरक्षित हैं?

दरअसल, डिमांड बढ़ने के साथ ही सैनिटाइजर की डुप्लीकेसी भी जोरों पर है. कई राज्यों-जिलों में नकली सैनिटाइजर का भंडाफोड़ हुआ है. मानक के अनुरूप 70% अल्कोहल और 30% अन्य केमिकल से तैयार होने वाले सैनिटाइजर ही हाथों के लिए सुरक्षित माने जाते हैं, लेकिन बाजार में इन दिनों बिक रहे अलग-अलग तरह के सैनिटाइजर ये सवाल जरूर खड़े कर रहे हैं कि क्या बाजार में मौजूद सभी सैनिटाइजर सुरक्षित हैं? इन्हीं सवालों का जवाब तलाशने और प्रशासनिक तैयारियों की पड़ताल करने की कोशिश ईटीवी भारत ने प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में की.

वाराणसी में पान की दुकान से लेकर चाय की दुकान और कपड़े की दुकान से लेकर मोबाइल शॉप पर सैनिटाइजर की बोतलें बिक्री हेतु रखी मिल जाएंगी. घरों से भी बहुत से लोग सैनिटाइजर की सप्लाई कर रहे हैं. ऑनलाइन बिक्री भी सैनिटाइजर की जोरों पर चल रही है, लेकिन वाराणसी में सैनिटाइजर की पड़ताल के लिए कोई प्लानिंग फिलहाल नजर नहीं आ रही है. प्रशासनिक अधिकारियों से जब नकली सैनिटाइजर के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि शिकायत मिलने पर जरूर कार्रवाई की जाएगी. अब तक फिलहाल कोई शिकायत नहीं मिली है, लेकिन इसके लिए ड्रग डिपार्टमेंट की टीम को अलर्ट पर रखा गया है. वहीं समय-समय पर जांच के आदेश दिए जाते हैं.

वहीं बाजार में बिक रहे कई अलग-अलग तरह के सैनिटाइजर से लोग भी खुद को असुरक्षित मान रहे हैं. लोगों का कहना है नकली सैनिटाइजर न सिर्फ आपके हाथों को और स्किन को नुकसान पहुंचाएंगे, बल्कि कोविड-19 वायरस से भी नहीं बचा पाएंगे. इसीलिए नकली सैनिटाइजर के इस्तेमाल से दोहरा खतरा हो सकता है.

वहीं दुकानदार भी मानते हैं कि जब किसी चीज की डिमांड बढ़ती है तो असली और नकली दोनों चीज बाजार में उपलब्ध होती हैं. वहीं डॉक्टरों का कहना है कि नकली सैनिटाइजर हर मामले में नुकसान पहुंचा रहे हैं. हाथों में एलर्जी, खुजली, चकत्ते पड़ना और हाथों का जल जाना... कुछ ऐसे सिम्टम्स है, जो कि नकली सैनिटाइजर की वजह से दिखाई देने लगे हैं.

डॉक्टरों की मानें तो सैनिटाइजर का उपयोग सही मायने में सिर्फ आईसीयू में रहने वाले डॉक्टरों के लिए ही सुरक्षित है, लेकिन नकली सैनिटाइजर बहुत से नुकसान पहुंचा रहे हैं. डॉक्टर्स की मानें तो 70% अल्कोहल वाले सैनिटाइजर का इस्तेमाल ही सबसे सुरक्षित है.

ऐसे करें सैनिटाइजर की पहचान -

  • हाथ में सैनिटाइजर लगाने पर वह 5 से 10 सेकेंड में उड़ जाए तो वह असली सैनिटाइजर है.
  • अगर हाथ में सैनिटाइजर लगाने के बाद खुजली हो रही है तो इसका मतलब सैनिटाइजर नकली है.
  • कागज पर अगर जेल पेन से छोटा घेरा बनाकर उसमें सैनिटाइजर की एक बूंद डाली जाए और सैनिटाइजर फैलने से यदि इंक फैल रहा है तो सैनिटाइजर नकली है.


वाराणसी: कोविड-19 का कहर और डर लोगों के दिलों दिमाग पर हावी हो चुका है. घर में रहकर साफ-सफाई का ध्यान रखने के साथ ही बाहर निकलने पर अपने हाथों को साफ रखने के लिए अब हर व्यक्ति सैनिटाइजर का सहारा ले रहा है, लेकिन सवाल यह उठता है कि डिमांड बढ़ने के साथ मार्केट में बोतलबंद ब्रांडेड सैनिटाइजर से लेकर लोकल सैनिटाइजर क्या सुरक्षित हैं?

दरअसल, डिमांड बढ़ने के साथ ही सैनिटाइजर की डुप्लीकेसी भी जोरों पर है. कई राज्यों-जिलों में नकली सैनिटाइजर का भंडाफोड़ हुआ है. मानक के अनुरूप 70% अल्कोहल और 30% अन्य केमिकल से तैयार होने वाले सैनिटाइजर ही हाथों के लिए सुरक्षित माने जाते हैं, लेकिन बाजार में इन दिनों बिक रहे अलग-अलग तरह के सैनिटाइजर ये सवाल जरूर खड़े कर रहे हैं कि क्या बाजार में मौजूद सभी सैनिटाइजर सुरक्षित हैं? इन्हीं सवालों का जवाब तलाशने और प्रशासनिक तैयारियों की पड़ताल करने की कोशिश ईटीवी भारत ने प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में की.

वाराणसी में पान की दुकान से लेकर चाय की दुकान और कपड़े की दुकान से लेकर मोबाइल शॉप पर सैनिटाइजर की बोतलें बिक्री हेतु रखी मिल जाएंगी. घरों से भी बहुत से लोग सैनिटाइजर की सप्लाई कर रहे हैं. ऑनलाइन बिक्री भी सैनिटाइजर की जोरों पर चल रही है, लेकिन वाराणसी में सैनिटाइजर की पड़ताल के लिए कोई प्लानिंग फिलहाल नजर नहीं आ रही है. प्रशासनिक अधिकारियों से जब नकली सैनिटाइजर के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि शिकायत मिलने पर जरूर कार्रवाई की जाएगी. अब तक फिलहाल कोई शिकायत नहीं मिली है, लेकिन इसके लिए ड्रग डिपार्टमेंट की टीम को अलर्ट पर रखा गया है. वहीं समय-समय पर जांच के आदेश दिए जाते हैं.

वहीं बाजार में बिक रहे कई अलग-अलग तरह के सैनिटाइजर से लोग भी खुद को असुरक्षित मान रहे हैं. लोगों का कहना है नकली सैनिटाइजर न सिर्फ आपके हाथों को और स्किन को नुकसान पहुंचाएंगे, बल्कि कोविड-19 वायरस से भी नहीं बचा पाएंगे. इसीलिए नकली सैनिटाइजर के इस्तेमाल से दोहरा खतरा हो सकता है.

वहीं दुकानदार भी मानते हैं कि जब किसी चीज की डिमांड बढ़ती है तो असली और नकली दोनों चीज बाजार में उपलब्ध होती हैं. वहीं डॉक्टरों का कहना है कि नकली सैनिटाइजर हर मामले में नुकसान पहुंचा रहे हैं. हाथों में एलर्जी, खुजली, चकत्ते पड़ना और हाथों का जल जाना... कुछ ऐसे सिम्टम्स है, जो कि नकली सैनिटाइजर की वजह से दिखाई देने लगे हैं.

डॉक्टरों की मानें तो सैनिटाइजर का उपयोग सही मायने में सिर्फ आईसीयू में रहने वाले डॉक्टरों के लिए ही सुरक्षित है, लेकिन नकली सैनिटाइजर बहुत से नुकसान पहुंचा रहे हैं. डॉक्टर्स की मानें तो 70% अल्कोहल वाले सैनिटाइजर का इस्तेमाल ही सबसे सुरक्षित है.

ऐसे करें सैनिटाइजर की पहचान -

  • हाथ में सैनिटाइजर लगाने पर वह 5 से 10 सेकेंड में उड़ जाए तो वह असली सैनिटाइजर है.
  • अगर हाथ में सैनिटाइजर लगाने के बाद खुजली हो रही है तो इसका मतलब सैनिटाइजर नकली है.
  • कागज पर अगर जेल पेन से छोटा घेरा बनाकर उसमें सैनिटाइजर की एक बूंद डाली जाए और सैनिटाइजर फैलने से यदि इंक फैल रहा है तो सैनिटाइजर नकली है.


Last Updated : Sep 24, 2022, 2:54 PM IST
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