वाराणसीः आईआईटी बीएचयू फाउंडेशन को अमेरिका के बोस्टन में रहने वाले उद्यमी देश देशपांडेय एवं पत्नी जयश्री देशपांडे ने एक मिलियन यूएस डॉलर दान में दिए हैं. यह दान उन्होंने पिता श्रीनिवास देशपांडे के सम्मान में दिया है. वह इस संस्थान के 1948 बैच के स्नातक हैं. अब संस्थान उनके पिता के सम्मान में पुस्तकालय का नाम रखेगा.
देश देशपांडे ने बताया कि उनके पिता श्रीनिवास देशपांडे का जन्म 2 मार्च, 1925 को हुआ. वह केवल एक विशिष्ट सार्वजनिक सेवा करियर से जुड़े व्यक्ति ही नहीं रहे, बल्कि उन्हें एक निजी नागरिक के रूप में महत्वपूर्ण सामाजिक प्रभाव डालने का गौरव प्राप्त है. सन् 1948 में औद्योगिक रसायन विज्ञान में प्रथम श्रेणी में बीएससी उत्तीर्ण करने के बाद 31 वर्ष तक उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र में काम किया. 1980 में संयुक्त श्रम आयुक्त के रूप से कर्नाटक सरकार से सेवानिवृत्त हुए. इसके बाद उन्होंने हुबली में चिन्मय मिशन के अध्यक्ष व शरीफ ट्रस्ट के अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली. वह देशपांडे फाउंडेशन के प्रेरणा स्त्रोत रहे हैं.
देश देशपांडे ने कहा कि बीएचयू के प्राचार्य डॉ. गोडबोले के साथ एक संयोगवश मुलाकात ने मेरे पिता को इस विश्वविद्यालय में शिक्षा के लिए प्रेरित किया और इस विश्वविद्यालय ने उनका व हमारे परिवार का जीवन बदल दिया. हमें उम्मीद है कि इस विनम्र उपहार का भविष्य में पुस्तकालय के सैकड़ों लोगों के जीवन पर प्रभाव पड़ेगा.
आईआईटी बीएचयू फाउंडेशन के अध्यक्ष अरुण त्रिपाठी ने कहा कि हम देशपांडे और उनकी पत्नी जयश्री के इस महत्वपूर्ण उपहार के लिए आभारी हैं. यह उपहार फाउंडेशन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. फाउंडेशन के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन ने भी उनका आभार जताया. कहा कि यह विशिष्ट पूर्व छात्रों की उपलब्धियां हैं जो भविष्य के प्रौद्योगिकी लीडरों को प्रशिक्षित करने के लिए संकाय सदस्यों और कर्मचारियों को प्रेरित करती हैं. हमें उनके सम्मान में पुस्तकालय का नामकरण करते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है.
अधिष्ठाता (संसाधन एवं पूर्व छात्र) प्रो. राजीव श्रीवास्तव ने उदार दान के लिए आभार जताया. पुस्तकालय का नामकरण समारोह 24 जून को किया जाएगा. इस समारोह को आनलाइन प्रसारित किया जाएगा. आपको बता दें कि आईआईटी बीएचयू के पूर्व छात्र आईआईटी बीएचयू फाउंडेशन से जुड़े हैं. ये छात्र समय-समय पर संस्थान के सम्मान में दान देते रहते हैं.
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