वाराणसी: शहर के उदय प्रताप पीजी कॉलेज में अपनी मांगों को लेकर पिछले 12 दिनों से छात्र अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. छात्रों की मांग है कि शासन में प्रबंध समिति के सचिव को बर्खास्त कर छात्रों की समस्याओं को सुना जाए. विश्वविद्यालय प्रशासन ने तीन बार अलग-अलग क्रम में छात्रों से बातचीत की, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका. वहीं सीएम तक बात पहुंचने के बाद राज्य मंत्री रविंद्र जायसवाल भी छात्रों का हाल-चाल लेने पहुंचे, लेकिन लिखित आश्वासन मिलने पर भी छात्रों ने अपना धरना समाप्त नहीं किया.
शोध छात्र विवेकानंद सिंह ने कहा कि राजर्षि जी के त्याग और बलिदान के परिणाम स्वरुप उदय प्रताप कॉलेज शिक्षा के क्षेत्र में, समाज में अपनी अलग पहचान रखता है. कॉलेज अपने शिक्षा, गुणवत्ता, अनुशासन और चरित्र बल के दम पर शिक्षा के साथ खेल राजनीति के क्षेत्र में भी राष्ट्र स्तरीय प्रतिभाओं की नर्सरी रहा है. विगत कुछ वर्षों से विश्वविद्यालय के प्रबंध तंत्र में कुछ ऐसे पदाधिकारी नियुक्त हुए हैं, जिनकी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं ने संस्था का ह्रास किया है.
छात्रों ने कहा कि समाज में जो लोग भी निर्णायक जिम्मेदार प्रवृत्ति रखते हैं. इस गिरावट से निश्चित रूप से चिंतित है. उसी चिंता का परिणाम है कि हम लोग भी आंदोलन कर रहे हैं. जब तक हमारी मांगों को नहीं माना जाता और भ्रष्ट सचिव को बर्खास्त नहीं किया जाता, तब तक हम आंदोलन करते रहेंगे. वहीं एक अन्य छात्र ईशांत सिंह ने कहा कि है कि हमारी बस यही मांग है कि जल्द से जल्द भ्रष्ट सचिव को हटाकर छात्रों की सभी समस्याओं का समाधान किया जाए. यह पवित्र शिक्षा स्थली है, वही बनी रहे.
बता दें कि छात्र संघर्ष समिति के तत्वावधान में यह अनिश्चितकालीन धरना 27 अगस्त से कॉलेज के सिंह द्वार पर किया जा रहा है. आंदोलन के क्रम में छात्रों ने अपनी बात सीएम तक पहुंचाते हुए खून से पत्र भी लिखा, लेकिन अभी तक कोई गंभीर वार्ता नहीं हुई है. गौर करने वाली बात यह है कि यह मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में है, लेकिन अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जा सका है.
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