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यूपी एक खोज: यहां है चलती-फिरती ओपीडी, BHU के प्रसिद्ध डॉक्टर करते हैं इलाज - डॉ विजय नाथ मिश्र

काशी के गंगा घाटों में एक चलती-फिरती ओपीडी मिलेगी. यह ओपीडी नाव में बनी है और इसमें सर सुंदरलाल अस्पताल के प्रसिद्ध न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर घाट किनारे बसने वाले गरीब और असहाय लोगों का इलाज करते हैं.

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नाव में बनी ओपीडी
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Published : Jun 1, 2022, 7:48 PM IST

वाराणसी: यूपी एक खोज में आज हम आपको एक ऐसे डॉक्टर के बारे में बताएंगे, जिनके बारे में जानकर आप हैरान हो जाएंगे. कई डॉक्टर्स के बारे में आपने सुना होगा, लेकिन यह सबसे अलग हैं. यह ऐसे डॉक्टर हैं, जिन्होंने एक नाव में ही ओपीडी बनाई है और लोगों का इलाज करते हैं. जी हां, नाव में आला लगाए सर सुंदरलाल अस्पताल के प्रसिद्ध न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर विजय नाथ मिश्र घाट किनारे बसने वाले गरीब और असहाय लोगों का इलाज करते हैं.

नाव में बनी चलती-फिरती ओपीडी में घाट के लोगों का इलाज करते हुए डॉ. विजय नाथ मिश्र.

डॉ. विजय नाथ मिश्र पिछले 4 साल से घाट किनारे रहने वाले पुरोहित, पंडा, साधु-संत, नाविक, माझी और भिखारियों का निशुल्क इलाज करते हैं. लोगों के इलाज के साथ निशुल्क दवा भी देते हैं. इतना ही नहीं जरूरत पड़ने पर मरीजों की जांच और इलाज काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल में करवाते हैं. कोविड-19 जैसी महामारी के दौरान डॉ. विजय नाथ मिश्र लोगों का लगातार इलाज करते रहे.

कौन हैं डॉ. विजय नाथ मिश्र: डॉ. विजय नाथ मिश्र वाराणसी के प्रसिद्ध संकट मोचन मंदिर के महंत परिवार से आते हैं. वो काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल चिकित्सालय के प्रसिद्ध न्यूरोलॉजिस्ट हैं. सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक बीएचयू में मरीजों को देखने के बाद वो शाम 6 बजे से 9 बजे तक हर शनिवार घाट पर लोगों का निशुल्क इलाज करते हैं.

ऐसा है डॉ. साहब का घाट ओपीडी: डॉ. विजय नाथ मिश्र ने बताया कि वो पिछले 4 साल से घाट वॉक कर रहे हैं. घाटों का 6 किलोमीटर के फासले सबसे बड़ा अनाथालय है. यहां पर रहने वाले हजारों लोग निराश्रित हैं. यहीं पर जो मिलता है, खा लेते हैं और यहीं से अपना रोजगार चलाते हैं. घाट किनारे कोई अस्पताल नहीं है, इससे बीमार होने पर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसलिए हर 2 किलोमीटर पर कुछ दवाइयां बुखार और दर्द की कुछ साधारण दवाइयां रख देते हैं. इसके अलावा हर शनिवार को घाट ओपीडी चलाई जाती है. डॉ. विजय नाथ मिश्र ने बताया कि वो खुद लोगों से जाकर मिलते हैं और उन्हें दवा देते हैं. ज्यादा सीरियस मरीज को नाव एंबुलेंस के सहारे एक घाट से दूसरे घाट पर ले जाते हैं. फिर वहां से एंबुलेंस के जरिए बीएचयू ले जाते हैं.

यह भी पढ़ें- यूपी एक खोजः ऐसे हुई थी काशी की गंगा आरती की शुरुआत, पीएम मोदी को भी है खास लगाव

इस प्रकार के मिलते हैं मरीज: डॉ. वीएन मिश्र ने बताया कि ज्यादातर पेशेंट खुजली, सर दर्द, हार्ट के पेशेंट, शुगर और ब्लड प्रेशर के पेशेंट आते हैं. इन दिनों ज्यादातर कैंसर के पेशेंट मिल रहे हैं. लोगों को निशुल्क दवा दी जाती है. दवा फायदा भी करती है और उनका पैसा भी खर्च नहीं होता, जिससे उन्हें अच्छा लगता है. इसके चलते लोग उनका इंतजार करते हैं.

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वाराणसी: यूपी एक खोज में आज हम आपको एक ऐसे डॉक्टर के बारे में बताएंगे, जिनके बारे में जानकर आप हैरान हो जाएंगे. कई डॉक्टर्स के बारे में आपने सुना होगा, लेकिन यह सबसे अलग हैं. यह ऐसे डॉक्टर हैं, जिन्होंने एक नाव में ही ओपीडी बनाई है और लोगों का इलाज करते हैं. जी हां, नाव में आला लगाए सर सुंदरलाल अस्पताल के प्रसिद्ध न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर विजय नाथ मिश्र घाट किनारे बसने वाले गरीब और असहाय लोगों का इलाज करते हैं.

नाव में बनी चलती-फिरती ओपीडी में घाट के लोगों का इलाज करते हुए डॉ. विजय नाथ मिश्र.

डॉ. विजय नाथ मिश्र पिछले 4 साल से घाट किनारे रहने वाले पुरोहित, पंडा, साधु-संत, नाविक, माझी और भिखारियों का निशुल्क इलाज करते हैं. लोगों के इलाज के साथ निशुल्क दवा भी देते हैं. इतना ही नहीं जरूरत पड़ने पर मरीजों की जांच और इलाज काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल में करवाते हैं. कोविड-19 जैसी महामारी के दौरान डॉ. विजय नाथ मिश्र लोगों का लगातार इलाज करते रहे.

कौन हैं डॉ. विजय नाथ मिश्र: डॉ. विजय नाथ मिश्र वाराणसी के प्रसिद्ध संकट मोचन मंदिर के महंत परिवार से आते हैं. वो काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल चिकित्सालय के प्रसिद्ध न्यूरोलॉजिस्ट हैं. सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक बीएचयू में मरीजों को देखने के बाद वो शाम 6 बजे से 9 बजे तक हर शनिवार घाट पर लोगों का निशुल्क इलाज करते हैं.

ऐसा है डॉ. साहब का घाट ओपीडी: डॉ. विजय नाथ मिश्र ने बताया कि वो पिछले 4 साल से घाट वॉक कर रहे हैं. घाटों का 6 किलोमीटर के फासले सबसे बड़ा अनाथालय है. यहां पर रहने वाले हजारों लोग निराश्रित हैं. यहीं पर जो मिलता है, खा लेते हैं और यहीं से अपना रोजगार चलाते हैं. घाट किनारे कोई अस्पताल नहीं है, इससे बीमार होने पर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसलिए हर 2 किलोमीटर पर कुछ दवाइयां बुखार और दर्द की कुछ साधारण दवाइयां रख देते हैं. इसके अलावा हर शनिवार को घाट ओपीडी चलाई जाती है. डॉ. विजय नाथ मिश्र ने बताया कि वो खुद लोगों से जाकर मिलते हैं और उन्हें दवा देते हैं. ज्यादा सीरियस मरीज को नाव एंबुलेंस के सहारे एक घाट से दूसरे घाट पर ले जाते हैं. फिर वहां से एंबुलेंस के जरिए बीएचयू ले जाते हैं.

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इस प्रकार के मिलते हैं मरीज: डॉ. वीएन मिश्र ने बताया कि ज्यादातर पेशेंट खुजली, सर दर्द, हार्ट के पेशेंट, शुगर और ब्लड प्रेशर के पेशेंट आते हैं. इन दिनों ज्यादातर कैंसर के पेशेंट मिल रहे हैं. लोगों को निशुल्क दवा दी जाती है. दवा फायदा भी करती है और उनका पैसा भी खर्च नहीं होता, जिससे उन्हें अच्छा लगता है. इसके चलते लोग उनका इंतजार करते हैं.

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