वाराणसी: काशी की होली पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान रखती है. बनारस में होली पर रंग गुलाल के साथ-साथ यहां के खास पारंपरिक मिठाइयों की भी अपनी-अलग बानगी है. कहते हैं यहां की होली इस खास मिठाई गुझिया के बिना अधूरी है. यही वजह है कि घर से लेकर बाजार तक इसकी खूब डिमांड है. शहर के 125 साल पुरानी दुकान पर गुझिया म्यूजियम सजाया गया है. जहां गुझियों की कीमत भी हजारों में है.
कई तरह की है गुझियों की क्वालिटी
दुकानदार महेंद्र शर्मा ने बताया कि इस बार कई तरह की गुझिया बनाई गई है. लगभग 17 प्रकार की गुझिया बनाते हैं. इनमें सादा गुझिया, पिस्ता चिलगोजा गुझिया, कोकोयम गुझिया, हर्बल गुझिया, स्ट्राबेरी गुझिया, केसरिया गुझिया, मिनी केसरिया गुझिया, मेवा गुझिया, बादाम गुझिया, काजू बादाम गुझिया, बटर और चॉकलेट गुझिया शामिल हैं. रोस्टेट गुझिया सबसे अलग तरह की है.
3000 रुपये तक की है गुझियों की कीमत
महेंद्र शर्मा ने बताया कि इन सब के अलावा और भी कई तरह की वैराइटी शामिल है. जबकि गुझियों की कीमत 700 रुपये 3000 रुपये तक की है. उन्होंने बताया कि हमारे यहां पर पिस्ता चिलगोजा गुझिया की कीमत सबसे अधिक है. हालांकि इसका स्वाद भी सबसे अलग है और ये सेहत के लिए भी फायदेमंद है. ये हमारे यहां हर साल बनती है.
बाहर से आ रहे लोगों की भी है पसंद
महेंद्र शर्मा ने बताया कि हमारे यहां गुझियों के की डिमांड उत्तर प्रदेश में तो है ही. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के बाहर से भी आए लोग हमारे यहां से ऑर्डर करते हैं. उन्होंने बताया कि होली के आते ही इन गुझियों की डिमांड काफी बढ़ जाती है. क्योंकि होली में लोग स्वादिष्ट गुझियों के साथ हाइजैनिक और अच्छी गुणवत्ता के गुझिया खाना ज्यादा पसंद करते हैं. पर्यटक भी हमारे यहां अलग-अलग वैराइटीज को पसंद करते हैं.
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