वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र को कई सौगात पहले दे चुके हैं और अब कई अन्य बड़ी सौगात जल्द देने की तैयारी कर रहे हैं. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री इस महीने के अंत तक या फिर अगले महीने के शुरुआती हफ्ते में बनारस को 2 अत्याधुनिक नौकाओं की सौगात दे सकते हैं. इस बात की पुष्टि कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने फिलहाल फोन पर हुई बातचीत में की है. उनका कहना है कि रो-पैक्स नौकाओं के संचालन के लिए आईडब्ल्यूएआई के प्रस्ताव पत्र प्राप्त हुआ था. जिस पर सहमति दी गई है. राज्य सरकार को इसके लिए पत्र भेजा गया है. माना जा रहा है कि यह सेवा जल्द शुरू होगी.
पर्यटन को बढ़ावा देना उद्देश्य
दरअसल वाराणसी में जल परिवहन के साथ पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री काफी लंबे वक्त से प्रयासरत हैं. रामनगर में तैयार किए गए गंगा वाटर मार्ग का उद्घाटन बीते दिनों किया जा चुका है और इस योजना को आगे बढ़ाते हुए गंगा नदी में जल्द ही रो-पैक्स नौकाओं का संचालन करने की तैयारी की गई है. इस योजना का मेन उद्देश्य स्थानीय ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देना है.
यात्रियों के साथ लोड हो सकेंगे वाहन
दरअसल रो-पैक्स का फुल फॉर्म रोल ऑन रोल ऑफ पैसेंजर शिप है. यह जहाजों की एक ऐसी व्यवस्था है. जिस पर वाहन भी चढ़ाए जा सकते हैं. यात्रियों के साथ वाहनों को लोड करके एक जगह से दूसरे जगह तक ले जाने के लिए इसका संचालन किया जाता है. इसके लिए किसी भी प्रकार की क्रेन की आवश्यकता नहीं होती है.
बनारस आ चुकी हैं नौकाएं
वाराणसी से गाजीपुर, मिर्जापुर समेत तमाम गंगा के तटवर्ती इलाकों तक लोकल लेवल पर संचालित होने वाली इस दो बड़ी नौकाओं में से एक नौका लॉकडाउन के वक्त ही वाराणसी में आ चुकी है. कोलकाता से मंगवाई गई इस नौका का नाम एमवी विवेकानंद है. जबकि दूसरी नाव एमवी सैम मानकेशा जल्द बनारस आने वाली हैं.
मुख्यमंत्री रह सकते हैं मौजूद
अधिकारियों का कहना है कि संभवतः इस महीने में 30 से 31 अक्टूबर या फिर अगले महीने के प्रारंभिक सप्ताह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डिजिटल तरीके से इन नौकाओं को हरी झंडी दिखाकर रवाना कर सकते हैं. माना जा रहा है कि 30 अक्टूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बनारस भ्रमण के लिए आएंगे और यात्रियों के साथ ही माल वाहक की दृष्टि से इस नौका का संचालन करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यक्रम के दौरान वह खुद मौजूद रहेंगे. हालांकि अभी इस बारे में अधिकारिक पुष्टि नहीं की जा रही है.
समझौते पर हो चुके हैं हस्ताक्षर
फिलहाल अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के बीच समझौते के बाद इसके संचालन को हरी झंडी मिल चुकी है. अब से प्रधानमंत्री की तरफ से हरी झंडी दिखाए जाने का इंतजार किया जा रहा है. बता दें कि जो बड़ी नौका हैं, जिनको क्रूस भी कहा जा सकता है. इनमें 200 यात्रियों के बैठने की क्षमता है और लगभग एक दर्जन से ज्यादा बड़े छोटे चार पहिया वाहनों को लादने और उसे एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने की भी कैपेसिटी है. कमिश्नर दीपक अग्रवाल का कहना है की अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया जा चुका है.
पीपीपी मोड में होगा संचालन
पर्यटन विभाग पीपीपी मोड पर जहाजों के संचालन की प्रक्रिया शुरू करेगा. इसके लिए योजना बना ली गई है. यह नौका संत रविदास घाट से संचालित होंगी और गंगा में चुनार किले तक और संत रविदास घाट से क्रीसेंट मून के रूप में गंगा और गोमती के संगम के पास तक जाया करेंगी. यहां पर्यटन के दृष्टि से बनाए गए डॉल्फिन सेंटर पर पर्यटक इस का आनंद भी ले सकेंगे.
वाराणसी: गंगा में चलेंगी दो हाईटेक नौकाएं, प्रधानमंत्री दिखा सकते हैं हरी झंडी - रो-पैक्स नौकाओं
यूपी के वाराणसी जिले को 2 अत्याधुनिक नौकाओं की सौगात मिलने वाली है. हाईटेक नौकाएं गंगा में इस महीने के अंत में या अगले महीने के शुरुआत में संचालन किया जाएगा. इस बात की पुष्टि कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने फिलहाल फोन पर हुई बातचीत में की है. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डिजिटल तरीके से इन नौकाओं को हरी झंडी दिखाकर रवाना कर सकते हैं.
वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र को कई सौगात पहले दे चुके हैं और अब कई अन्य बड़ी सौगात जल्द देने की तैयारी कर रहे हैं. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री इस महीने के अंत तक या फिर अगले महीने के शुरुआती हफ्ते में बनारस को 2 अत्याधुनिक नौकाओं की सौगात दे सकते हैं. इस बात की पुष्टि कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने फिलहाल फोन पर हुई बातचीत में की है. उनका कहना है कि रो-पैक्स नौकाओं के संचालन के लिए आईडब्ल्यूएआई के प्रस्ताव पत्र प्राप्त हुआ था. जिस पर सहमति दी गई है. राज्य सरकार को इसके लिए पत्र भेजा गया है. माना जा रहा है कि यह सेवा जल्द शुरू होगी.
पर्यटन को बढ़ावा देना उद्देश्य
दरअसल वाराणसी में जल परिवहन के साथ पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री काफी लंबे वक्त से प्रयासरत हैं. रामनगर में तैयार किए गए गंगा वाटर मार्ग का उद्घाटन बीते दिनों किया जा चुका है और इस योजना को आगे बढ़ाते हुए गंगा नदी में जल्द ही रो-पैक्स नौकाओं का संचालन करने की तैयारी की गई है. इस योजना का मेन उद्देश्य स्थानीय ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देना है.
यात्रियों के साथ लोड हो सकेंगे वाहन
दरअसल रो-पैक्स का फुल फॉर्म रोल ऑन रोल ऑफ पैसेंजर शिप है. यह जहाजों की एक ऐसी व्यवस्था है. जिस पर वाहन भी चढ़ाए जा सकते हैं. यात्रियों के साथ वाहनों को लोड करके एक जगह से दूसरे जगह तक ले जाने के लिए इसका संचालन किया जाता है. इसके लिए किसी भी प्रकार की क्रेन की आवश्यकता नहीं होती है.
बनारस आ चुकी हैं नौकाएं
वाराणसी से गाजीपुर, मिर्जापुर समेत तमाम गंगा के तटवर्ती इलाकों तक लोकल लेवल पर संचालित होने वाली इस दो बड़ी नौकाओं में से एक नौका लॉकडाउन के वक्त ही वाराणसी में आ चुकी है. कोलकाता से मंगवाई गई इस नौका का नाम एमवी विवेकानंद है. जबकि दूसरी नाव एमवी सैम मानकेशा जल्द बनारस आने वाली हैं.
मुख्यमंत्री रह सकते हैं मौजूद
अधिकारियों का कहना है कि संभवतः इस महीने में 30 से 31 अक्टूबर या फिर अगले महीने के प्रारंभिक सप्ताह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डिजिटल तरीके से इन नौकाओं को हरी झंडी दिखाकर रवाना कर सकते हैं. माना जा रहा है कि 30 अक्टूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बनारस भ्रमण के लिए आएंगे और यात्रियों के साथ ही माल वाहक की दृष्टि से इस नौका का संचालन करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यक्रम के दौरान वह खुद मौजूद रहेंगे. हालांकि अभी इस बारे में अधिकारिक पुष्टि नहीं की जा रही है.
समझौते पर हो चुके हैं हस्ताक्षर
फिलहाल अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के बीच समझौते के बाद इसके संचालन को हरी झंडी मिल चुकी है. अब से प्रधानमंत्री की तरफ से हरी झंडी दिखाए जाने का इंतजार किया जा रहा है. बता दें कि जो बड़ी नौका हैं, जिनको क्रूस भी कहा जा सकता है. इनमें 200 यात्रियों के बैठने की क्षमता है और लगभग एक दर्जन से ज्यादा बड़े छोटे चार पहिया वाहनों को लादने और उसे एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने की भी कैपेसिटी है. कमिश्नर दीपक अग्रवाल का कहना है की अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया जा चुका है.
पीपीपी मोड में होगा संचालन
पर्यटन विभाग पीपीपी मोड पर जहाजों के संचालन की प्रक्रिया शुरू करेगा. इसके लिए योजना बना ली गई है. यह नौका संत रविदास घाट से संचालित होंगी और गंगा में चुनार किले तक और संत रविदास घाट से क्रीसेंट मून के रूप में गंगा और गोमती के संगम के पास तक जाया करेंगी. यहां पर्यटन के दृष्टि से बनाए गए डॉल्फिन सेंटर पर पर्यटक इस का आनंद भी ले सकेंगे.