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निजीकरण का विरोधः केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की 23 और 24 फरवरी को देशव्यापी हड़ताल

वाराणसी के भेलूपुर स्थित एलआईसी कार्यालय में सरकार की सार्वजनिक क्षेत्र की संस्था जैसे बीमा, परिवहन, रेलवे, विद्युत को निजी हाथों में सौंपने की कार्रवाई के विरोध में केंद्रीय यूनियन के संयुक्त निर्णय पर हड़ताल किया जाएगा.

निजीकरण का विरोध
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Published : Jan 6, 2022, 4:08 PM IST

वाराणसीः सार्वजनिक क्षेत्र की संस्था जैसे बीमा, रेलवे, बिजली को निजी हाथों में सौंपने की कार्रवाई के विरोध में केंद्रीय ट्रेड यूनियन के संयुक्त निर्णय पर 23 और 24 फरवरी 2022 को पूरे देश में 2 दिन का हड़ताल किया जाएगा. जिसके लिए आज से ही लोगों से जनसंपर्क किया जाएगा. विभिन्न माध्यमों से आम जनमानस को ये बताया जाएगा. ये सब चीजें निजीकरण के हाथ में जाएंगी, तो देश का नुकसान होगा. ऐसा इसलिए क्योकि निजी कंपनियां अपना फायदा देखेंगी न की समाज का.

सरकारी साधनों का निजीकरण होना देश के हित में नहीं है हम सब एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं. किसी भी विषय पर जनता की राय के साथ लोकसभा और राज्यसभा में बहस होनी चाहिए. तब उसका निजीकरण होना चाहिए.

निजीकरण का विरोध

इसे भी पढ़ें- निजी क्षेत्र नहीं चला सकता रेलवे, हम करेंगे सवा लाख नई भर्तियां : रेल मंत्री

नारायण चटर्जी ने कहा कि भारतीय जीवन बीमा निगम भारत सरकार का उपक्रम है. आईकियू के माध्यम से सरकार इसके भी निजीकरण का द्वार खोलने जा रही है. अभी 15 फीसदी आईक्यू मार्केट इसकी लिस्टिंग करेंगे. एलआईसी शुद्ध रूप से भारत सरकार की कंपनी है. एलआईसी जो प्रॉफिट कमाता है. उसको देश के इंफ्रास्ट्रक्चर में और विकास के लिए लगाता है. रेलवे, सड़क परिवहन, बिजली का भविष्य में निजी कंपनियां शेयर खरीदेंगी. मालिकाना परसेंटेज लेंगे और मालिक बनेंगे. वे अपने हित में खर्च करेंगे. जिसका हम विरोध करते हैं. फ्यूचर में इसका शेयर जब 15 या फिर 25 फीसदी बढ़ेंगे, तो बड़े-बड़े घराने अंबानी जैसे लोग इसके शेयर को खरीदेंगे. देश का इसपर बुरा प्रभाव पड़ेगा. इसके बाद संस्था अस्तित्व में नहीं रह पाएगी. लोकतांत्रिक देश में पब्लिक सेक्टर यूनिट्स नहीं रह पाएगा. हमारा इस बात का विरोध है. इसी को लेकर 23-24 फरवरी को इसका विरोध किया जाएगा.

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वाराणसीः सार्वजनिक क्षेत्र की संस्था जैसे बीमा, रेलवे, बिजली को निजी हाथों में सौंपने की कार्रवाई के विरोध में केंद्रीय ट्रेड यूनियन के संयुक्त निर्णय पर 23 और 24 फरवरी 2022 को पूरे देश में 2 दिन का हड़ताल किया जाएगा. जिसके लिए आज से ही लोगों से जनसंपर्क किया जाएगा. विभिन्न माध्यमों से आम जनमानस को ये बताया जाएगा. ये सब चीजें निजीकरण के हाथ में जाएंगी, तो देश का नुकसान होगा. ऐसा इसलिए क्योकि निजी कंपनियां अपना फायदा देखेंगी न की समाज का.

सरकारी साधनों का निजीकरण होना देश के हित में नहीं है हम सब एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं. किसी भी विषय पर जनता की राय के साथ लोकसभा और राज्यसभा में बहस होनी चाहिए. तब उसका निजीकरण होना चाहिए.

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नारायण चटर्जी ने कहा कि भारतीय जीवन बीमा निगम भारत सरकार का उपक्रम है. आईकियू के माध्यम से सरकार इसके भी निजीकरण का द्वार खोलने जा रही है. अभी 15 फीसदी आईक्यू मार्केट इसकी लिस्टिंग करेंगे. एलआईसी शुद्ध रूप से भारत सरकार की कंपनी है. एलआईसी जो प्रॉफिट कमाता है. उसको देश के इंफ्रास्ट्रक्चर में और विकास के लिए लगाता है. रेलवे, सड़क परिवहन, बिजली का भविष्य में निजी कंपनियां शेयर खरीदेंगी. मालिकाना परसेंटेज लेंगे और मालिक बनेंगे. वे अपने हित में खर्च करेंगे. जिसका हम विरोध करते हैं. फ्यूचर में इसका शेयर जब 15 या फिर 25 फीसदी बढ़ेंगे, तो बड़े-बड़े घराने अंबानी जैसे लोग इसके शेयर को खरीदेंगे. देश का इसपर बुरा प्रभाव पड़ेगा. इसके बाद संस्था अस्तित्व में नहीं रह पाएगी. लोकतांत्रिक देश में पब्लिक सेक्टर यूनिट्स नहीं रह पाएगा. हमारा इस बात का विरोध है. इसी को लेकर 23-24 फरवरी को इसका विरोध किया जाएगा.

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