वाराणसी: जिले के काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित महिला महाविद्यालय में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस आयोजन का उद्घाटन सत्र विषय 'गांधी का सामाजिक न्याय और विश्व शांति विषयक दृष्टिकोण' पर आधारित रहा. विश्वविद्यालय ने भी इस गोष्ठी का आयोजन कर महात्मा गांधी से लोगों को जोड़ने का प्रयास किया. समाजवादी चिंतक प्रोफेसर आनंद कुमार ने कहा महात्मा गांधी अधिकारों के बजाय कर्तव्य पर अधिक जोर देते थे.
विद्वानों ने अपनी बात रखी
विद्वानों ने अपनी बात रखते हुए कहा कि महात्मा गांधी अपनी संस्कृति की रक्षा करने के विषय पर जागरूकता रखते थे. महात्मा गांधी ने अप्रवासी भारतीयों को तीन बातों पर ध्यान देने के लिए निर्देशित किया था. शरीर,परिवेश, पर्यावरण पंचतत्व यह तीनों विचार अपने परिवेश और भारतीय दर्शन पर बनाया. प्रोफेसर आनंद कुमार ने कहा कि गांधी के माध्यम से अप्रवासी भारतीय अधिकारियों की बातें सीखी.
दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया है. जिसका विषय गांधी पर आधारित है. इस व्याख्यान का एक ही उद्देश्य है कि देश के युवा महात्मा गांधी को समझें और उनके विचारों से प्रेरित हों. विभिन्न विद्वानों ने अपनी बात रखी और वर्तमान समय में गांधी जी के सोच को दर्शाया.
डॉ. सरस्वती, आयोजक
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