ETV Bharat / state

तिहरे हत्याकांड में 2 दोषियों को मिली उम्रकैद की सजा, 18 साल मां और दो बेटों की हत्या की थी - Verdict in 18 year old triple murder case

वाराणसी जिला न्यायालय ने मां और दो बेटों की हत्या के 18 साल पुराने मामले में दो अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई है.

वाराणसी जिला न्यायालय
वाराणसी जिला न्यायालय
author img

By

Published : Jul 28, 2023, 10:27 PM IST

वाराणसी: अपर सत्र न्यायाधीश षष्टम अनिल कुमार ने 18 साल पहले एक महिला और उसके दो बेटों की हत्या के मामले में दो अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. इसके साथ ही 30-30 हजार का जुर्माना भी लगाया है.

कैंट थाना क्षेत्र के वरुणा विहार कालोनी में 19 नवंबर 2005 की रात मुन्नी देवी और उसके दो पुत्रों की हत्या कर तीनों शव को स्टोर रूम के एक बक्से में रख दिया गया था. एडीजीसी कैलाश नाथ के मुताबिक सिकरौल निवासी वादी प्रदीप कुमार ने 25 नवंबर 2015 को कैंट थाने में तहरीर दी थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके पड़ोस में मुन्नी देवी अपने दो बच्चों गुड्डू उर्फ पंकज व संजय के साथ रहती थी. चार पांच दिन से मुन्नी देवी के मकान से बदबू आ रही है. तहरीर पर पुलिस वरुणा विहार कॉलोनी पहुंचे और मुन्नी देवी के मकान का दरवाजा खोलकर देखा. जहां पर एक बड़े बक्से पर मक्खियां भिनक रही थी. जब बक्सा खोला गया तो उसमें महिला( मुन्नी देवी) और उसके दोनों बेटो गुड्डू व संजय का शव कंबल से ढका हुआ था.

इसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू की. जांच में पता चला कि कालीचरन पाल और उसकी तथाकथित पत्नी मुन्नी के नाम एक मकान था. मुन्नी उस मकान को बेचकर सोनभद्र रहना चाहती थी. जबकि कालीचरण अपने बेटे के कहने पर उसको बेचकर परिवार के साथ शादी वगैरह व अन्य खर्च में मदद करना चाहता था. ऐसे में अभियुक्त ने मुन्नी को रास्ते से हटाने की योजना बनाई. जिसके लिए कालीचरण ने अपने दो बेटों गुलाब पाल व राजकुमार को अपने साथ शामिल कर लिया. इसके बाद सुदामा गिरि नाम के एक अन्य युवक को 50 हजार का लालच देकर अपने साथ मिला लिया. इसके बाद चारों 19 नवंबर 2005 की रात वरुना विहार स्थित मकान पर आकर मुन्नी व उसके दोनों बेटों की हत्या कर शव को स्टोर रूम के बक्से में रखकर फरार हो गए.

इस मामले में कोर्ट ने दो अभियुक्तों गोरखपुर निवासी गुलाबपाल और चोलापुर कुरौली निवासी सुदामा गिरि को दोषी पाते हुए उम्रकैद और 30 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है. वहीं, मामले के मुख्य आरोपी कालीचरन की मुकदमे के विचारण के दौरान मौत हो गई. जबकि एक अन्य आरोपी को बाल अपचारी होने के कारण उसकी पत्रावली बाल न्यायालय विचारण के लिए भेज दी गई है.

यह भी पढ़ें: 20 वर्षों तक अनुकम्पा नियुक्ति के विवादों का निपटारा नहीं करने पर हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी

यह भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिमों के खिलाफ बढ़ते मॉब लिंचिंग के मामलों पर जताई चिंता, जारी किया नोटिस

यह भी पढ़ें: पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर हुए हमले के मामले में सुनवाई पूरी, 4 अगस्त को कोर्ट सुनाएगा फैसला

वाराणसी: अपर सत्र न्यायाधीश षष्टम अनिल कुमार ने 18 साल पहले एक महिला और उसके दो बेटों की हत्या के मामले में दो अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. इसके साथ ही 30-30 हजार का जुर्माना भी लगाया है.

कैंट थाना क्षेत्र के वरुणा विहार कालोनी में 19 नवंबर 2005 की रात मुन्नी देवी और उसके दो पुत्रों की हत्या कर तीनों शव को स्टोर रूम के एक बक्से में रख दिया गया था. एडीजीसी कैलाश नाथ के मुताबिक सिकरौल निवासी वादी प्रदीप कुमार ने 25 नवंबर 2015 को कैंट थाने में तहरीर दी थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके पड़ोस में मुन्नी देवी अपने दो बच्चों गुड्डू उर्फ पंकज व संजय के साथ रहती थी. चार पांच दिन से मुन्नी देवी के मकान से बदबू आ रही है. तहरीर पर पुलिस वरुणा विहार कॉलोनी पहुंचे और मुन्नी देवी के मकान का दरवाजा खोलकर देखा. जहां पर एक बड़े बक्से पर मक्खियां भिनक रही थी. जब बक्सा खोला गया तो उसमें महिला( मुन्नी देवी) और उसके दोनों बेटो गुड्डू व संजय का शव कंबल से ढका हुआ था.

इसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू की. जांच में पता चला कि कालीचरन पाल और उसकी तथाकथित पत्नी मुन्नी के नाम एक मकान था. मुन्नी उस मकान को बेचकर सोनभद्र रहना चाहती थी. जबकि कालीचरण अपने बेटे के कहने पर उसको बेचकर परिवार के साथ शादी वगैरह व अन्य खर्च में मदद करना चाहता था. ऐसे में अभियुक्त ने मुन्नी को रास्ते से हटाने की योजना बनाई. जिसके लिए कालीचरण ने अपने दो बेटों गुलाब पाल व राजकुमार को अपने साथ शामिल कर लिया. इसके बाद सुदामा गिरि नाम के एक अन्य युवक को 50 हजार का लालच देकर अपने साथ मिला लिया. इसके बाद चारों 19 नवंबर 2005 की रात वरुना विहार स्थित मकान पर आकर मुन्नी व उसके दोनों बेटों की हत्या कर शव को स्टोर रूम के बक्से में रखकर फरार हो गए.

इस मामले में कोर्ट ने दो अभियुक्तों गोरखपुर निवासी गुलाबपाल और चोलापुर कुरौली निवासी सुदामा गिरि को दोषी पाते हुए उम्रकैद और 30 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है. वहीं, मामले के मुख्य आरोपी कालीचरन की मुकदमे के विचारण के दौरान मौत हो गई. जबकि एक अन्य आरोपी को बाल अपचारी होने के कारण उसकी पत्रावली बाल न्यायालय विचारण के लिए भेज दी गई है.

यह भी पढ़ें: 20 वर्षों तक अनुकम्पा नियुक्ति के विवादों का निपटारा नहीं करने पर हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी

यह भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिमों के खिलाफ बढ़ते मॉब लिंचिंग के मामलों पर जताई चिंता, जारी किया नोटिस

यह भी पढ़ें: पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर हुए हमले के मामले में सुनवाई पूरी, 4 अगस्त को कोर्ट सुनाएगा फैसला

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.