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वाराणसी से दूसरे जिलों में सिटी बसों को भेजने में आयी अड़चन

उत्तर प्रदेश की सिटी बसों को वाराणसी से दूसरे जिलों में भेजने पर पेंच फंस गया है. जवाहर लाल नेहरू नेशनल अरबन मिशन द्वारा संचालित बसों को दूसरे जिलों में भेजने पर उत्तर प्रदेश परिवहन पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. सही रखरखाव न होने और गलत ढंग से संचालन के चलते बसों की हालत बद से बदत्तर हो गयी है.

वाराणसी से दूसरे जिलों में सिटी बसों के संचालन पर परिवहन विभाग ने लगाई रोक
वाराणसी से दूसरे जिलों में सिटी बसों के संचालन पर परिवहन विभाग ने लगाई रोक
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Published : Oct 5, 2020, 10:00 AM IST

वाराणसी : परिवहन निगम के द्वारा सिटी बसों के संचालन की व्यवस्था को अलग रखा गया है. जिसका सही रखरखाव न होने के कारण इन सिटी बसों की हालत खराब हो गयी है. गलत ढंग से संचालन के चलते बसों की हालत बद से बदत्तर हो गयी है. परिवहन निगम के अनुसार अफसर मनमाने तरीके से बसों का संचालन करते आ रहे थे. जिसकी जानकारी परिवहन निगम को होते ही परिवहन विभाग ने इन बसों के संचालन पर रोक लगाते हुए आपत्ति जताई है.

दूसरी तरफ इस सम्बंध में लोक सेवा समिति ने दूसरें जिलों में बसों को भेजने के सम्बंध में टैक्स का निर्धारण कर बकाया राशि को जमा करने के निर्देश दिए हैं. बकाया राशि जमा न करने की दशा में जिला प्रशासन के माध्यम से वसूली की जाएगी. शहर में सुगम संचालन के लिए 130 सिटी बसें उत्तर प्रदेश परिवहन निगम को दी गयी थीं. मगर सही रखरखाव न होने के कारण बसों की हालत खराब स्थिति में पहुंच गई है. इन बसों की हालात इतनी खराब है कि यात्री इन बसों में सफर करने से कतराते हैं. इन बसों की स्थिति को देखते हुए लोक सेवा समिति ने कड़े तेवर दिखाते हुए आपत्ति जतायी है. साथ ही अतिरिक्त कर निर्धारण करते हुए बकाया राशि जमा करने के निर्देश दिए हैं.

परिवहन विभाग के अनुसार, 102 सिटी बसों से अब तक कुल 110.67 लाख रुपयों का नुकसान हुआ है. लोक सेवा समिति ने अभिलेखों में पाया कि लगातार इन बसों का संचालन दूसरें जिलों में होता रहा है और इन बसों पर अतिरिक्त कर बनता है. फिलहाल इन सिटी बसों पर कुल 20 करोड़ रुपयों का टैक्स बकाया है.

वाराणसी : परिवहन निगम के द्वारा सिटी बसों के संचालन की व्यवस्था को अलग रखा गया है. जिसका सही रखरखाव न होने के कारण इन सिटी बसों की हालत खराब हो गयी है. गलत ढंग से संचालन के चलते बसों की हालत बद से बदत्तर हो गयी है. परिवहन निगम के अनुसार अफसर मनमाने तरीके से बसों का संचालन करते आ रहे थे. जिसकी जानकारी परिवहन निगम को होते ही परिवहन विभाग ने इन बसों के संचालन पर रोक लगाते हुए आपत्ति जताई है.

दूसरी तरफ इस सम्बंध में लोक सेवा समिति ने दूसरें जिलों में बसों को भेजने के सम्बंध में टैक्स का निर्धारण कर बकाया राशि को जमा करने के निर्देश दिए हैं. बकाया राशि जमा न करने की दशा में जिला प्रशासन के माध्यम से वसूली की जाएगी. शहर में सुगम संचालन के लिए 130 सिटी बसें उत्तर प्रदेश परिवहन निगम को दी गयी थीं. मगर सही रखरखाव न होने के कारण बसों की हालत खराब स्थिति में पहुंच गई है. इन बसों की हालात इतनी खराब है कि यात्री इन बसों में सफर करने से कतराते हैं. इन बसों की स्थिति को देखते हुए लोक सेवा समिति ने कड़े तेवर दिखाते हुए आपत्ति जतायी है. साथ ही अतिरिक्त कर निर्धारण करते हुए बकाया राशि जमा करने के निर्देश दिए हैं.

परिवहन विभाग के अनुसार, 102 सिटी बसों से अब तक कुल 110.67 लाख रुपयों का नुकसान हुआ है. लोक सेवा समिति ने अभिलेखों में पाया कि लगातार इन बसों का संचालन दूसरें जिलों में होता रहा है और इन बसों पर अतिरिक्त कर बनता है. फिलहाल इन सिटी बसों पर कुल 20 करोड़ रुपयों का टैक्स बकाया है.

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