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वाराणसी के गंगा घाटों पर जमे मिट्टी के सिल्ट, पर्यटकों को हो रही परेशानी - पर्यटकों को हो रही परेशानी

यूपी के वाराणसी में गंगा का जलस्तर लगातार तेजी से घट रहा है. पानी घटने के बाद घाटों पर जमे मिट्टी के सिल्ट पर्यटकों के लिए मुसीबत बन गए हैं. दशाश्वमेध घाट, राजेंद्र प्रसाद घाट घूमने आए पर्यटकों को इससे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

घाटों पर जमे मिट्टी के सिल्ट के कारण पर्यटकों को हो रही परेशानी.
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Published : Oct 15, 2019, 9:45 AM IST

वाराणसी: पिछले दिनों गंगा के लगातार बढ़ते जलस्तर के बाद अब पानी उतरने लगा है. ऐसे में अब वाराणसी के घाटों पर मिट्टी के सिल्ट मुसीबत बने हुए हैं. धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी घूमने के लिए देश ही नहीं बल्कि सात समंदर पार से भी पर्यटक आते हैं. ऐसे में घाटों पर जमे सिल्ट पर्यटकों के लिए मुसीबत बन गए हैं. घाट घूमने आए पर्यटकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

घाटों पर जमे मिट्टी के सिल्ट के कारण पर्यटकों को हो रही परेशानी.

घाटों पर जमे मिट्टी के सिल्ट
बता दें कि वाराणसी में गंगा का जलस्तर घटने लगा है, जिससे घाटों पर सिल्ट जमा हो गए हैं. अब तक नगर निगम ने इनकी सफाई के नहीं कराई है. वाराणसी के दशाश्वमेध घाट, राजेंद्र प्रसाद घाट और अधिकतर घाटों का यही हाल है. बहुत जगह कुछ सामाजिक संस्थाएं अपनी तरफ से मिट्टी के सिल्ट को हटाने का काम कर रही हैं. बाकी जगह साफ-साफ नगर निगम की लापरवाही दिख रही है. कुछ पर्यटक सिल्ट पर ही घूम लेते हैं तो वहीं कुछ सीढ़ियों से ही वापस लौट जा रहे हैं.

इसे भी पढ़ें:- काशी में शरद पूर्णिमा के दिन भक्तों ने लगाई मां गंगा में श्रद्धा की डुबकी

स्थानीय निवासी ने कही ये बात
स्थानीय निवासी अमरनाथ उपाध्याय ने बताया कि यह बहुत चिंतनीय विषय है. प्रशासन को इस तरफ ध्यान देना चाहिए, क्योंकि हम लोग 'अतिथि देवो भवः' परिकल्पना को साकार करने में लगे हैं, जो भी विदेशी नागरिक आते हैं, उनको यह घाटों पर गंदगी कचोटता है. इस सिल्ट को देखकर दुखी होते हैं. जो घाट के लोग हैं, जो संस्थाएं हैं, वह अपना काम कर रही हैं. फिर भी यह बहुत कम है. प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए. कुछ कदम उठाना चाहिए और त्वरित सफाई करानी चाहिए. इससे पर्यटकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यह अच्छी बात नहीं है. इससे अच्छा संदेश नहीं जाएगा.

वाराणसी: पिछले दिनों गंगा के लगातार बढ़ते जलस्तर के बाद अब पानी उतरने लगा है. ऐसे में अब वाराणसी के घाटों पर मिट्टी के सिल्ट मुसीबत बने हुए हैं. धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी घूमने के लिए देश ही नहीं बल्कि सात समंदर पार से भी पर्यटक आते हैं. ऐसे में घाटों पर जमे सिल्ट पर्यटकों के लिए मुसीबत बन गए हैं. घाट घूमने आए पर्यटकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

घाटों पर जमे मिट्टी के सिल्ट के कारण पर्यटकों को हो रही परेशानी.

घाटों पर जमे मिट्टी के सिल्ट
बता दें कि वाराणसी में गंगा का जलस्तर घटने लगा है, जिससे घाटों पर सिल्ट जमा हो गए हैं. अब तक नगर निगम ने इनकी सफाई के नहीं कराई है. वाराणसी के दशाश्वमेध घाट, राजेंद्र प्रसाद घाट और अधिकतर घाटों का यही हाल है. बहुत जगह कुछ सामाजिक संस्थाएं अपनी तरफ से मिट्टी के सिल्ट को हटाने का काम कर रही हैं. बाकी जगह साफ-साफ नगर निगम की लापरवाही दिख रही है. कुछ पर्यटक सिल्ट पर ही घूम लेते हैं तो वहीं कुछ सीढ़ियों से ही वापस लौट जा रहे हैं.

इसे भी पढ़ें:- काशी में शरद पूर्णिमा के दिन भक्तों ने लगाई मां गंगा में श्रद्धा की डुबकी

स्थानीय निवासी ने कही ये बात
स्थानीय निवासी अमरनाथ उपाध्याय ने बताया कि यह बहुत चिंतनीय विषय है. प्रशासन को इस तरफ ध्यान देना चाहिए, क्योंकि हम लोग 'अतिथि देवो भवः' परिकल्पना को साकार करने में लगे हैं, जो भी विदेशी नागरिक आते हैं, उनको यह घाटों पर गंदगी कचोटता है. इस सिल्ट को देखकर दुखी होते हैं. जो घाट के लोग हैं, जो संस्थाएं हैं, वह अपना काम कर रही हैं. फिर भी यह बहुत कम है. प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए. कुछ कदम उठाना चाहिए और त्वरित सफाई करानी चाहिए. इससे पर्यटकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यह अच्छी बात नहीं है. इससे अच्छा संदेश नहीं जाएगा.

Intro:वाराणसी में अब गंगा का पानी उतरने लगा ऐसे में अब घाटों पर मिट्टी के सिल्ट मुसीबत बने हुए हैं। धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी घूमने के लिए देश ही नहीं बल्कि सात समंदर पार से पर्यटक आते हैं ऐसे में घाटों पर जमे सिल्ट पर्यटकों के लिए मुसीबत बन गए हैं ऐसे में घाट घूमने आए पर्यटक को घाट वाक काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।


Body:कुछ पर्यटक सिल्ट पर ही घाट वाक कर रहे हैं। तो वहीं कुछ सीढ़ियों से ही वापस लौट जा रहे हैं।बता दें कि वाराणसी में गंगा का जलस्तर घटने लगा है जिससे घाटों पर सिल्ट जमा हो गए लेकिन अब तक नगर निगम में इनकी सफाई के लिए साफ लापहरवाही दिख रही हैं। हम आपको बता दें यह वाराणसी का दशाश्वमेध घाट है और राजेंद्र प्रसाद घाट अधिकतर घाटों का यही हाल है बहुत जगह कुछ सामाजिक संस्थाएं अपनी तरफ से मिट्टी के सिल्ट को हटाने का काम कर रही हैं लेकिन बाकी जगह साफ नगर निगम की लापरवाही दिख रही है।



Conclusion: अमरनाथ उपाध्याय ने बताया यह बहुत चिंतनीय विषय है प्रशासन को ध्यान देना चाहिए। क्योंकि हम लोग अतिथि देवो भावा परिकल्पना को साकार करने में लगे हैं। तन मन धन से विदेशी नागरिक जो भी आते हैं सम्मानित है।उनको यह कचोटता है। इस सिल्ट को देखकर दुखी होते होंगे यह अनुचित है। जो घाट के लोग हैं जो निवासी हैं जो संस्थाएं हैं वह अपना काम कर रही है फिर भी यह बहुत कम है प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए। कुछ कदम उठाना चाहिए और त्वरित सफाई करनी चाहिए। दूर-दूर से आने वाले पर्यटकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है यह अच्छी बात नहीं है देश में अच्छा संदेश नहीं जाएगा

बाईट :--अमरनाथ उपाध्याय,स्थनीय

अशुतोष उपाध्याय
9005099684
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