वाराणसीः काशी में पर्यटकों की सुविधा के लिए तमाम योजनाओं का संचालन किया जा रहा है. इसके साथ ही काशी को एक नए रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे यहां आने वाले लोग काशी की खूबसूरती को देखकर आकर्षित हो सकें. इसी क्रम में अब काशी में आने वाले पर्यटकों को एक खास तोहफा मिलने जा रहा है. उन्हें अब बाकायदा कबीर दास की जीवनी से रूबरू कराया जाएगा. यही नहीं इस जीवनी को कबीरदास की खूबसूरत प्रतिमा और रंग बिरंगी लाइटों से भी निखारा जाएगा.
सजाई जा रही हैं वाराणसी की सड़केंः वाराणसी में जी20 सम्मेलन होने वाला है. यहां विदेशी मेहमानों का भी आगमन होगा. इसको लेकर बाबतपुर एयरपोर्ट से लेकर गंगा घाट, रूद्राक्ष सेंटर, बीएचयू और चौका घाट से नमो घाट के बीच पड़ने वाले चौराहों को सजाया जाएगा. इन चौराहों पर वाराणसी की संस्कृति को दिखाती कलाओं का प्रदर्शन किया जाएगा. इसमें दीवारों पर चित्र से लेकर चौराहों पर प्रतिमाओं की स्थापित किया जाएगा.
कांस्य की प्रतिमा लगवाएगा संस्कृति विभागः पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय की ओर से वाराणसी के कबीर चौरा तिराहे को कबीरदास जी को समर्पित बनाया जाएगा. जी20 सम्मेलन से पहले कबीर चौरा तिराहे की सूरत बदलने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इसके तहत यहां पर जो भी खंडित प्रतिमाएं हैं, उन्हें भी बदलने का काम किया जाएगा. इनकी जगह कांस्य की प्रतिमा को लगाया जाएगा. संस्कृति विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है. मई के अंत तक इसके पूरे होने की संभावनाएं हैं.
42 लाख का खर्चः संस्कृति विभाग के अनुसार, कबीर चौरा पर लगने वाली कांस्य की प्रतिमा की ऊंचाई 7 फीट की होगी. इनका वजन लगभग 750 किलोग्राम होगा. इसके साथ ही दूसरे चरण में लाइट एंड साउंड सिस्टम भी लगाने का कार्य किया जाएगा. विभाग के अनुसार, मूर्तियों के निर्माण में 42 लाख रुपये के खर्च का अनुमान है. साथ ही साथ कबीरदास के पांचों शिष्यों की भी मूर्तियां प्लास्टर ऑफ पेरिस की जगह कांस्य की बनाई जानी है.
लोग जान सकेंगे कबीर की विरासतः कबीर चौरा पर मूर्तियों की स्थापना के साथ ही लाइट सिस्टम भी लगाया जाएगा. संस्कृति विभाग के प्रभारी डॉक्टर सुभाष यादव ने बताया कि कबीर की विरासत को सुरक्षित रखने के लिए दो अलग-अलग प्रयास किया जा रहा है. पहले प्रयास के तहत कबीर चौरा पर कबीर दास जी की प्रतिमा को लगाई जाएगी. वहीं, दूसरे प्रयास में कबीर दास जी के संग्रहालय को स्थापित करने की कवायद चल रही है. यहां पर उनसे जुड़ी हुई तमाम दस्तावेज और अन्य सामग्रियों को सुरक्षित रखा जाएगा, जिससे काशी आने वाले पर्यटक कबीर दास के जीवन के बारे में जान सकेंगे. उन्होंने बताया कि इसके साथ ही जी20 समिट को ध्यान में रखते हुए भी इसकी सजावट भी बेहतर ढंग से की जाएगी. इससे यहां पर लोगों को कबीर के साथ ही वाराणसी की भी झलक देखने को मिलेगी. यह एक आकर्षण का केंद्र बनेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी पहलः साल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन मूर्तियों को लगवाने की पहल की थी. इस दौरान सीएसआर फंड से पिपलानी कटरा पर प्रतिमाओं को लगवाया गया था. इसके बाद एक दुर्घटना में ये प्रतिमाएं साल 2021 में खंडित हो गई थीं. इसके बाद स्वकर्म संस्था के रवींद्र सहाय ने संस्कृति निदेशालय से इसके निर्माण के लिए मांग की थी. अब लगभग 2 साल बाद इस विषय को गंभीरता से लेते हुए निदेशालय ने प्रक्रिया शुरू की है. ऐसे में स्थानीय लोगों को भी उम्मीद है कि जल्द ही ये प्रतिमाएं ठीक हो जाएंगी.
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