वाराणसी : पुलवामा हमले में शहीद हुए वाराणसी के लाल रमेश यादव का पार्थिव शरीर जब उनके गांव पहुंचा तो हाथ में तिरंगा लेकर स्वागत के लिए पूरा गांव खड़ा था. तिरंगे में लिपटे लाल के स्वागत में तिरंगा आसमान में लहरा रहा था. सभी ताबूत में बंद अपने लाल को कंधा देने के लिए आगे आ रहे थे. बस अफसोस इस बात का था कि लाल अपने स्वागत को देख नहीं सकता था.
गम के माहौल के बीच शहीद रमेश के परिजनों की दहाड़ आसमान में गूंज रही थी, जिसको देखकर हर कोई अपने आंसू को रोक नहीं पा रहा था. जिस बेटे को मां-बाप वर्दी पहने हुए घर आते-जाते देखा करते थे, आज वह कफन में लिपटकर घर लौट है. मां को यकीन भी नहीं हो रहा है कि उनका लाल अब इस दुनिया में नहीं है. इन सबके बीच लाल के घर में सिर्फ शोक की गूंज है और आंसुओं से पूरा गांव भीग चुका है.
शहीद रमेश का अंतिम संस्कार बलुआ घाट पर किया जाएगा, जिसके लिए पार्थिव शरीर को शासन-प्रशासन के लोग लेकर निकल चुके हैं. हालांकि परिजनों में शुरुआत में आक्रोश का माहौल था. उनका कहना था कि जब तक शहीद रमेश के बड़े भाई घर नहीं आ जाते हैं, तब तक वह अतिम संस्कार नहीं करना चाहते हैं. शहीद के बड़े भाई कर्नाटक में रहते हैं और अभी तक घर नहीं पहुंच पाए हैं. केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे से आश्वासन मिलने के बाद परिजन अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए हैं.