वाराणसी: सारनाथ के तिब्बती संस्थान में तिब्बती समुदाय के लोगों ने बुधवार को 62वां तिब्बती क्रांति दिवस मनाया. इस मौके पर तिब्बत मुक्ति आन्दोलन के तत्वावधान में तिब्बत की आजादी के लिए आत्मदाह करने वाले तिब्बतियों की आत्मा की शांति के लिए भगवान बुद्ध से प्रार्थना की गई.
इस मौके पर केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान परिसर में प्रो. लोबसंग तेनजिंग ने तिब्बती राष्ट्र ध्वज और भारत का राष्ट्रीय ध्वज का ध्वजारोहण किया. इसके बाद तिब्बती राष्ट्र गान और क्रांति गीत से पूरा परिसर गूंज उठा. 62वें तिब्बती क्रांति दिवस के मौके पर तिब्बती शिक्षा संस्थान के अनाद पिंडद सभागार में तिब्बत की निर्वासित सरकार के प्रधानमंत्री डॉ. लोबसंग संज्ञेय एंव तिब्बती सांसद द्वारा भेजे गये संदेशों को पढ़ा गया.
इसके बाद इस दौरान प्रो. लोबसंग तेनजिंग ने कहा कि चीन ने तिब्बत में हमारी संस्कृति व मठों को नष्ट किया, इसे बचाने के लिए तिब्बती युवाओं को शिक्षा व संस्कृति के प्रति समर्पण भावना लानी होगी. कार्यक्रम का संचालन भिक्षु संग्गे तेनजिंग व धन्यवाद ज्ञापन डॉ. लाकपा छेरिंग ने किया. इस दौरान डॉ. जम्पा समतेंन, चोंगा छेरिंग, जायग दुन्दुप, लोबसंग, भिक्षु राबलिंग, भिक्षु लोबसंग छोटून अन्य लोग लोग मौजूद थे.
तिब्बती क्रांति दिवस के मौके पर सारनाथ के केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान में तिब्बती समुदाय के लोगों ने तिब्बती झंडा लेकर तिब्बत की आजादी के लिए आवाज बुलंद की. बताते चलें कि वाराणसी के सारनाथ में भी तिब्बत की आजादी के लिए एक भिक्षु ने आत्मदाह किया था.
तिब्बतियों ने मनाया क्रांति दिवस - tibetans revolution day
चीन से तिब्बत की आजादी की मांग को लेकर भारत में रह रहे तिब्बती समुदाय के लोगों ने बुधवार को 62वां तिब्बती क्रांति दिवस मनाया. इस मौके पर वाराणसी के केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान में कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
वाराणसी: सारनाथ के तिब्बती संस्थान में तिब्बती समुदाय के लोगों ने बुधवार को 62वां तिब्बती क्रांति दिवस मनाया. इस मौके पर तिब्बत मुक्ति आन्दोलन के तत्वावधान में तिब्बत की आजादी के लिए आत्मदाह करने वाले तिब्बतियों की आत्मा की शांति के लिए भगवान बुद्ध से प्रार्थना की गई.
इस मौके पर केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान परिसर में प्रो. लोबसंग तेनजिंग ने तिब्बती राष्ट्र ध्वज और भारत का राष्ट्रीय ध्वज का ध्वजारोहण किया. इसके बाद तिब्बती राष्ट्र गान और क्रांति गीत से पूरा परिसर गूंज उठा. 62वें तिब्बती क्रांति दिवस के मौके पर तिब्बती शिक्षा संस्थान के अनाद पिंडद सभागार में तिब्बत की निर्वासित सरकार के प्रधानमंत्री डॉ. लोबसंग संज्ञेय एंव तिब्बती सांसद द्वारा भेजे गये संदेशों को पढ़ा गया.
इसके बाद इस दौरान प्रो. लोबसंग तेनजिंग ने कहा कि चीन ने तिब्बत में हमारी संस्कृति व मठों को नष्ट किया, इसे बचाने के लिए तिब्बती युवाओं को शिक्षा व संस्कृति के प्रति समर्पण भावना लानी होगी. कार्यक्रम का संचालन भिक्षु संग्गे तेनजिंग व धन्यवाद ज्ञापन डॉ. लाकपा छेरिंग ने किया. इस दौरान डॉ. जम्पा समतेंन, चोंगा छेरिंग, जायग दुन्दुप, लोबसंग, भिक्षु राबलिंग, भिक्षु लोबसंग छोटून अन्य लोग लोग मौजूद थे.
तिब्बती क्रांति दिवस के मौके पर सारनाथ के केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान में तिब्बती समुदाय के लोगों ने तिब्बती झंडा लेकर तिब्बत की आजादी के लिए आवाज बुलंद की. बताते चलें कि वाराणसी के सारनाथ में भी तिब्बत की आजादी के लिए एक भिक्षु ने आत्मदाह किया था.