वाराणसी: बीएचयू के इतिहास विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबिनार का शुभारंभ बुधवार को हुआ. विभागाध्यक्ष प्रो. केशव मिश्र ने तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबिनार में कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन की अवधि का रचनात्मक उपयोग करने पर जोर दिया.
बीएचयू के पूर्व कुलपति महान कृषि वैज्ञानिक प्रो. पंजाब सिंह ने लॉकडाउन के दौरान सामाजिक व औद्योगिक जीवन प्रक्रिया को कृषि सन्दर्भ से जोड़ने की कोशिश की. प्रोफेसर ने व्यक्तिगत रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर भी जोर दिया. साथ ही सामाजिक स्तर पर स्थानीय उत्पादों का उपयोग बढ़ाने की वकालत की.
महामारी में प्रवासन की प्रक्रिया तेज
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता यूरोपियन यूनिवर्सिटी के चांसलर प्रो. मोहन कांत गौतम थे. प्रो. मोहन ने भारतीय इतिहास को रेखांकित करने की कोशिश की और बताया कि सांख्यिकीय आंकड़े यह निर्देशित करने वाले हैं कि महामारी के दौरान प्रवासन की प्रक्रिया तेज होती है.
विशिष्ट अतिथि व जयप्रकाश नारायण विश्वविद्यालय छपरा बिहार के पूर्व कुलपति प्रो. हरीकेश सिंह ने तर्क दिया कि कोविड-19 के इस संकट के दौरान जिस असामान्य अनिश्चितता की तरफ मानव उन्मुख होगा, वह सभी सन्दर्भ महत्वपूर्ण होंगे. इस आपदा के मानव जनित होने और इसके उद्भव को सीधे चीन की बायोलॉजी लैब से जोड़कर देखा गया.