वाराणसी: आज की सुबह काशी के लोगों के लिए कुछ अलग ही थी. अलग इसलिए क्योंकि बनारस के आसमान में अचानक से इतने बड़े-बड़े गुब्बारे (बैलून) दिखाई देने लगे. जिसे देखकर हर कोई बस यही सोच रहा था कि आखिर ये गुब्बारे आए कहां से. गुब्बारों की संख्या भी दर्जनों में थी. अचानक से इतने बड़े-बड़े गुब्बारे देखकर हर कोई उत्साहित भी था और सशंकित भी, लेकिन बाद में जब लोगों को पता चला कि ये गुब्बारे बनारस के पर्यटन कारोबार को गति देने के लिए हवा में उड़ रहे हैं तो लोगों ने राहत की सांस ली.
दरअसल, वाराणसी में आज से 3 दिवसीय बैलून फेस्टिवल की शुरुआत हो गई. देव दीपावली पर पर्यटकों को एक यादगार तोहफा देने के लिए पर्यटन विभाग और वाराणसी प्रशासन ने मिलकर इस फेस्टिवल का आयोजन किया है.
शुरू हुआ बैलून फेस्टिवल
19 नवंबर को देव दीपावली उत्सव काशी में मनाया जाना है. इससे पहले काशी में पर्यटकों को एक यादगार तोहफा देने के लिए पर्यटन विभाग और वाराणसी प्रशासन ने मिलकर आज से 3 दिवसीय बैलून फेस्टिवल की शुरुआत की है. इस बैलून फेस्टिवल में बनारस में गंगा उस पार डुमरी इलाके से 11 बैलून हवा में उड़ाए गए. वहीं, हॉट एयर बैलून में लोगों को भी बैठाया गया और इन बैलून के जरिए बनारस की अद्भुत छटा आसमान से देखने को मिली.
विदेशों से आये 11 बैलून
कमिश्नर दीपक अग्रवाल का कहना है कि इन हॉट एयर बैलून स्कोर विश्व के अलग-अलग देशों से खास तौर पर इस बैलून फेस्टिवल के लिए मंगवाया गया है. मलेशिया, कनाडा, यूके समेत अलग-अलग हिस्सों से 11 बैलून बनारस पहुंचे हैं. एक बैलून में 3 से 4 लोगों के बैठने की क्षमता है. फिलहाल इन बैलून्स में अभी कुछ विशेष लोगों को ही सैर करवाई जाएगी. 3 दिनों तक एंकर लॉक के जरिए भी बैलून में पर्यटकों को ले जाया जा सकता है, लेकिन बनारस की सैर के लिए विशिष्टजनों में पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित लोग, कुछ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी, कोरोना वारियर्स, समेत सामाजिक संस्थाओं से जुड़े लोगों को तवज्जो दी जाएगी.
शाम को होने वाले एंकर लॉक कार्यक्रम में पर्यटक टिकट लेकर इसका फायदा उठा सकते हैं. कमिश्नर का कहना है कि यह ट्रायल के तौर पर शुरू किया गया आयोजन है. यदि सफल होता है तो बनारस में प्रमाण है बड़े बैलून पर्यटकों के लिए उड़ाए जाएंगे.
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